Monday, January 9, 2012

वापिस अपने देश में

इस साल हम लोग जुलाई १० तारीख २०११ में के एल एम एयर लाईन्स से अमेरिका गए थे ! अमस्टर डम में हमें ६ घंटे इंतज़ार करना पड़ा, वर्ना यह एयर लाईन्स काफी सुविधा जनक रही ! अमस्टर डम एयर पोर्ट के बाहर चारों ओर जहाँ तक भी नजर जाती थी कुदरती खूब सूरती साफ़ सफाई, हालैंड कितना विकसित देश है का अहसास दिला रहा था ! अमेरिका की घड़ी उस समय दिन के ३ बजा रही थी जा हमारा जहाज कनैडी एयर पोर्ट न्यू यार्क पर उतरा था ! पांच महीने मैं और मेरी पत्नी अपने बच्चों के साथ अमेरिका में रहे ! वाशिंगटन डी सी ह्वाईट हाउस देखने भी गए ! इस सफ़र में करण हमारे साथ था ! वहां कालोनी के अंदर ही स्विमिंग पूल है, छोटे बच्चों के लिए और बड़ों के लिए ! टेनिस कोर्ट है और बास्केट बौल खेलने का कोर्ट, घूमने फिरने के लिए कृत्रिम पहाडी और पहाडी के ऊपर रंग बिरंगे पौधे और फूल, सुबह सबेरेकी लालिमा के साथ वातावरण को बहुत ही खुशनुमा बना देते हैं ! हमारे साथ करण भी था ! उसने हमें हर स्थान की जानकारी दी ! जैसा नाम वैसे ही ह्वाईट हाउस अमेरिका के राष्ट्रपति का निवास व् कार्यालय ! एक पूरा दिन यहाँ बिताया ! अगले दिन हम लोग वापिस न्यूयार्क पहुंचे ! इन्हीं दिनों न्यूयार्क में अटलांटिक महासागर में भयानक तूफ़ान आया ! काफी नुकशान हुआ ! लेकिन ये तो अमेरिका है, इस तरह के तूफ़ान यहाँ कही बार आए, काफी कुछ बहाकर ले गया लेकिन अमेरिका फिर उठ खड़ा हो गया जैसे कुछ हुआ ही नहीं। समय बड़ी तेजी से आगे बढ़ता रहा ! पुराने दोस्त दूर होते गए, नए मिलते रहे ! राजेश ने म्यल वेळ में अपना मकान ले लिया है, यह स्थान पूरानी जगह से ज़रा दूर पड़ता है इसलिए अद्य प्रशाद सिंह जो हमारे पड़ोसी थे से मिलना जुलना भी कम होगया था ! हाँ राजेश के एक टी के पुराने के युद्धवीर सिंह के पापा मम्मी वहीं आए हुए थे, उनके साथ हमारे दोस्ती के सम्बन्ध बहुत मजबूत हो गए थे ! वे लोग २८ सितम्बर को इंडिया वापिस आ गए थे ! बी एम चौधरी जी चंडीगढ़ में रहते हैं ! बड़े ही अच्छे इंसान हैं ! समय निकालता रहा, अत्रे और वेदांत के साथ समय का पता भी नहीं चला और १२ दिसम्बर को के एल एम एयर लाईन्स से हम लोग वापिस भारत आ गए !