Sunday, February 28, 2010
२७ फरवरी थर्ड मैच
Saturday, February 27, 2010
होली आई
रंग मंहगा, भंग मंहगा, भंग पीने होली आई ।
भांग धतूरा झोली डाले, गेरवा पहिने साधु आया,
खाली भंग का प्याला हाथ में, उसने टोली को खिखाया ।
क्या होगया है खोली को, भंग की उस गोली को,
सब तो अब मंहगा हुआ , खेलें कैसे होली को ।
भांग धतूरा लाया हूँ मैं, आओ पीलो मेरे संग।
मौज मस्ती आएगी, देखलो इसका भी रंग।
और सब ने पी लिया, बेहोश होकर गिर पड़े,
कुछ खड़े थे मस्ती में आपस में लड़ पड़े ।
साधु ने निकाले पर्श उनके और नदारत होगया,
नशा तो उतारा मगर १० हजार रुपया खो गया ।
नेशनल बजट २०१०-11
Friday, February 26, 2010
सुखी कौन है ?
ज्यादा पैसे वाला, बड़ी नाक वाला, रिश्वखोर, जमाखोर, चोर डकैत, हेरा फेरी करने वाला, सरकारी जमीन जबरन हथियाने वाला, कभी सुखी नहीं रहता । आज ही एक समाचार पेपरों में आया है की बिहार के एक विधायक ने जिसके पिता बिहार विधान सभा में मंत्री हैं, ने अपनी पत्नी और च महीने की पुत्री को मार कर स्वंम आत्म ह्त्या कर दी । जिस घर में असीमित धन अनैतिक तरीके आता है, उस घर की सुख शान्ति छु मंतर हो जाती है। वहां क्लेश, झगडा, मारपीटऔर तनाव पूर्ण मौहोल बना रहता है । ऊपर से सी बी ऐ का छापा कभी भी इस परिवार की काली कमाई को बाजार में नुमायास लगा दे ।
Thursday, February 25, 2010
क्रिकेटर और सैनिक
दूसरी ओर आतंक वादियों से वीरता से लड़ते हुए देश की आन वान और शान को बचाते हुए सेना का एक कैपटेन देवेन्द्रसिंह शहीद हो गया। यह वीर अपने मां बाप का एक ही लड़का था, अभी केवल २६ साल का था और २००७ में सेना में आफिसर रैंक से इसने प्रवेश किया था । सोमवार - मंगलवार रात को जम्मू-काश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए देश पर कुर्वान होगया, छोड़ गया अपने पीछे रोते हुए माता-पिता को अपनी प्यारी सी बहिन को। इसने इंजिनीयरिंग में डिग्री ले रखी थी, एम बी ए की डिग्री इसके पास थी, सिविल में किसी मल्टी कंपनी में नौकरी पा सकता था, लेकिन उसने सेना में जाना और बड़े से बड़ा रिश्क उठाना अपना लक्ष्य तय कर लिया था । सिग्नल कोर में प्रवेश पाकर भी बहादुरी का काम करने के लिए उसने पैरा कमांडो ज्वाइन किया । सेना में रिश्क है, देश के खातिर मर मिटने जजवा है, लेकिन न पैसा है, न कोई पावर है, और न एक जगह ठिकाना है । इससे बड़ी पावर तो एक पुलिस थानेदार की है । जगह जगह पोस्टिंग होती रहती है बच्चों की पढाई लिखाई में भी विवधान पड़ता है । इसी लिए आज के दिन तीनो फोर्सेस में ऑफिसर्स की करीब २० - २५ हजार जगहें खाली पडी हैं । अच्छे नव जवान ऊंची डिग्री लेकर बड़ी बड़ी पे परक लेकर ऐस की जिन्दगी बिताते हैं । एक उदाहरण के अनुसार सचीन तन्दूलकर की एक साल की आय पूरे पचास करोड़ के लग भग आंकी गयी है और एक सेना के जनरल की ज्यादा से ज्यादा १५ लाख । बड़ी ड्यूटी कौन सी है, देश के लिए कुर्वान होना या क्रिकेट में सेंचुरी बनाना ? २५ फरवरी के पेपरों में पहला और स्पोर्ट्स पेज केवल सचीन के गुण गानों से भरा था, राष्ट्रपति प्रधान मंत्री की बधाई छपी थी, और कैप्टेन देवेन्द्र की खबर "वे आतंकवादियों के साथ वीरता से लड़ते हुए शहीद हुए" पेज तीन पर छपा था । न किसी रक्षा मंत्री ने शोक सन्देश भेजा न जनता के किसी जागरूक नागरिक ने इस खबर पर गौर किया । हाय रे सैनिक तेरी यही कहानी, देश के लिए जिया देश के लिए मरा। फिर किसी ने याद भी नहीं किया !
Wednesday, February 24, 2010
२४ फरवरी २०१० - सचीन और ममता दीदी
२५ फरवरी के तमाम पेपरों का पहला पृष्ट ममता बनर्जी और सचीन तन्दूल कर के फोटों से भरा था ।
इधर पार्लियामेंट में ममता जी के जोर दार पटाके फट रहे थे और यूं पी ए सरकार के मंत्री संतरी ताली बजा रहे थे, उधर ग्वालियर में साउथ अफ्रिका के खिलाफ सचीन के धुंआदार चौके छके लग रहे थे । भारत - साउथ अफ्रिका का दूसरा एक दिवसीय मैच था । भारत ने पहले बैटिंग संभाली । सहवाग तो ९ रन बनाकर पैविलियन लौट गया था, २५ रन पर पहला विकेट गिरा । सचीन और दिनेश कार्तिक की जोड़ी ने रनों की झाड़ी लगाते हुए स्कोर को २१९ तक पहुंचाया । कार्तिक ७९ रन बना कर आउट हुआ । फिर युसूफ पठान आया, उसने ३६ रन बनाए, तीसरा विकेट ३०० रन पर गिरा । अब धोनी (कैप्टेन ) और सचीन की जोड़ी ने स्कोर को ४०१ तक पहुंचा दिया । पहल्र्र बार भारत एक दिवसीय मैच में चार सौ का लक्ष्य पार कर पाया । सचीन के २०० रन (नौट आउट ), धोनी ६८ (नौट आउट) । एक दिवसीय मैच को खेलते हुए ३९ साल हो गए हें(१९७१ से शुरू हुआ वन डे मैच) और अभी तक २९६२ एक दिवसीय मैच खेले जा चुके हैं । विश्व स्तर पर २०० रन एक दिवसीय मैचमें सची पहला खिलाड़ी है। अभी तक १९४ रन चार्ली, (जिम्बाबे), और सईद अनवर (पाकिस्तान) दो थे, १८९ बनाने वाले विवेन रिचार्ड (वेस्ट इंडीज ) और जय सूर्य (श्री लंका) के थे, सचीन का पिछला रिकार्ड १८६ रनों का था । इसने आज तक ४६ एक दिवसीय शतक , और ४७ टेस्ट शतक बना लिए हैं, शतक सेंचुरी से केवल ७ की दूरी। टेस्ट मैचों में १३४४७ रन और एक दिवसीय मैचों में १७५९८ रन बना चुके हैं सचीन । राष्ट्र पति और प्रधान मंत्री ने भी इन्हें बधाई सन्देश भेजे हैं । ३६ साल पूरे होने वाले हैं और क्रिकेट जीवन का २१वान साल लग रहा है, जिऊ सचीन, आपकी उम्र बढे, सियत अच्छी रहे यह शुभ कामना हम जैसे दर्शक दे सकते हैं ।
Tuesday, February 23, 2010
रेलवे बजट
Monday, February 22, 2010
चोरी डकैती, बलात्कार और अपहरण
दक्षिण अफ्रीका और भारत फिर आमने सामने
Sunday, February 21, 2010
मेरा नाम खान
Friday, February 19, 2010
भारत नंबर वन
Wednesday, February 17, 2010
आर्नव का पहला जन्म दिन
सदा भवानी दायिनी गौरी पुत्र गणेश,
पञ्च देव रक्षा करें ब्रह्मा विष्णु महेश!
ब्रह्मा विष्णु महेश, जन्म दिन आर्नव का आया,
सरदी में भी दिनकर ने अच्छी धूप दिखाया !
दादा कहे सुनों भी बच्चो कुछ ऐसा कर दिखलाओ,
आर्नव हैपी बर्थ डे, कह कर मस्ती मौज मनाओ !
मधुर स्वर कानों में बजने लगे हैं, गगन में सितारे सजने लगे हैं !
गन्धर्वों की टोली होकर मगन स्वरों में स्वरों को मिलाने लगे हैं !
हल चल मची है जल थल में देखो, झरने भी झंकार करने लगे हैं,
बागों में रंगीन फूलों की पंक्ती हिल हिल के आर्नव को बुलाने लगे हैं!
आर्नव का पहला जन्म दिन मनाने, मधुर स्वर में कोयल भी गाने लगी है!
नन्नी सी चिड़िया पेड़ों पे बैठे, स्वर ताल में वे गाने लगी हैं!
हंसों का जोड़ा चुगने को मोती, ताल तालियों में आने लगे हैं,
पंखों को फैला ठुमक ठुमक कर खुशी का इजहार करने लगे हैं।
देने को आशीष आर्नव को दिगपाल भी पुष्प गिराने लगे हैं,
परी लोक के परियों का दल भी महफ़िल को देखो सजाने लगे हैं !
हर फूल में हैं गुण गुनाते भंवरे खुशबू फूलों की फैलाने लगे हैं !
मधुर स्वर कानों में बजने लगे हैं, गगन में सितारे सजने लगे हैं !
१६ फरवरी २०१० दिन है मंगल वार,
एक साल का आर्नव हुआ, आशीष बारम्बार,
आशीष बारम्बार, दादा दादी गोद बिठाएं,
नाना बड़े प्रेम से इसको अपने गले लगाएं !
तुम्ही बता दो प्यारे आर्नव तुम्हे मैं क्या दूं,
जोर से बोलो नन्ने बचो "हैपी बर्थ दे तो यू "!
Tuesday, February 16, 2010
हर कदम एक संघर्ष है
कोटद्वार में मैंने कभी एक स्वप्न देखा था की मेरा भी एक दिन इस नगरी में एक घर होगा । एक प्रोपर्टी डीलर पर भरोषा किया और एक लाख पचास हजार रुपये बयाने के तौर पर दे दिए। लेकिन विडम्बना तो देखिये न प्लाट मिला न ही दिया हुआ बयाना वापिस मिला । हाँ उसने दो चेक दे दिए थे जो बौंस होगये थे । मैंने उससे बात करने की काफी कोशीश की लेकिन उसने कोइ जबाब नहीं दिया। लाचार होकर जिन्दगी में पहली बार मैंने किसी के ऊपर केस किया, आई पी सी ४२० के तहत । ११ फरवरी को मेरा बयान था, इसलिए मैं १० तारीख को ही सुबह की बस से कोटद्वार के लिए रवाना हो गया था । दो बजे मैं कोटद्वार पहुँच गया था । ११ तारीख को कोर्ट में हाजिरी दी, १२ तारीख को महाशिव रात्री थी, उधर दिल्ली से मेरी पत्नी, ब्रिजेश, बिंदु, दोनों बच्चे अर्शिया और आर्नव भी कोटद्वार पहुँच गए थे, कोटद्वार से टैक्सी ली, शोभा, श्रेया और उसके पापा के साथ हम सब हरिद्वार कुम्भ नहाने के लिए गए। साढे नौ बजे हमने स्नान कर लिया था, १० बजे से नागा साधुओं तथा अखाड़े के साधू महात्माओं का साही स्नान था। बड़ी संख्या में लोगों ने इन सन्यासियों के दर्शन किये। स्नान करने के उपरान्त हम लोग फिर चंडी मांई के दर्शन करने गए । शाम को लालढांग होते हुए वापिस कोटद्वार आये और १४ फरवरी को वापिस दिल्ली आगये । कुम्भ स्नान का अपना ही विशेष महत्त्व होता है और हमारी कुम्भ स्नान करने की अभिलाषा पूर्ण हो गयी । कोटद्वार में सिद्ध बली मंदिर में गए। मंदिर में बिरला ग्रुप ने इस ऐतिहासिक मदिर की काया पलट ही कर दी, आज यह मंदिर प्रयाटकों का आकर्षण का केंद्र बन गया है ।
Tuesday, February 9, 2010
विश्व नंबर वन साउथ अफ्रीका के साथ
Friday, February 5, 2010
मोनिका
भगवान इंसान से
क्यों तोड़ता है फूल तू और कलियों को मसलता,
देख सुन्दरता वनों की दिल तेरा क्यों मचलता,
इस गुलशन की महक को क्यों मिटाना चाहता है,
गुन गुनाते भंवरों को क्यों हटाना चाहता है।
क्यों काटता है पेड़ तू और पौधों को मिटाता,
प्रदूषण का जहर क्यों तू नदियों में है मिलाता ।
क्यों मिटाता जा रहा है कुदरत की शान को,
सोच ले कुछ देर तू तज अपने अभिमान को ।
मैंने बनायी थी धरा ये जीव जंगल के लिए,
और हर पर्वत शिखर पर थे टिमटिमाते दिए ,
तैने दिए क्यों बुझाए और पर्वत क्यों ढाये,
क्यों अपनी गन्दगी को उज्वल हिमालय पर गिराए?
कुदरत के नव रंग को तू बदरंग कर गया,
और गुलशन के चमन को विरान है तू कर गया !
अपने कुकर्मों के बोझ से अब तू क्यों बेचैन है,
दिन तो कभी का ढल चुका हो गयी अब रैन है ।
अब भी संभल कर काम कर ये धरा बच जाएगी,
नहीं तो सब मिट जाएगा जब प्रलय आ जाएगी ।