Monday, May 31, 2010

समस्याओं में घिरी दिल्ली

हाँ यह दिली है स्वतंत्र भारत की राजधानी, जहां विश्व भर के सारे लोग अपनी परम्पराओं और कलचर का विशेष ध्यान रखते हुए बड़ी संख्या में निवास करते हैं ! इस समय यानी मई-जून २०१० में दिल्ली की गद्दी पर कांग्रेस कई जाने अनजाने पार्टियों के सहयोग से पिछले ६ सालों से बैठी है, सरदार मन मोहनसिंह जी प्रधान मंत्री हैं लेकिन सरकार चलाने का रिमोट कंट्रोल मैडम सोनिया गांधी के हाथ में है ! वे तमाम सहयोगी दलों की चीफ भी हैं ! उनके लाडले बेटे राहुल गांधी कांग्रेस में अपनी जड़े गहराई तक जमाने के लिए नित नए नए प्रयोग करते जा रहे हैं, वे कभी अचानक गरीबों की झुग्गी झोपडी में रात बिता आते हैं तो कभी अनाथ बच्चों के साथ कबड्डी खेलते नजर आते हैं ! अब तो कांग्रेस लौबी के पुराने धुरंधर जो प्रधान मंत्री की कुर्सी पर बैठने के स्वप्न देख रहे थे, कहने लगे हैं, "मन मोहनसिंह जी कुर्सी छोड़ो राहुल को आने दो " ! सोनिया जी को उनके विदेशी मूल का होने की वजह से भारत की बड़ी संख्या ने प्रधान मंत्री स्वीकार नहीं किया, तो उन्होंने सबसे इमानदार, शरीफ वफादार व्यक्ति को इस कुर्सी पर बिठा कर रिमोट अपने हाथों ले लिया ! दिल्ली में जो प्रगति हो रही है बढ़ती हुई आबादी के कारण रोज नगण्य होती जा रही है ! मेट्रो ने दिल्ली ही नहीं बल्की अगल बगल के शहर गुडगाँव, नोएडा फरीदाबाद गाजियाबाद तक को जोड़ दिया ! जगह जगह फ्लाई ओवर लेकिन बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण सडकों पर जाम ज्यों का त्यों है ! बिजली पानी दम तोड़ती नजर आ रही है ! प्रदूषण का जहर बड़ी तेजी से बढ़ता जा रहा है ! शास्त्रों में वर्णित पवित्र यमुना नदी नदी न रह कर एक गंधे नाले में तब्दील हो गयी है ! दिली सरकार, केंद्र सरकार चौकनी है, कही बार इस नदी को सफाई करने का अभियान भी चलाया गया है करोड़ों रुपये खर्च भी हुए हैं लेकिन यमुना औरभी गंधी होती जा रही है ! माफिया हर मोड़ पर भारी पर रहे हैं, दिनदहाड़े चोरी डकैती, ह्त्या, किडनैपिंग, व्यभिचार, दुराचार भ्रटाचार बदता जा रहा है ! नेता बढ़ रहे हैं उनकी सुरक्षा दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी बन जाती है तो आम आदमी की सुरक्षा का सवाल कहाँ उठता है ? दिल्ली दिल वालों की है जहाँ आसमान को चुने वाले भी हैं तो जमीन नापने वाले भी हैं, आलीशान महलों बंगलों में रहने वाले भी हैं जिनके बंगलों के आगे फुवारे, स्वीमिंग पूल, टेनिस बास्केट बॉल कोर्ट हैं, पूरी कोठी बंगला वातानुकूल है, वहीं तपती धूप में सडकों के किनारे परिवार के साथ गरीबों की एक बड़ी भारी फ़ौज दिल्ली की समस्याओं से जूझ रहे हैं ! जगह जगह सडकों पर भीख माँगने वाले नंगे भूखे बच्चे की सेना हर रेड लाईट पर नजर आ जाती है ! यह है मेरी दिल्ली आम आदमी तो संघर्षों से जूझ ही रहा है कभी बिजली के लिए, कभी पानी के लिए तो कभी सफाई के लिए तो कभी भीड़ भरी बसों और मेट्रो में सफ़र करने के लिए ! आज यहीं तक !

समस्याओं में घिरी दिल्ली

Wednesday, May 26, 2010

रुचिका को मरने के बाद न्याय मिला

एक बार फिर मीडिया ने एक दुर्दांत इंसान रूपी शैतान को फिर से हीरो बना दिया ! हरियाणा के भूतपूर्व ड़ी आई जी एस पी एस रा ठोर जिसने २० साल पहले अपनी लड़की के बराबर की १४ साल की रुचिका गिरहोत्रा को सताया था, तब यह दुष्ट सुरक्षा कर्मियों की एक सबसे ऊंची कुर्सी पर बैठा था, वह समझता था की ऊपर केवल नीली छतरी वाला है और नीचे धरती पर केवल मैं ही मैं हूँ ! एक वेचारी बे माँ की नादान लड़की, किससे अपना दुखड़ा कहती, ले देके एक सहेली अराधना थी उसी को इस भेडिये की कार गुजारी रो रो कर सुनाई ! सहेली भी असहाय लेकिन जीवट और संघर्ष करने वाली थी अन्याय के खिलाफ ! दिलेर थी, उसने पुलिस में रिपोर्ट लिखाने की कोशीश की, लेकिन पूरी पुलिस तो उसकी जेब में थी, जिसे गुहार लगाई वह रा ठो र का ही आदमी निकला ! लेकिन वह भी अपने नाम की अराधना थी, पुलिस वालों के जुल्म सहे, उनके परिवार वालों को धमकी दी गयी ! रुचिका के भाई को झूठे केस में फंसाया गया, इन पर दबाव बनाया गया की केस वापिस ले लें नहीं तो सारों को जेल में सडा दिए जाओगे ! ओ हो, इंसान इतना गिर सकता है, इतना आतताई निर्दयी और शैतान बन सकता है यह इस केस में देखने को मिला ! धरती पर चलने फिरने वाला दो पावों और दो हाथ का प्राणी हाथ पैर मार सकता है, ऊपर वाले के के डंडे के आगे तो वह एक निर्बल प्राणी है, २० साल बीत गए, रा ठो र अब पुलिस का पेंशनर बन गया, तस्वीर बदल गयी, इस भेडिये की असलियत सबके सामने आगई दूध का दूध और पानी का पाने हुआ ! रुचिका यह सब देखने के लिए नहीं रही लेकिन अब उसकी आत्मा को स्वर्ग में शांती मिलेगी ! और रा ठोर जैसा शैतान नरक गामी होगा !

Monday, May 24, 2010

खबरों के जंगल में

गुरु जी शिबू सोरेन रोज पैतरा बदलता रहा, भाजपा को उल्लू बनाता रहा और झूठी पद प्रतिष्टा के खातिर भाजपा उल्लू बनाती रही ! कुर्सी का नशा, पैसों का नशा इंसान को आदमी से शैतान बना देता है ! और यही हालत आज झारखंड में कांग्रेस, भाजपा की हो रही है ! पिछली बार कांग्रेस ने एक बिना पार्टी के एक अफ़राधों में लिप्त व्यक्ति को प्रदेश का मुख्या मंत्री बना दिया था और उसने और उसके परिवार तथा रिश्तेदारों ने प्रदेश को खूब लूटा, क्या हुआ उसका, वह तो अभी भी अपनी नाक ऊंची करके चल रहा है ! गुरु जी का अफराध सर पर चढ़ कर बोल रहा है और पहले कांग्रेसियों ने अब भाजपा वालों ने उसको सर चढ़ा लिया ! वहां रोज पार्टियों का आपस में राजीनामा होता है और फिर टूट जाता है ! इन भ्रष्टाचार नेताओं का क्या जाता है भुगतना तो आम जनता को पड़ता है !
प्रधान मंत्री मन मोहन सिंह का दूसरी पारी का एक साल पूरा हो गया है, कांग्रेसी बढ़ चढ़ कर अपनी उपलब्धियों का ढीन्डोरा पीट रहे हैं, अपनी नाकामी का ज़िकर आते ही खपा हो जाते हैं ! प्रधान मंत्री ने निम्न विषयों पर अपनी प्रतीक्रिया व्यक्त की ! माओवाद के वारे में उनका कहना है की मावोवाद देश का सबसे बड़ा आंतरिक खतरा है ! अभी तक ये हत्यारे एक साल के अन्दर करीब ११०० लोगों की ह्त्या कर चुके हैं ! वे खुद्द मानते हैं की केंद्र प्रदेश व मंत्रियों की आपसी खींच तान से समस्या अधिक जटिल हो रही है ! अभी तक मावोवादियों से निपटने का केंद्र सरकार के पास कोइ उपाय नहीं है, शायद सेना की सहायता लेनी पड़े !
मंहगाई - प्रधान मंत्री कहते हैं की अगर अंतरराष्ट्रीय मार्केट में पेट्रोल डीजल की कीमत बढ़ेगी तो महंगाई बढ़ेगी, लेकिन आने वाले समय में इस पर रोक लग जाएगी ! भगवान जाने कैसी रोक लगेगी, कहीं जनता के कार्य कलापों पर ही रोक न लग जाए ! भ्रष्टाचार और बढ़ते हुए अफ़राधों पर प्रधान मंत्री नकेल लगाने वाले हैं, साथ ही भ्रष्ट मंत्रियों की वकालात भी स्वयं ही करते हैं ! वे खुद मानते हैं की "अगर सरकार चलानी है तो भ्रष्ट मंत्रियों को झेलना ही पडेगा, " ! असल में वे खुद भी शर्मींदा हैं लेकिन मजबूर हैं मैडम का आदेश जो मानना पड़ता है !
पाकिस्तान के साथ सम्बन्ध सुधारने का अभियान - कांग्रेस सरकार ने पहले कहा था की पाकिस्तान जब तक २६/११/२००८ में मुंबई ह्त्या काण्ड में सामिल हत्यारों को सजा नहीं देती शांती वार्ता शुरू नहीं हो सकती ! लेकिन अमेरिका तथा योरोपियन देशों के दबाव में सरकार को न चाहते हुए भी पाकिस्तान से शांती वार्ता शुरू करनी पद रही है ! वैसे दबी आवाज में सही, मन मोहन सिंह जी ने अपने मंत्रियों को जो जगह जगह बकवास करते रहते हैं उन्हें अपना मुंह बंद करने की हिदायत दी है !
अफजल गुरु की फांसी में देर क्यों हो रही है, इसका कोंई संतोष जनक उतर उनके पास नहीं है ! अपने विरोधियों के खिलाफ सी बी आई का इस्तेमाल करने का वे खंडन करते हैं ! लालू प्रशाद - मुलायमसिंह और मायावती के खिलाफ केस वापिस क्यों लिए गए, जबाव देने के वजाय वे चुप्पी साध गए !
एक सवाल के जबाब में उन्होंने जोर देकर कहा कि जब सोनिया जी कहेंगी वे राहुल गांधी के लिए प्रधान मंत्री की सीट छोड़ देंगे ! वैसी भी नरशिंघा राव सबसे कमजोर प्रधान मंत्री था लेकिन उसके सर के ऊपर कोंई मैडम नहीं बैठी थी ! यहाँ बेचारे प्रधान मंत्री को स्वयं कोंई निर्णय लेने का मौलिक अधिकार नहीं है ! समाचार समाप्त हुए ! जय हिंद

Thursday, May 20, 2010

हम आगे जा रहे हैं या पीछे

हमारा देश धर्मनिरपेक्ष, प्रजा का प्रजा द्वारा प्रजा के लिए, प्रजातांत्रिक, गणराज्य है ! यहाँ हमारा अपना सविधान है, हरेक को जीने का अधिकार है, बोलने, लिखने, भाषण देने का अधिकार है, जम्मू कश्मीर के अलावा देश के किसी हिस्से में जमीन खरीदने, बसने बसाने का अधिकार है ! चोर डकैत आतंकवादी नक्शल पंथी, मावोवादी, वोडो, पाकिस्तानी, बंगला देशी और बहुत से असामाजिक तत्व कुछ भी करें जब तक पकडे न जाँय उन्हें घुमने फिरने का आधिकारहै, सरे आम, आम जनता से उसकी कार, जमा पूंजी चेन स्नेचिंग करने की पूरी छूट है! वरिष्ट नागरिकों को बेरहमी से मार कर उनकी जमा पूंजी को ठिकाने लगाने की पूरी छूट है ! देश में पुलिस है, सुरक्षा गार्ड है, सैनिक तथा अर्ध सैनिक बल हैं, लेकिन इनका काम नेता, अभिनेताओं, शासक, प्रशासकों की जान की हिफाजत करना है, आम आदमी की नहीं ! कमाल की बात तो यह है की सविधान में सरकार को आम जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गयी है, लेकिन इनका तर्क है की अगर कोई नेता, भ्रष्ट है, अफ़राधी है, सरकारी खजाने से चोरी करता है, तो क़ानून तो बाद में फैसला करेगा, पहले जनता फैसला कर देगी, ताकी न्यायालय तथा पुलिस इन हत्यारे, अफ़राधों में लिप्त नेताओं को सजा सूना सके, उनकी सुरक्षा जरूरी हो जाती है ! उन्हें स्पेशल सुरक्षा दी जाती है, जेल में स्पेशल सुविधाएं मुहिया कराई जाती है, प्रजातंत्र की सारी सुविधाएं देश के कर्णधारों को है न की आम आदमी को, बिलकुल सविधान के प्रतिकूल ! इन नेताओं ने संविधान की परिभाषा अपने हितों को ध्यान में रख कर संविधान विशेष-यज्ञों से करवाई है ! फिर भी देश चल रहा है, मावोवादी निर्दोष सुरक्षा कर्मियों तथा सिविलियनों को मार रहे हैं, सरकार आँख खोलती है फिर चिर निद्रा के आगोश में चली जाती है छोड़ कर आम जनता को ईश्वर के भरोशे !! जयहिंद !!!

Tuesday, May 18, 2010

पत्नी का जन्म दिन

हाँ मेरी पत्नी का जन्म दिन १८ मई को पड़ता है और कमाल तो देखी ठीक ६ महीन बाद यानी १८ नवम्बर को मेरा जन्म दिन पडेगा ! ६ मार्च को हमने अपनी ५० वीं शादी की गोल्डेन जुबली मनाई थी और रचनाकार के पाठकों ने हमें ढेर सारी शुभकामनाएं दी थी ! रचनाकार के माध्यम से हम सारे पाठक लेखक कवि, ब्यंगकार साहित्यकार एक छतरी के नीचे आकर एक परिवार के रूप में साहित्य सेवा कर रहें और रचनाकार के प्रबंधक श्री रवि जी हमारा मार्ग दर्शन कर रहे हैं और हमारी रचनाओं को अपने मीडिया में स्थान दे रहे हैं ! १८ मई २०१० ! हरेन्द्र

पत्नी का जन्म दिन

Monday, May 17, 2010

आज की ताजी खबरें

नक्शल माववादियों ने फिर छत्तीस गढ़ दंतेवाड़ा में एक पुलिस फ़ोर्स की बस को उड़ा दिया गया, करीब ५० लोग मारे गए, जिनमें १८ विशेष पुलिस दल के अधिकारी थे ! लोग मारे जा रहे हैं, दिल्ली में मनमोहनसिंह जी मौन बैठे हैं, गृह मंत्री कुछ करना चाहते है पर नक्षलवाद से जुड़े सांसद, मंत्री उन्हें कुछ करने ही नहीं देते ! एक बम धमाका होता है, केंद्र सरकार की कुर्सियों में जलजला आजाता है, अर्द्ध सैनिक बल व स्थानीय पुलिस की टुकड़ी मारी जाती है, हथियार लुटे जाते हैं, सरकार के सारे महकमे हरकत में आजाते हैं, ऐसा लगता है की सरकार अब के नकशल वाद को जड़ से ही उखाड़ फेंक देगी, आंधी थमी और जोश ठंडा पड जाता है ! गृह मंत्रालय चेतावनी देता है इन आततायियों को, "अब के धमाका करो, तुम्हारा नामों निशान मिटा देंगे," फिर धमाका हो जाता है, और ये नेता अगली दुर्घटना का इंतज़ार करने लग जाते हैं ! लंगडी सरकार जिसने टांग, हाथ, कान, आँखें यहाँ तक दिल और दिमाग भी उधार का ले रखा हो, वह तो सदा असमर्थ ही रहेगी ! सेना अर्द्ध सैनिक, पुलिस बल के जवान अधिकारी मर रहे हैं, इनका क्या जा रहा है, वेतन भता अपनी इच्छा के मुताबिक़ मिल रहा है, आलीशान महल, सभी सुविधावों से लबालब वातानुकूल, कबड्डी खेलो, या बैद मिन्टन, स्वीमिंग करो, या फिर कुस्ती, किसने रोका है, पांच साल तो हैं ही, आगे भगवान और देगा ! (पेज १ टाईम्स आफ इंडिया)
अफजल गुरु को सुप्रीम कोर्ट से फांसी की सजा मिल चुकी है, बचने के सारे रास्ते बंद हैं, करोड़ों रूपया जनता का पैसा इसकी सुरक्षा और सियत पर खर्च हो रहा है, २००६ में उसने भारत के राष्ट्रपति से क्षमा याचना की थी, वह फाईल तब से दिल्ली सरकार के पास पडी है, कोई कारवाही इस पर नहीं हुई ! शेला जी तो फाईल इतने दिनों तक दबा नहीं सकती, कोई दभंग नेता ही इस फाईल पर फन फैलाए बैठा है ! कहते हैं फांसी लगाने में उसका लिस्ट में २२ वां नंबर है (टाईम्स आफ इंडिया १८ मई २०१० पेज ३)

मई का महिना

मई का महीना हर साल गर्मी की एक नयी डिग्री लेकर आता है, दिल्ली की बढ़ली हुई जनसंख्या में पानी बिजली की बुरी खबर दे जाता है, हरियाणा सरकार ने दिल्ली का पानी रोक दिया, बिजली की खपत ज्यादा होने से तथा वी वी आई पी /वी आई पी , केंद्र सरकार के वरिष्ट व् कनिष्ट अधिकारियों के लिए बिजली की बचत करने के लिए आम आदमी की बिजली में कटौती ! जमीन के पानी का स्तर काफी नीचे चला गया है, जब पानी नहीं बिजली नहीं तो बाहर से न्योते पर बुलाए पार्टियों के वोट बैंक कहाँ जाएंगे, नेता के बंगलों में, भीतर वातानुकूल नेता बाहर आ नहीं सकते, वोटर को भीतर बुला नहीं सकते, दरवान से संदेसा भिजवा देते हैं, "नेता जी ने कहा है बस एक दो दिन की बात है, टेहरी डांम से पानी छूटने ही वाला है वह आप ही लोगों के लिए तो है, बस दो या तीन दिन ज्यादा से ज्यादा हप्ता या महीना, फिर पानी की बौछारें, फुहारें, जितना चाहो पानी मिलेगा ! खूब नहाओ अपने पालतू कुते बिल्लियों को नहलाओ, सुराही या घड़ा भरो और जी भर कर पियो !" सब्ज बाजार दिखा दिया लोली पोप या मीठी गोली खिला दी, पानी-बिजली मिले न मिले नेताओं के वोट पके हो गए !@ बड़े बड़े लोगों के बगीचे फूल फल रहे हैं, फुहारे चल रहे हैं, उनके माली और माली परिवार भी इन फुहारों में डरते डरते भीग जाते हैं, सड़क के बाहर खड़े हुए लोग हवा में लहराते हुए बूंदों में ही खोजाते हैं ! चलो इंद्र देवता ने कृपा करदी तो जल्दी ही मानसून आ जाएंगे, मन को बहला लेते हैं ! पानी नहीं बिजली नहीं चारों और गन्दगी बढ़ गयी ! फिर भी भारत का दिल है दिल्ली डटे रहेंगे, दिली से सटे रहेंगे कभी तो लहर आएगी, आम आदमी को पानी बिजली जीने का हक़ दिलाएगी !

Wednesday, May 12, 2010

नेता हैं या ....?

कल चंडीगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष ने लालू और मुलायमसिंह को जिन अलंकारिक शब्दों का प्रयोग किया, अगर वे तथा उनके गुर्गे भी ऐसे ही मधु भरे रसास्वादन शब्द तुम्हे भी कह दे तो बताओ कैसे लगेगा ? वैसे चले हैं राजनीति के बाजपेयी तथा राहुल बनने के लिए और इनके भाषण इतने निम्न स्तर के ! जोश में होश खो देना एक अच्छे लीडर शिप की पहिचान नहीं हो सकती है ! ऊंची कुर्सी वह भी देश की कभी नंबर वन कभी नंबर टू पार्टी ! मजे की बात तो यह है की यह वह पार्टी है जिसने भारतीय संस्कृति, सभ्यता, परम्पराओं, आचार-व्यवहार, भाषा का जिम्मा अपने कन्धों पर ले रखा है, उसका पार्टी अध्यक्ष ऐसे अशोभनीय और अपशब्दों का प्रयोग करता है, जिसको कहा गया, उनका कुछ भी नहीं बिगड़ा लेकिन नितिन गडकरी जी आपकी जवान गंदी हो गयी ! वे भले आपको माफ़ कर दें लेकिन देश की जनता आप को माफ़ नहीं करेगी !
पुलिस के दावे की वे वरिष्ट नागरिकों की सुरक्षा का ध्यान रख रहे हैं, खोखले पड़ जाते हैं जब हर रोज अखबारों की सुर्ख़ियों में आया है की अमुक पोश कालोनी में लुटेरों द्वारा एक नागरिक की ह्त्या कर दी गयी है, हत्यारे को कोइ सुराग नहीं ! पुलिस का काम समर्थ और जागरूक करते हैं और जान गवांते हैं ! हन्नी संसंवाल ने गुंडों से एक अवला लड़की की इज्जत बचाते बचाते स्वयं की जान गंवादी ! (टाईम्स आफ १३ मई १०) निठारी काण्ड में सुरिंदर कोली को फिर मृत्यु दंड की सजा पर मकान मालिक पंढेर को क्यों बचाया जा रहा है ! यह सारे जघन्य अफराध उसकी कोठी में हुए और उसको खबर भी नहीं, गले उतरने वाली बात नहीं है ! सी बी ई किसी बड़े राजनीतिग्य के इशारों पर पढेर को बचा रही है, लेकिन जनता की अदालत उसे माफ़ नहीं करेगी ! ब्रिटेन के नए प्रधान मंत्री डेविड कैमरों बन गए हैं ! वे कंजर्वेटिव पार्टी के नेता हैं ! वे ४३ साल के मैं और उनके डिपुटी निक्क क्लेग्ग भी ४३ साल के हैं ! बस

धोनी की सेना

धोनी की सेना कमर कसकर टी २० के विश्व कप रूपी संग्राम में गाजे बाजों के साथ निकल पडी थी, जलवा दिखाने के लिए ! चेन्नई की टीम के कप्तान धोनी ई पी एल के चेम्पियन बन गए थे, उन्हें पूरा विश्वास था की उनकी सेना २००७ की तरह इस साल भी विश्व कप जीत कर लाएगी ! हथियार और अम्युनिसन लेकर चमक दमक के साथ, लम्बी चौड़ी डींगे भरते हुए, चले थे वेस्ट इंडीज की समर भूमि में ! अफगानिस्तान और साउथ अफ्रीका को जीत कर आगे बढ़ती गयी ! अब इस सेना के हौसले इतने बुलंद थे की आने वाली कठिन और अनजान रास्तों का सही ज्ञान न होने के बावजूद बिना किसी नयी प्लानिंग और टैक्टिस के आँख बंद कर बढ़ते रहे ! नदी नाले, पर्वत शिखर, जंगल और समुद्रों को लांघ कर ये विजयी झंडा लेकर आगे बढ़ते गए ! इन्हें लगा की आगे के दुश्मन सेना भी अफगानिस्तान की तरह ही होगी ! फिर भिडंत हुई आस्ट्रेलिया के कंगारुओं से ! यहाँ करारी हार का सामना करना पड़ा ! काफी नुकशान हुआ ! दिल्ली से नयी रसद और नए जवानों को भेजने की गुजारिस की गयी, लेकिन बी सी सी ई वालों ने इनकी प्रार्थना अनसुनी कर दी, फिर लगते रहे झटके पर झटके, वेस्ट इंडीज ने हराया फिर लंका के चीतों ने इनका ऐसा पीछा किया की दिल्ली आकर ही इन्हें होश आया ! टीम के जावाज मुरली विजय, केवल एक मैच में विजयी रहे बाकी के मैचों में मुरली बजाते रहे ! युवराज, नाम बड़े दर्शन छोटे ! युसूफ पठान, अन्दर के शेर, बाहर तो नजर ही नहीं आए ! हरभजन को मौका ही नहीं मिला ! धोनी एक रविन्द्र जडेजा को बालर के तौर पर लेकर गए थे, उसने इतने चौके छक्के दिए की विपक्षी टीम ने रनों की झड़ी लगा दी ! अब हमारी टीम की हालत इतनी पतली हो गयी है की वेस्ट इंडीज छोडते हुए उन्हें शायर की ये पंक्तियाँ याद आ गयी, "बड़े बे आबरू होकर तेरे कुचे से हम निकले, हम तो नहीं निकले पर हमारा दम निकले" !

Tuesday, May 11, 2010

खबरों के जंगल में

परसों ९ मई को भारत की दिग्गज क्रिकेट टीम को एक तीसरी श्रेणी की टीम वेस्ट इंडीज ने मात्र १४ रनों से हरा कर इनकी इज्जत का फलूदा बना दिया, वैसे ये सेमी फाईनल से बाहर हैं, लेकिन किस्मत का पका हुआ आम इनकी झोली में गिर जाए और श्री लंका को कम से कम २० रनों या १७ ओवरों से हरा दें तो इनकी किस्मत एक बार फिर से जाग सकती है ! उधर पाकिस्तान सेमी फाईनल में पहुँच गया है ! अमेरिका को जब पाकिस्तानी आतंकवादी को न्यू यार्क टाईम्स स्क्यार में बम रखने का दोषी पाया तब उसकी नींद खुली ! भारत कही दिनों से अमेरिका को सावधान कर रहा था की पाकिस्तान विश्वसनीय देश नहीं है, इसको ज्यादा खैरात मत बांटो, यह अमेरिका से मिली रकम को इन आतंकवादियों को फलने फूलने में मदद दे रही है, उस समय तो इन्हों ने हमारी एक न सूनी, अब सर पर पर पडी तो श्रीमती क्लिंटन, विदेश मंत्री अमेरिका ने पाकिस्तान आकर खरी खरी सुना दी, की पाकिस्तानी सरकार के कर्मचारियों को पता है की ओसामा बिन लेदीन और मुल्ला उम्र कहाँ है, लेकिन वे जान बुझ कर उन्हें छुपाए हुए हैं, "अब पाकिस्तान सरकार इसके एजेंट, सुरक्षा एजेंसी संभल जाओ, अगर ज्यादा होशियारी दिखाई तो खैरात बंद कर दी जाएगी ! ब्रिटेन में चुनाव हुए लेकिन किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला, वैसे कंजर्वेटिव सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है ! देखो किसकी सरकार बनती है ! इस चुनाव में लेबर पार्टी को बड़ा धक्का लगा पर हल्का सा ! ईराक अभी तक अमेरिका का जी का जंजाल बना हुआ है, दो बमों ने वहां ८४ लोगों को मौत के घाट उतार दिया है, इसमें अमेरिकन सेना और नाटो की सैनिक टुकड़ी भी सामिल है ! प्रधान मंत्री मन मोहनसिंह को अब लगने लगा है जय राम परियावरण राज्य मंत्री का मुंह ज्यादा हे खुलने लगा है, उसपर या लगाम कसनी पड़ेगी या फिर मंत्री मंडल से बाहर का रास्ता दिखाना पड़ेगा, सोनिया जी भी यही सोच रही हैं ! सुप्रीम कोर्ट में अम्बानी भाइयों के झगड़े में बड़े भाई मुकेश अम्बानी के हक़ में फैसला सूना दिया है ! मंसूरी में एक दस साल के स्कूली बच्चे शिवम् सोनी की रहस्यमय ढंग से एक होटल में मौत हो गयी ! पुलिस तलाश कर रही है और कारण ढूंढ़ रही है जैसा पुलिस सदा से करती आ रही है ! सारे समाचार टाईम्स आफ इण्डिया ११ मई के अंक से ! समाचार समाप्त हुए, जय हिंद !

Monday, May 10, 2010

खबरों के जंगल से

पहले चलते हैं सहारा क्या कहता है। एक खबर के अनुसार आई आई टी में अप्लाइड मेकेनिकल इंजिनीयर के एक विद्यार्थी ने एक ऐसे यंत्र का आविष्कार किया है जिसको फुटओवर ब्रिज के दोनों किनारों पर फिट कर दें, तो पैदल चलने वाले के पैर के दबाव से बिजली तैयार हो जाएगी ! ब्रज के ऊपर चलने से पैर के एक बार दबाने से लगभग डेढ़ बोल्ट बिजली पैदा हो जाती है, बार बार दबाने इतनी बिजली पैदा हो जाएगी की विद्युत् चालित छोटे छोटे यंत्र आसानी से प्रयोग में लाए जा सकते हैं ! छात्र लिखता है की इस यंत्र के वर्तमान स्वरूप को थोड़ा सा भी परिष्कृत करने पर इससे उत्पन हुई बिजली को संगृहीत करने पर उसे इनवर्टर से जोड़ दिया जाए तो जरूरत के समय इसे बिजली ली जा सकती है ! इस पर खर्चा भी कम लगेगा !
क्रिकेट मैदान में भारतीय अविजित टीम की हवा निकल गयी और वह ९ मई को वेस्ट इंडीज के हाथों मात्र १४ रनों से हार कर सेमी से बाहर हो गयी है ! उधर पाकिस्तान भी बाहर हो गया ! इससे दोनों को रोते हुए भी एक दूसरी की मट्टी पलीत होते देख कर संतोष है ! भारत पहले मैच में ७ मई को आस्ट्रेलिया से हार चुका है ! धोनी अब अपना सर धुन रहे हैं ! दिल्ली में लुटेरों ने पुलिस वर्दी में एक एयर फ़ोर्स के जवान को लूट लिया ! दूसरी ओर गुंडों ने एक सी आर एफ के जवान से ३५ हजार रुपये लूट लिए ! दिल्ली की से एम को मारने की धमकी देने वाला पकड़ा गया ! रूस कहता है की अफगानिस्तान-पाकिस्तान बौडर पर करीब ४० आतंवादियों के ट्रेनिंग कैम्प हैं, जो पाकिस्तान की जानकारी में है लेकिन वह उन्हें हटा नहीं पा रहा है ! आने वाले दिनों में ये आतंकवादी पाकिस्तानियों को लेकर डूबेंगे ! सन १९७१ की पाकिस्तान- हिन्दुस्तान की लड़ाई संबधी फाइलें बर्बाद की जा चुकी हैं ! इस लड़ाई की खासियत यह थी की इससे पाकिस्तान से बंगलादेश एक अलग देश बना तथा पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल के साथ ९० हजार सैनिक भारतीय सेना ने बंदी बनाए थे जो बाद में छोड़ दिए गए ! दिल्ली बवाना में दिल्ली सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों के लिए कम कीमतों पर हजारों फ्लेट तैयार किये हैं जो उन्हें चुनाव के समय अलॉट किये जाएंगे, लेकिन खबर है की उन फ्लेटों पर दलालों ने कब्जा कर रखा है और दनादन या तो बेच रहे हैं या किरायों पर चढ़ा रखे हैं ! (टाईम्स आफ इंडिया १० मई २०१० पेज २) ! छतीसगढ़ में हाई वे सड़क बनाते वक्त नक्षलवादियों ने रोड ठेकेदारों से मिलकर सडकों की गहरी में वारुदी सुरंग दबा रखी हैं और जब भी कोंई सुरक्षा फ़ोर्स गाड़ियों से इन सडकों से गुजरता है छिपे हुए दुश्मन रिमोट कंट्रोल से उन्हें उड़ा देते हैं ! पुलिस के आला कमान तो यहाँ तक कहते हैं की छतीसगढ़ के सारे जंगलों में नक्षलवादियों ने माइन बिछा रखे हैं ! दिल्लीकी केंद्र सरकार अभी भी जाग जाओ, अभी समय है नहीं तो काफी देर हो जाएगी और पछताने के अलावा कुछ हाथ नहीं आने का ! आज बस इतना ही ! जय हिंद

Saturday, May 8, 2010

सांड गुस्से में था

एक दिन शाम को मैं कार्यालय से
घर आ रहा था,
बीच गली में एक भारी भरकम सांड खड़ा था,
लाल लाल आँखे, मुझे घूर रहा था,
लाल आँख वाले सांड से बचना,
मेरे बुजुर्गों ने कहा था !
मैं पीछे मुड़ा, "इधर आ उसने मुझसे कहा !
भाग रहा है बच्चू, आज बनाऊंगा तुम्हारा कच्चू ,
तुम्हारे दो टाँगे हमारी चार,
सींगों पर उठाकर पहुंचा दूंगा जमुना पार !
बहुत सताया है इस आदमी की जात ने हमारी विरादरी को,
तुमने बहुत खेल लिया अब मैं खेलूंगा इस पारी को !
मेरे सींग बल्ला तुझे गेंद बनाउंगा, मार के बौंडरी पार पहुंचाउंगा !
अरे सता में सरकार भी तो यही कर रही है,
स्वयं सचीन बन कर
जनता को बैट बौल की तरह नचा रही है,
हम तुम्हारे हल लगाते रहे,
तुम बदले में हमारी पीठ पर डंडा बरसाते रहे,
खुद हमारी मेहनत का माल पूवा और हमें खाली भूसा खिलाते रहे !
अब लालू की तरह मवेशी चारा खावो,
और हमारी विरादरी को वोट देकर संसद में पहुँचाओ ,
नहीं तो, तुम्हे यह सींघ दिखाई दे रहे हैं,
ये तुम्हे अन्तरिक्ष में पहुंचा देंगे,
और सांड और बैल गाय बछियों हम धरती पर राज करेंगे, "
यह कहते हुए वह मेरी ओर भागा
एक भयानक गर्जना रूपी गोला दागा,
"बचाओ बचाओ" कहते कहते मैं चिल्लाया,
अचानक आँखें खुली, अपने को डबल ब्याड के नीचे पाया !
पत्नी मेरे सीने पर मालिस कर रही थी,
"सोते सोते बडबडाते हो " बुद बुदा रही थी !

सांड गुस्से में था

Friday, May 7, 2010

खबरों क्र जंगल में

सुबह सबेरे मैं अखबार की सुर्ख़ियों को सरसरी निगाहों से देख रहा था, एक सज्जन पास आए और पूछने लगे, रावत जी क्या समाचार हैं ? कहाँ ज्वालामुखी फटा, कहाँ तूफ़ान आया, कहाँ भगदड़ मची, कितने प्राणी कुचले गए, कितनी डकैती पडी, कितनों की जेबें कटी, कितनी चैन स्नेच की गयी, कितने आतंकवादी पकडे गए, सरकार उन पर कितना धन लुटा रही है, कितनों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनायी है और कांग्रेस सरकार के महारथियों ने कितनो को बचाने के लिए फायलें दबा कर रख दी ? इतने सारे सवाल और केवल एक मैं जबाब देने वाला ! मैंने कहा, ज्वालामुखी जहां पहले फटा था वहीं फिर फट गया, तूफ़ान आया था झारखंड में और वहां की सरकार टूटन के कगार पर है, तूफ़ान आया संसद में जहां लालू प्रशाद यादव ने नयी जन गणना में अवैद्ध पाकिस्तानी और बंगलादेशियों को स्पेशल दर्जा देने की पेशकश की ताकी उनका वोट लालू जी की झोली भरती रहे, इस पर अनंतकुमार ने लालू जी से कह दिया की "आप बंगलादेश/पाकिस्तान के तरफ हो या हिन्दुस्तान की तरफ, लालू ताव खा गए, गुस्से में भरकर चारों सांसदों को लेकर अनंत कुमार को पकड़ने, खूब तू तू मैं मैं हुई, कुछ शीशे कुर्सी माईक भी टूटते नजर आए ! ड्रामा बड़ा मजेदार था हीरो लालू, बस आज यही तूफ़ान था ! चोर, डकैती बड़ी मात्रा में पडी हैं, कांग्रेस सरकार पूरे पुलिस महकमे से फिगर हासिल करने में जुट गयी है, चेन स्नेचिंग करीब ह़जार हुई पर वे सारी नकली थी और चेन छिनने वाले अपना सर फोड़ रहे हैं ! अजमल अमीर कसब को जज एम एल तहलियानी ने मृत्यु दंड की सजा सूना दी है, कब फांसी लगेगी यह तो केंद्र सरकार के महारथी मंत्री संतरी ही बता पाएंगे ! हाँ एक बात जरूर है की फांसी पाने वालों की काफी लम्बी लाईन लग चुकी है और उन में से ज्यादा आतंकवादी ही है, फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी जिन्दगी बचाए रखना सरकार की जिम्मेदारी बन जाती है ! उनके खाने पीने पर तो जनता की खून पसीने की करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, साथ ही सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है ! देश के राजनीतिज्ञों की तरह ही इनका भी जेल में आदर सम्मान वीवीईपी समझ कर किया जाता है ! सरकार का क्या जाता है वह आज है कल नहीं है लेकिन जनता और उसकी मेहनत से कमाया पैसा तो इन दुर्दांत भेड़ियों को मिलाता ही रहेगा ! अफजल गुरु को तो सुप्रीम कोर्ट भी फांसी दे चुकी है लेकिन वह अभी भी सरकार का महिमान बनकर छाती पर दाल दल रहा है ! भगवान जाने कब मिलेगा छुटकारा इन हत्यारों देश द्रोहियों से ! आज कल वेस्ट इंडीज में विश्व क्रिकेट कप चल रहा है ! पूरे भारतीयों का ध्यान अपनी क्रिकेट टीम पर ही है की देखें धुरंदर क्या शगूफा खिलाएंगे ! ७ मई को तो आस्ट्रेलिया ने इनको ४९ रन से पछाड़ कर इनको जमीन दिखा दी ! आगे आगे देखे होता होता क्या ?

Tuesday, May 4, 2010

और अचानक चहरे से मुस्कान गायब हो गयी

मैं सेना का अवकाश प्राप्त अधिकारी हूँ ! जिन्दगी का एक बहुत बड़ा हिस्सा देश को दिया और बदले में हमारे प्यारे भारत देश ने मुझे पेंशन देकर बाकी रही सही जिन्दगी को शान से जीने का अवसर दिया ! पेंशन तो आगया था, बच्चे स्कूलों में पढ़ रहे थे, पेंशन इतनी नहीं थी की इससे बच्चों को भी पढ़ा सकता, और सर के ऊपर के लिए एक छत भी ड़ाल सकता ! बड़ी मेहनत करनी पडी, लेकिन फ़ौज में बनाया हुआ शरीर था, परेशानी नहीं हुई, फ़ौज के रूल यहाँ भी कायम थे, समय पर उठना, टहलना, व्यायाम करना और समय पर अपनी ड्यूटी पर जाना ! मेरी जीवन संगिनी मेरे से एक कदम आगे रहती थी, भारतीय नारी है, पहले उठना, मेरे साथ घूमने जाना, हल्का सा व्यायाम करना, नास्ता और लंच तय्यार करना, मुझे समय पर ड्यूटी पर भेजना, बच्चों को स्कूल के तैयार करना उनकी हर मांग पूरी करना ! गाडी यहाँ सिविल में भी पटरी पर अच्छी स्पीड से चलने लगी ! इन दिनों एक शौक 'योगा' का लगा, और मैंने और मेरी पत्नी ने जनकपुरी में बिना कोई नागा किए 'भारतीय योग संथान से पांच साल योगा सीखा, घर में उसका अभ्यास किया ! अब हम दोनों आदमी योगा के बल पर तंदुरस्त हैं, तथा बच्चे सभी अपने अपने आफिसियल कार्यों में मस्त हैं ! हम बच्चों के साथ ही हैं !
ईश्वर की दया से द्वारका में फ्लेट में रहने का अवसर मिला, जहां लम्बे चौड़े पार्क, छायादार पेड़, फूलों की क्यारियाँ और उनमें रंग बिरंगे फूल और फूलों की महक ! सुबह की ताजी हवा, घूमने के लिए साफ़ सुथरी चौड़ी सड़कें, पार्कों में मखमली घास ! इस मखमली घास में योगा सिखाने वाले गुरुओं से योगा अभ्यास ! इन पार्कों में सभी तरह के लोग आते हैं, अपनी अपनी मन पसंद की क्रीडाएं करते हैं और हंसते खेलते हुए घर चले जाते हैं ! इनमें बच्चे भी हैं, जवान भी तथा बुजुर्ग नर नारी भी हैं ! मैं तथा मेरी पत्नी ने भी पार्क में योगा अभ्यास करना शुरू किया ! धीरे धीरे लोग हमारे कैम्प में आने लगे ! हम यहाँ योगा करते हैं, शेर की गरजना करते हैं, खिलखिलाकर हंसते हैं, प्राणायाम तथा चक्षु व्यायाम का भी अभ्यास करते हैं ! एक दिन एक सज्जन अपनी पत्नी के साथ मेरे पास आए और योगा सिखाने की इच्छा जाहिर की, मैंने उन्हें अगले दिन से समय पर योगा कैम्प ज्याइन करने को कह दिया ! अचानक श्रीमान जी ने मुझ से मेरी उम्र पूछ ली, मैंने उनसे कहा, "अनुमान से बताओ कितनी होगी ?" उन्होंने कहा "फ़ौजी पेंसनर हो एकूरेट तो बता नहीं सकता फिर भी आप ५०-५५ के आस पास के लगते हो ! " मैंने हामी भर दी और बात आयी गयी हो गयी ! वे दोनों चल दिए अपनी घर की और ! और हमने भी अपना आसन फोल्ड किया बगल में दबाया और चहरे पर हल्की सी मुस्कान लिए हुए उनके पीछे एक दूरी बना कर चलने लगे ! श्रीमान की पत्नी बोली, "तुम इतने सयाने होते हुए भी किसी के चहरे को देख कर उसकी उम्र का अंदाजा नहीं लगा सकते हो ! ये योगा टीचर तुम्हे ५०-५५ का लगता है, ६०-६५ का खूसट बुढा लगता है !" आदमी बोला, लगता तो मुझे भी इतना ही था, लेकिन कल से योगा जो सिखाना है उनसे, थोडा सा मक्खन लगा दिया, खुश कर दिया हमारा क्या गया ?" उनका तो कुछ नहीं गया लेकिन मेरे चहरे की मुस्कान गायब हो गयी ! अभी भी इन्तजार है किसी भद्र पुरुष के मुंह से यह सुनने के लिए की "रावत जी क्या बॉडी बनाके रखी है , अभी तो ५५ के आस पास के लगते हो " !

बिजली और पानी

दिल्ली में इस साल अप्रेल में ही ताप मान ने कही ऊंचाइयां छू पिछले कही रिकार्ड तोड़ डाले ! वो तो धन्य हो इंद्र देवता की क़ि उसने हल्की वारीश की बुँदे गिरा कर मई के महीने का स्वागत किया है ! दिल्ली सरकार और सारे दिल्ली में ऊंची ऊंची कुर्सियों में बैठे हुए शासक प्रशासक अपने आराम दायक कार्यालयों या फिर अपने आलीशान बंगलों में वातानुकूल ठंडी वायु सेवन से अपनी सयत बना रहे हैं और वहीं से जनता जनार्दन का अभिवादन कर रहे हैं की "दिल्ली के नागरिको अगर आपने हमारी पार्टी को वोट देकर सता की कुर्सी पर नहीं बिठाया होता तो आज हम भी आप लोगों की तरह पानी की बाल्टी लेकर दर दर की ठोकरें खाते, या मच्छरों से परेशान किसी अँधेरे कमरें में बैठे बिजली आकाओं की आरती उतारते ! हम दिल्ली अपना भाग्य लेकर नहीं आये थे, लेकिन आपने हमारा भाग्य बना दिया ! अरे आपको तो खुश होना चाहे की आपके चहेता नेता मजे से सता का आनंद ले रहे है, उसके बच्चे कान्वेंट में पढ़ रहे हैं, दिल्ली को स्वर्ग बना रखा है जनता के खून पसीने की कमाई से ! अगर आप लोगों को पानी नहीं मिल रहा है, बिजली नहीं आ रही है, ठीक ढंग की सड़कें नहीं हैं, सीवर लाईने ओपन चारों और दुर्गन्ध फैला रही हैं, सडकों के दोनों तरफ ठेली वाले, पटरी वाले, फ्रयुट या सब्जी बिक्रेता, रिक्शा वाले सडकों को घेर कर आने जाने वालों को रास्ता नहीं देते, पैदल रास्ते दुकान दारों ने जबरदस्ती हथिया रखें हैं, तो इतनी सी बातों से आप लोग घबरा क्यों जाते हैं? बड़े बड़े शहरों में ऐसी छोटी छोटी घटनाएँ तो होती ही रहती हैं ! हौशला रखिये हम हैं ना, आपके बच्चों को स्कूलों में दाखिला नहीं मिल रहा, ज़रा इंतज़ार तो कीजिए, इंतज़ार का फल हमेशा मीठा होता है ! घरों में बिजली नहीं, और सडकों पर दिन के १२ बजे तक बिजली जलती रहती है ! इस बात को मैंने कही बार संसद में उठाया है, सरकार ने आयोग बिठा रखा है अगले साल तक रिपोर्ट जाएगी और दोषी को सजा दी जाएगी ! मुझे पूरी खबर है की दिन दहाड़े लूट, चेन स्नेचिंग और हत्याएं तक हो रही हैं, हमारी सरकार तथा पुलिस इन घटनों पर बहुत नजद्दीक से नजर रखे हुए है, कारण ढूंढें जा रहे हैं की आखिर ये लूट मार क्यों हो रही हैं, वरिष्ट नागरिक क्यों मारे जा रहे हैं ? आप लोग तो केवल नागरिक हैं, आपने वोट दे दिया अपना प्रतिनिधि बना दिया और आपकी जिम्मेदारी ख़तम, आगे तो हमें भोगना पड़ता है ! कन्धों पर इतने सारे बोझ आने से हमें इन समस्याओं से जूझना पड़ता है ! फिर भी हम खूब खाते हैं, दंड लगाते हैं, पिछला भूल कर अगले को गले लगाते हैं, हंसते और हंसाते रहते हैं ! आप लोग भी दंड पेलिए, मुसीबतों में भी मुस्कराइए ! सब कुछ तन मन धन, हमारे भरोशे छोड़ कर मुंह ढक कर सो जाइए, हम हैं न " !

उम्र का पड़ाव