Sunday, December 27, 2009

पते की बात

एक पते की बात बताऊँ, राहों में सँभल के चलना,
हर किसी अनजान से बातें कभी न करना !
अगर कभी बातें करते हो, भेद न अपना बतलाना,
उसकी मीठी बातों में भूल से ना आना !
जो ज्यादा मीठा होता है वह अपना नाश करवाता है,
मीठी बोली बोलने से ही तोता पिंजरे में आता है !
जो सदा अकल से बच्चा है सीधा साधा अच्छा है ,
दुनिया के बाजार में नया नया और कच्चा है ,
ऐसे ही इंसान को हर कोई उल्लू बनाता है,
उसे कोल्हू का बैल बना स्वयं मजे से खाता है !
जो चोर उच्चके हैं बदमास, लूट मचाते बारों मॉस,
ये समाज के काले कौवे कभी न होता इनका नाश !
दिलों में काले नाग बसाए कुटिल हंसी चेहरों पे लाए,
सफ़ेद पोश सर पर टोपी जनता के नेता कहलाते,
करोड़ों का घोटाला करके, इमानदार अपने को बतलाएं !
गरीब इन से लड़ न पाए, खून का घूँट पीकर रह जाए,
फिर भी इन शैतानों की जैकारा करता जाए !

Friday, December 25, 2009

बड़े लोगो के बड़े अफ़राध और छोटी सजा

हरयाना पुलिस के भूत पूर्व डारेक्टर जनरल एस पी एस राठोर ने अपने पद और पावर का नाजायज फायदा उठा कर १४ साल की बिना माँ की लड़की रुचिका के साथ बदसलूकी की उसे तथा उसके परिवार वालों को सताया, १८ साल तक केश चला और नतीजा छ महीने की सजा और एक हजार रुपया जुर्माना ! उस लड़की ने अपने परिवार के सदस्यों को इस जालिम से बचाने के लिए खुद कसी करदी ! हमारे देश का क़ानून सबके लिए बराबर है, फिर इस शख्स को इतने जघन्य अफ़राध करने के लिए क्या यह सजा कम नहीं है ? साथ ही उसे जमानत भी मिल गयी !
चलो यह तो इंसानों का कोर्ट था, इससे बड़ा कोर्ट तो अभी बाकी है नीले छतरी वाले का कोर्ट ! उसका डंडा तो बहुत गहरी मार करता है ! मुझे कबीर दास जी का यह दोहा याद आया "माटी कहे कुमार से तू क्या रोंधे मोय, इक दिन ऐसा आएगा मैं रुन्धुंगी तोय ! " अब तो पूरी जनता को रुची के कातिल को लम्बी सजा देने के लिए सडकों पर उतर जाना चाहिए !

चौथा एक दिवसीय मैच

२४ दिसंबर को श्री लंका और भारत के बीच चौथा एक दिवसीय मैच खेला गया, ईडन गार्डन कोल्कता में ! श्री लंका ने पहले बैटिंग करते हुए दिलशान के ११८ रनों के बदौलत ३१५ रन बना दिए थे ! भारत ने अपने दो कीमती विकेट सहवाग और सचीन को सस्ते में खो दिया था ! फिर आए क्रीज पर गौतम गंभीर और विराट कोहली, कोहली ने कैरियर का पहल सतक १०७ रन लगाया और गौतम ने १५० रनों का अम्बार लगाकर भारत को ७विकेत से जीता दिया ! गौतम १५० पर नावादा रहे ! इस तरह भारत अब ३/१ से आगे होगया है ! इस मैच को भारत ने धोनी और युवराज के बिना ही जीत लिया !

Tuesday, December 22, 2009

क्रिकेट

दूसरा वन डे मैच जो नागपुर में खेला गया था, धोनी के १०७ रन, रैना के ६८ तथा सचिन के ५४ रन भी नहीं बचा पाए भारतीय खिलाड़ी ! भारत ने ३०१ रन बनाए थे, श्री लंका ने ३०२/7 रन पांच गेंदे शेष रहने पर मैच अपने नाम कर दिया ! श्री लंका का दिलशान के १२३ रनों ने मैच उनकी झोली में ड़ाल दिया ! तीसरा मैच कटक में खेला गया २१ दिसंबर को ! पहले श्री लंका ने बैटिंग शुरू की और उसके सारे खिलाड़ी २४२ रन बना कर पैविलियन चले गए ! रविन्द्र जडेजा ने केवल ३२ रन देकर चार विकेट लेकर मैन आफ थी मैच का खिताब जीता । धोनी को दूसरे मैच में बॉलरों की सुस्ती के कारण दो मैचों के लिए बैन लगा दिया था ! तीसरे मैच की कप्तानी सहवाग ने की ! सहवाग ने ४४, सचिन ने ९६ (नावाद) दिनेश कार्तिक ३६ (नावाद) भारत ने मैच ७ विकेटों से जीत कर मैच २/१ से लीड ले ली ! सचीन को क्रिकेट के मैदान में २० साल पूरे होने के उपलक्ष में उड़ीसा क्रिकेट अशोसिएसन ने सम्मानित किया !

Sunday, December 20, 2009

पृथ्वी जैसा एक नया गृह

लन्डन के वैज्ञानिकों ने विशाल अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसा एक नए ग्रह को खोज निकाला है ! कहते हैं इसमें ७५ फीसदी पानी है और बिलकुल धरती के सामान है ! आकार में धरती से छह गुना बड़ा है ! वैज्ञानिकों ने इस ग्रह का नाम वाटर वर्ल्ड रखा है ! वायुमंडल काफी घना है ! गर्मी की मात्रा धरती की अपेक्षा काफी ज्यादा आंकी जा रही है ! यह ग्रह धरती से मात्र ४० प्रकाश वर्ष दूर है ! वैज्ञानिकों का मानना है की इस ग्रह पर जीवन संभव है ! जैसे पृथ्वी सूरज के चारों ओर चक्कर लगा रही है वैसे ही यह वाटर वर्ल्ड भी एक निस्तेज राते के चारों ओर १३ लाख मील की दूरे से चक्कर लगा रहा है ! यह ग्रह सौर मंडल के अभी तक खोजे गए सभी ग्रहों में पृथ्वी से ज्यादा मिलता जुलता ग्रह है ! ग्रह में पानी है तो जीव भी जरूर होगा ! वैज्ञानिक कहते हैं की यह वाटर वर्ल्ड जिस तारे का चक्कर लगा रहा है वह सूरज की चमक से ३००० गुना फीका है, इसका मतलब ग्रह में तापमान २०० डिग्री सेल्सियस अनुमानित होने के बाद भी इस ग्रह में सूरज जैसी रोशनी नहीं है ! अगर इस ग्रह में जीवन संभव है तो वहां जीव जंतु अवश्य होंगे ! हो सकता मनुष्य भी हों ! अगर ऐसा है तो भारत के बड़े बड़े नेता अभिनेता वहां भेजे जाने चाहिए ताकि ये लोग वहां की शासन व्यवस्था अपने हाथ में ले सकें ! लेकिन हो सकता है हमारे नेताओं से पहले तस्कर प्रोपर्टी डीलर, दलाल वहां की जमीन पर पहले ही कब्जा कर लें !!

मंहगाई मार गयी

प्रयावरण के आगे दुनिया देखो हार गयी, भारत की जनता को भय्या मंहगाई मार गयी !
करों का भार ऊपर से सरकार ड़ाल गयी, हड़ताल करके भी भय्या विपक्ष हार गयी,
रोटी कपड़ा मकान अब ख़्वाब बन गए, नून तेल लकड़ी देखो कैसे तन गये,
मंत्री संतरी देश के मजे में सो रहे, लाखों बच्चे ठण्ड और भूखों हैं रो रहे ,
दिन दहाड़े सडकों पे लूट हो रही, असहाय जिंदगानियां सूट हो रही !
सुरक्षा ये महिलावों की ये कर ना पा रहे , महिला आरक्षण बिल संसद में ला रहे,
आतंकियों का खौफ अलग लुटेरे बढ़ रहे, पतिनिधि जनता के हवा में उड़ रहे,
शांती अहिंसा रुष्ट हो सीमा से पार गयी, भारत की जनता को भय्या मंहगाई मार गयी !!

परिचय

मैं खुशबू हूँ फूलों समाया हुआ, शीतल पवन हूँ झुलाया हुआ,
मासूम बच्चों की मुस्कान हूँ खुशी दे जहाँ को मैं वह जाम हूँ!
दरिया में बहता हुआ नीर हूँ, दुखी आत्मा की मैं पीर हूँ,
झरने में समाया हुआ गीत हूँ, जवान दिल में धडके मैं वह प्रीत हूँ,
नील गगन सा मैं एक ख़्वाब हूँ, प्यासे के मन में बसा आब हूँ,
धरती पे कुदरत का रूप हूँ, नीचे उतरती हुई धूप हूँ,
हूँ बादल का टुकड़ा उड़ाया हुआ मैं खुशबू हूँ फूलों समाया हुआ !
वेवश अंधे की लाठी हूँ मैं, फूलों भरी नील घाटी हूँ मैं,
कुदरत का रंगीन चस्मा हूँ मैं अचरज भरा एक करिश्मा हूँ मैं,
फूलों में भंवरे की गुन गुन हूँ मैं महफ़िल में बजती हुई धुन हूँ मैं,
वसंती हवावों में सन्देश हूँ, मेरा देश जीते मैं वह रेस हूँ,
आतंकियों का महाकाल हूँ, भारत मेरा देश मैं ढाल हूँ,
गरीबों के दिल में बसा राम हूँ, मुरली मनोहर धनश्याम हूँ,
शहीदों का हूँ गीत गाया हुआ मैं खुशबू हूँ फूलों समाया हुआ !
गंगा की बहती हुई धार हूँ, नाविक के हाथों की पतवार हूँ,
रण में लड़े वो रणधीर हूँ दुश्मन को काटे मैं शमशीर हूँ,
किसी बेसहारे की किस्मत हूँ मैं, जो प्रकाश दे वो दीपक हूँ मैं,
राणा शिवाजी या गांधी हूँ मैं, मिटादे दुश्मन को आंधी हूँ मैं,
डरता जिसे पाक वह नाग हूँ जला दे जो दुश्मन को मैं आग हूँ,
ये खजाना है कुदरत का बिखराया हुआ, मैं खुशबू हूँ फूलों समाया हुआ !


Wednesday, December 16, 2009

कुदरत का जलवा

किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए,

कब धरती हलचल मचा दे, कब तूफ़ान आजाए,

कब ठोकर खाता पत्थर मंदिर में आ जाए,

घिस घिस करके एक दिन स्वयं मूर्ती बन जाए,

कब रंक के सर पर छत्र सजे कब इंद्र जमीन पे आ जाए,

सिकंदर चला था विश्व विजय को कितनी जनता मारी,

कितने देश बर्वाद किए बेघर हुए नर नारी,

मौत ने उसको भी नहीं छोड़ा, घर तक जा न पाया,

किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए,

कब धरती हलचल मचाए कब तूफ़ान आजाए ! १

चौहान वंश के पृथ्वी राज ने गौरी को मार भगाया,

जयचंद ने गद्दारी की दामाद अपना मरवाया,

दिया साथ तुर्कों का उसने अपना वंश मिटाया !

इतिहास में बदनाम हुआ कौम का दुश्मन कहलाया।

ऊंचे ऊंचे रजवाड़े भी पता न कब ढह जाएँ,

किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए,
कब धरती हल चल मचा दे कब तूफ़ान आजाए ! २
अकबर को क्या कभी पता था की औरंगजेब भी आएगा,
बसे बसाए मुग़ल वंश को जहन्नुम में पहुंचाएगा,
ये कुदरत का खेल है प्यारे, क्या से क्या कर जाए,
किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए,
कब धरती हलचल मचादे कब तूफ़ान आजाए ! ३
कहाँ गया हिटलर मुसोलिनी, कहाँ नेपोलियन की शान
कहाँ गए मारीच खरदूषण रावण सम बलवान ,
कहाँ है डिक्टेटर ईराक का वो सद्दाम हुसैन,
कहाँ तैमूर चंगेज खान छीना सबका चैन,
वो नादिरशाह अब्दाली लुटेरे थे खूनी शैतान,
लाखों निर्दोषों की इन दुष्टों ने ले ली जान,
यम दूतों ने इनको नहीं छोड़ा मौत से बच ना पाए,
किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए ! ४
सबसे बड़ा वह डंडे वाला जिसको कहते हैं भगवान,
कभी आता कृष्ण बनकर कभी वो बन जाता है राम !
उसका डंडा जब पर जाए अफाराधी बच ना पाए,
किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए ५
आज के जालिम नेता भी कितने दिन जी पाएंगे,
एक दिन यमराज के दर पे ये भी देखे जाएंगे !
आतंकवादी अपने कर्मों के बोझ से दब जाएंगे,
मरना चाहेंगे जालिम फिर भी मरना पाएंगे,
दुनिया की इस आपा धापी में कौन कहाँ रह जाए,
किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए,
कब धरती हलचल मचादे कब तूफ़ान आ जाए !! 6

मुझको अपना गीत दे दो

मुझको अपना गीत दे दो, मैं मगन हो गाऊँगा,
जब बुलाओगे मुझे लौट के मैं आउंगा,
ये चमन ये वादियाँ, रोकती मुझको यहाँ,
और झरनों की झंकारें, कह रही जाते कहाँ ?
मेरा मन फिर डोलता, मैं नहीं कुछ बोलता,
और गीतों के मधुर स्वर, कौन है मुंह खोलता ?
ये शमा अब कह रहा, टिमटिमाता जाउंगा,
मुझको अपना गीत दे दो, मैं मगन हो गाऊँगा !
फूलों की घाटी मुस्कराती, और कुदरत गुण गुनाती,
भंवरों के पीछे भागता हूँ, चाल अपनी नापता हूँ,
फिर पवन पल्लव हिलाता, जैसे है पंखा झुलाता,
है कोइ मुझको बुलाता, सामने फिर भी न आता,
सोचता हूँ एक दिन मैं ढूंढ उसको लाउंगा,
मुझको अपना गीत दे दो, मैं मगन हो गाऊँगा !!

Tuesday, December 15, 2009

नए राज्यों की मांग

आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर देश के हर हिस्से से नए राज्यों की मांग होने लगी है।गोरखालैंड के लिए तो भूख हड़ताल भी शुरू हो गयी है ! आंध्र प्रदेश में तो सारे के सारे एम् पी और ऍम एल ए पार्टियों से अलग होकर दो गुटों में बंट गए हैं, एक जो विभाजन चाहते हैं, अलग तेलंगाना प्रदेश बनाकर, दूसरा गुट विभाजन नहीं चाहता है ! केंद्र में कांग्रेस सता में है तथा आंध्र प्रदेश और आसाम में भी कांग्रेस का एक छत्र राज है ! तेलंग गाना के साथ साथ वोडो लैंड की मांग भी उठने लगी है, यूं पी की मुख्य मंत्री ने भी अपना तुरुप का पता खोल दिया है, वह यूं पी से पूर्वांचल और बुंदेलखंड नाम से अलग राज्य की मांग कर रही है ! आमरण अन्सन की धमकी देकर केंद्र की कांग्रेस सरकार को क्षेत्रीय क्षत्रप घेरने की योजना बना रहेहैं ! और केंद्र सरकार का रिमोट कण्ट्रोल सोनिया गान्धी के हाथों में है ! वैसे भी सेंटर की सरकार का हर मंत्री अपने अपने विभागों के अलावा दूसरे मंत्रियों की सीमा रेखा के अन्दर जाकर बिना मांगे अपनी राय दे आता है ! आज कांग्रेस पार्टी के दो ही स्तंभ हैं जिनके कन्धों के ऊपर यह कांग्रेस का भवन टिका हुआ है, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ! देखो ये दोनों कैसे संभालते हैं नए राज्यों की मांग को !

पहला वन डे क्रिकेट मैच

भारत और श्री लंका के बीच पहला वन डे मैच राजकोट में १५ दिसंबर को खेला गया ! भारत ने पहले बैटिंग करते हुए ४१४/७ रन बना कर श्री लंका को जीत के लिए ४१५ रन का लक्ष्य दिया (सहवाग १०२ बौलों में १४६ रन मैन आफ दी मैच, सचीन ६९, धोनी ७२, जडेजा ३० (नावाद) कोहली २७) ! श्री लंका बड़ी स्पीड से आगे बढ़ता हुआ ४०० रन पर पांच थे, १२ बौलें थी और १५ रन बनाने थे, अब आगे सफ़र बहुत ही आसान था, दर्शकों का ब्लड प्रेशर कभी ऊपर जा रहा था औ कभी नीचे! मैच श्री लंका के हाथों में करीब करीब आ चुका था, भारत के विशाल स्कोर खडा करने के वावजूद मैच हाथ से खिसकता नजर आ रहा था, दिलशान ने १६० रन बटोर लिए थे जब की उनका कैप्टेन संगकारा ९० रन और थरंगा ६७ रन बनाकर आगे मैच की रन नीति पर नजर टिकाए हुए थे, उनके चेहरों पर भी कभी गुलाब रंग की आभा झलकने लगती पर शीघ्र ही चहरे पर हवाइयां उड़ने लग जाती ! अचानक मैच ने करवट बदल दिया और श्री लंका के दो खिलाड़ी रन आउट हो गए तथा तीसरे ने सचीन को कैच थमा दिया और इस तरह भारत हार के कगार पर, खड़ा मैच ३ रनों से जीत गया ! श्री लंका ४११/८ बना पाया ! भारत ने पहली वार १५/१२/२००९ को राजकोट की पीच पर ४१४ का लक्ष्य प्राप्त किया ! उसके पहले उसने २००७ में बरमूडा के खिलाफ पोर्ट आफ स्पेन में ४१३/५ रन बनाए थे ! यह जीत भारत को उसकी क़िस्म से मिली नहीं तो क्रिकेट प्रेमियों में अपनी इस अजय समझे जाने वाली टीम की बड़ी किरकिरी होती !

Tuesday, December 8, 2009

विदाई 0४/०७/2009

चलो अब चलते हैं, हम विछुड़ते हैं , थोड़ा सा हंस कर चक्षु भिगा लेते हैं !
तुम्हे तो जाना है लंबे सफर में, मुझे यहीं रहना है,
कह दो तुम अब दिल की बातें जो कुछ तुमको कहना है !
पता नहीं कब दिन आए वो जब हम फ़िर बतियाएंगे,
गिलवा शिकवा आपस में मिल एक दूजे को बताएंगे !
जब आएगी रिमझिम वारीश, बच्चे शोर मचाएंगे,
गरमी से परेशान सब भीगने बाहर आएँगे,
बैठ अकेला एक किनारे मैं यादों की खिड़की खोलूंगा,
साथ साथ बीते हर पल हंसते हंसते रो दूंगा !
क्या सच मुच ऐसे ही एक दिन सभी जुदा होते हैं,
चलो अब चलते हैं, जुदा होते हैं, थोड़ा सा हंसकर चक्षु भिगा लेते हैं !
रोज सबेरे ब्रह्म मुहर्त में बजेगी मन्दिर की घंटी,
याद आएगी प्रिये तुम्हारी, जैसे लहरें समुद्र की !
दिन गिनता हूँ तुम आओगी सात समुद्र पार से,
करूंगा स्वागत अर्धांगिनी का गुलदस्ता और हार से,
जुदाई के दिन कट जाएंगे सुबह का सूरज निकलेगा,
होगा मिलन हम दोनों का फ़िर मन मयूर फ़िर हर्षेगा !
ये विडम्बना है जीवन की मिल के जुदा होते हैं,
चलो अब चलते हैं जुदा होते हैं, थोड़ा सा हंसकर चक्षु भिगा लेते हैं !

Monday, December 7, 2009

६ दिसंबर 2009

इस साल का ६ दिसंबर खुशियाँ लेकर आया भारत को क्रिकेट के शिखर पहुंचाया ! भारतीय टीम को विश्व की क्रिकेट टीमों के साथ खेलने की अनुमति ८१ साल पहले मिल गयी थी जब भारत ब्रिटेन के अधीन था ! भारत विश्व की ८ टीमों में चौथे या पांचवे नंबर पर रहता था, एक या दो बार उसे तीसरे नंबर की सीढ़ी तक चढाने का भी अवसर मिला ! यह धोनी की किस्मत का करिश्मा था की भारत क्रिकेट इतिहास में पहली बार ६ दिसंबर २००९ के दिन क्रिकेट टेस्ट मैच श्रृंखला में नंबर वन का हकदार बना !
यह दिन मेरे परिवार के लिए भी वरदान सावित हुआ ! मेरे दोनों बेटे राजेश और ब्रिजेश उत्तराखंड के कोटद्वार में रुरल रेनेवेवल उर्जा सौल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड नाम से फायर ब्रिक्स बना रहे हैं जो ईंट भटों में जलने वाला कोयले की जगह ले रहा है ! होटलों रेस्त्रोरेंटों में भी इसकी खपत हो रही है और गैस की बचत कर रहा है ! इसको जलाने के लिए स्मोकलेस चूल्हे का निर्माण भी किया गया है जो वातावरण में फैलाते हुए प्रदूषण पर कंट्रोल कराने में मददगार सावित हो रहा है ! कोपेहेगन में होने वाली विश्व के तमाम देशों की मीटिंग में विश्व प्रयावरण का मुद्दा अहम् मुद्दा होगा ! भारत भी इस मीटिंग में भाग ले रहा है ! हिन्दुस्तान टाईम्स ऊर्जा सौल्यूशंस और प्रदूषण कंट्रोल करने वाले समबधित व्यक्तियों से समपर्क कर रहा है और उनके इंटर व्यू को अपने अखवार में स्थान दे रहा है ! इस संधर्व में ६ दिसंबर के हिन्दुस्तान अंक में "हॉट शोट्स " नाम से पेज ११ पर मेरे पुत्र ब्रिजेश रावत की पोटो और इंटर व्यू छपा है !

Sunday, December 6, 2009

तीसरा टेस्ट मैच

भारत और श्री लंका के बीच तीसरा और आखरी टेस्ट मैच मुम्बई में २ दिसंबर से ६ दिसंबर तक खेला गया इसमें भारत ने एह्री लंका को एक पारी और २४ रनों से शिकत दी ! इस तरह भारत विश्व में टेस्ट मैच श्रृंखला में नंबर वन बन गया है ! सहवाग को मैं आफ दी मैच और मैं आफ दी सीरीज का खिताफ दिया गया, उसने २५४ बोलों में २९३ रन बनाए और केवल ७ रनों से तीसरी ट्रिपल सेंचुरी बनाने से चूक गया ! पहले श्री लंका ने पारी शुरू की और उसके सभी बैटमैन ३९३ रनों पर सीमिट गए ! जबाब में भारत ने ७२६ पर ९ पर पारी समाप्त घोषित करदी और श्री लंका को जीत के लिए ३३४ रन बनाने की चुनौती दी ! (सहवाग ३९३, धोनी १०० नाबाद, द्राविड ७४, सचीन ५३, लक्षण ६२, युवराज २३)। श्री लंका की दूसरी पारी ३०९ रनों पर सीमिट गयी !(श्री लंका कैप्टेन संकारा १३७ रन बना पाया ) ! पहली पारी में हरभजन ने ४ विकेट लिए, और दूसरे में दो लिए, ज़हीर खान ने पहली पारी में एक विकेट लिया जब की दूसरे में ५ लिए ! मैच की कुछ झलकियाँ ! सचीन केवल ३० रनों से पीछे रह गए अपने टेस्ट के १३००० रन पूरे कराने के लिए ! धोनी तीन सेंचुरी बनाने वाला पहला भारतीय विकेट कीपर ! तथा अपने कैप्टेन सिप के तौर पर १० मैचो में ७ में जीत पाई और तीन डराव किए ! अगर सहवाग ७ रन और बना पाटा तो विश्व का प्रथम बैटमैन बन जाता तीन ट्रिपल सेंचुरी बनाने वाला ! अभी तक ब्रेडमैन और लारा आगे हैं, लारा ने ३७५ और ४०० रन बनाए थे, एक दिन में २८४ रन बनाने वाला विश्व का तीसरा क्रीकेटीयर, पहला ब्रेडमैन ३०९, १९३० में, हैमंड २९५, १९३३ मँ, सहवाग के नाम अब ६ दुहरा शतक हो गए हैं जब की राहुल पाँच, ब्रेडमैन १२, लारा ९ और वाल्ली हैमंड ७ दुहरा शतक बना चुके थे ! टेस्ट रैंकिंग भारत १२४ अंकों के साथ पहला, डी। अफ्रीका 122 दूसरा,आस्ट्रेलिया ११६ तीसरा, श्रीलंका ११५ चौथा, इंग्लैण्ड १०५ पांचवां, पाकिस्तान ८४ छटा, न्यूजीलैंड ८० सातवाँ, वेस्ट इंडीज ७६, आठवाँ, बंगलादेश केवल १३ नवां ! श्रीलंका का बौलर मुर्लिथारण अभी तक टेस्ट मैचों में ७९२ विकेट ले चुका है !

तीसरा टेस्ट मैच

श्रीलंका इंडिया तीसरा टेस्ट

Sunday, November 29, 2009

२००९ की ईद प् बिकने वाला एक विशेष बकरा

हैं यह मजाक नहीं टाईम्स आफ इंडिया २८ नवम्बर २००९ शनिवार की ख़बर है, (पेज पहला तथा 4 ) । इस बकरे का नाम खुशी है और अभी केवल २१ महीने का है ! इसके मालिक का नाम जीतेन्द्रसिंह है, जो झुंझुनू जिल्ले का एक किसान है ! जीतेंद्र बताता है की "जब यह बकरा केवल छ महीने का था तो मैंने इसे बेचने का इरादा बना लिया था, मोल तोल भी हो गया था ! लेकिन इसके काले बालों में सफ़ेद रंग से अंकित ७८६ अंक देख कर मुस्लिम कसाई ने इसे मारने से इंकार कर दिया था !" अब यह बकरा २१ महीने का हो गया है और अन्य बकरों की तरह सिह इसको भी बिकाने के लिए दिल्ली के जामा मसजिद में ले आया है ! इसके ७८६ नंबर तथा अर्ध चन्द्र की आकृति जो इसलाम में बहुत ही पवित्र मानी जाती है, वे चिह इस बकरे की विशेषता है इसीलिए यह बकरा तीन चार दिनों तक बकरी ख़रीदने वालों का आकर्षण का केन्द्र बना रहा ! २१ लाख तक का ग्राहक मिल गया था लेकिन जीतेंद्र उसे ५१ लाख में बेचना चाहता था ! शुक्रवार शाम तक तो बकरा बिका नहीं था उसके बाद बकरे के साथ क्या हुआ समाचार चुप है !

Saturday, November 28, 2009

भारत श्रीलंका दूसरा टेस्ट मैच

भारत श्रीलंका दूसरा टेस्ट मैच जो कानपुर में २४-२८ नवम्बर को खेला गया था भारत ने एक पारी और १४४ रनों से अपनी झोली में ड़ाल दिया ! इस तरह भारत क्रिकेट टेस्ट में १०० जीत हासिल करके विश्व का छट्टा देश बन गया है ! आस्ट्रेलिया ने ७१३ मैच खेले ३३२ मैच जीते, इंगलैंड ने ८९१ मैच खेले ३०१ जीते, वेस्ट इंडीज ने ४५९ मैच खेले १५२ जीते, साउथ अफ्रीका ३४४ मैच खेले १२० मैच जीते, पकिस्तान ने ३४० मैच खेले १०३ जीते और ९१ में हार का सामना करना पड़ा ! भारत ने कुल ४३२ मैच खेले और १०० मैच जीते तथा १३६ में हार दर्ज की ! भारत ने पहले बल्लेवाजी शुरू की और ६४२ रन बनाकर पूरी टीम आउट हो गयी (सहवाग १३१, गंभीर १६७, राहुल द्राविड १४४, लक्षमण ६३ तथा युवराज ६७) ! श्रीलंका २२९ और २६९ (टी समरवीरा ७८ नावाद ) इस जीत में श्रीसंत के ६ विकेट ने उसे मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया ! अब भारत ऐ सी सी रैंक में साऊथ अफीका के साथ नंबर वन हो गया है !

आज के ताजा समाचार

प्रगति मैदान में विश्व व्यापार मेला लगा है ! दिल्ली मित्रो रेल ने अब तक १०० करोड़ यात्रियों मित्रो की सैर करा दी है ! २५ दिसंबर २००२ से शूरू हुई थी केवल ८.५ किलो मीटर से और आज यह ९० किलोमीटर तक बढ़ गयी है तथा ९ लाख यात्रियों को रोज सैर कराती है ! ९ सेक्टर द्वारका से चलने वाली मित्रो ट्रेन इंद्र प्रस्थ तक थी अब सीधे नोएडा तक पहुंचाई गयी है ! लिब्रहान की रिपोर्ट ने बाबरी मस्जिद के दबे हुए पन्नो को फ़िर से हर अखबार की सुर्खियाँ बना दिया है ! अमिताब बच्चन कहते हैं की पिछले वर्ष (२६ नवम्बर २००८) के मुम्बई आतंकवादी हमलों का एक मात्र जीवित हत्यारा आमीर अजमल कसाव देश में सबसे सुरक्षित और सेहत बंद व्यक्ति है ! ऊसके रख रखाव पर सरकार रोज करदाताओं की कड़ी मेहनत के लाखों रुपये खर्च कर रही है ! झारखंड का पूर्व मुख्या मंत्री मधु कोड़ा अरबों रुपयों की सम्पति जमा करने के आरोप में जांच एजेंसी के सामने जाने से कतरा रहा है और सरकार ऊस कैद नहीं कर रही है क्योंकि वह अफाराधी तालाब की बहुत बड़ी मछली है ! आज इतना ही !

Sunday, November 22, 2009

भारत - श्री लंका पहला टेस्ट मैच

भारत श्री लंका का पहला टेस्ट मैच अहमदाबाद में १६ - २० नवम्बर तक खेला गया ! भारत ४२६ + ४१२/४, श्री लंका ७६०/७ डी।
सहवाग १६ + ५१
गंभीर १ + ११४
राहुल द्राविड १७७ + ३८
सचीन ४ + १०० (४३ टेस्ट सेंचुरी तथा ४५ वन डे सेंचुरी ) पूरे ३० हजार रन बनने वाला पहला विश्व खिलाड़ी !
लक्षमन ० + ५१
युवराज ६८ नहीं खेला
धोनी ११० नहीं खेला
श्री लंका
महीला जयवार्देने २७५
प्रशाना जयवार्देने १५४ आउट नहीं
दिलशान ११२ मैच ड्राव रहा ! पीच बैट्स मैं के लिए थी बौलरों को इस पिच से कोई मदद नहीं मिली !

Saturday, November 21, 2009

चाणक्या का नीतिशास्त्र

चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में २० ऐसे गुण दिए हैं जिन्हें इंसान को पशु और पक्षियों से सिखने चाहिए :-
शेर से एक गुण - पूरी ताकत से आक्रमण करना ! वह चाहे हाथी पर या खरगोश पर हमला करता है पूरी ताकत से
से करता है !
बगुला से एक गुण _ध्यान, एक टांग पर खडा एक तक मच्छली पर नजर !
गधा से तीन गुण - संतोष, स्वामी भक्ती, बिना ना नुकुर किए भोझ ढोना !
मुर्गे से 4 गुण - समय पर उठना, ताकत से लड़ना, पीछे हटना नहीं, दूसरे के हिस्से का खाना नहीं अपना किसी को देना नहीं !
कौवा से पाँच गुण -प्यार छिप कर करना, बुरे दिनों के लिए बचत करना, चौकना रहना, हर किसी पर विशवास नहीं करना !
कुत्ते से ६ गुण - स्व्वामी भक्ती, संतोष, चौकना, मालिक के दुश्मन पर हमला करना, अल्प निंद्रा और
घ्राण शक्ती !

निर्झर

निर्झर निरंतर अपने पथ पर,
अपनी धुन में छन छन करता,
वैरागी बैठा निर्झर नीचे,
लिखता एक सुंदर सी कविता,
जब निर्झर पर्वत से गिरता,
नीचे आ धरती से मिलता,
और खडा एक वृक्ष देवदार,
मस्त मस्त हो करके हिलता !
आती फ़िर पक्षियों के टोली,
एक ही भाषा सबने बोली,
और कहते इंसानों से,
क्यों चलती भाषा पर गोली?
ये निर्झर ठंडक पानी देता,
बदले में कुछ भी नहीं लेता,
जाति धर्म न भाषा पूछे,
ना खुशी न किसी से रूठे
इंसानों की तरह यह निर्झर,
कभी न करती वाडे झूठे !!

Thursday, November 19, 2009

१८ नवम्बर 2009

१८ नवम्बर को मैंने अपना जन्म दिन मनाया ! सुबह ४ बजे उठा नित्य क्रियाएं करने के बाद स्नान किया, प्रभु का ध्यान किया, योगिक क्रियाएं जैसे सूर्या नमस्कार, कोणासन, त्रिकोणासन, अर्ध मत्सेंद्रासन, गौमुखासन,बज्रासन, मंडूकासन, मयूरासन, भुजंगासन, सर्वांगासन, चक्रासन और सवासन ! इसके बाद प्राणायाम की क्रियाएं, जैसे - अग्निसार प्राणायाम, कपालभाती, अलोम - विलोम, भार्ष्टिका, महाबन्ध, उज्जई प्राणायाम, शीतली पाणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, नाडी सोधन प्राणायाम आदि तथा चक्षु व्यायाम ! पार्क की सैर की ! घर में आते ही फ़ोन की घंटी खड़कने लगी, जन्म दिन पर वधाई संदेश आने लगे, लड़की, लडके, बहुएं तथा पोते पोतियाँ "हैप्पे बर्थ डे कहकर मेरा मनोरंजन करते रहे, शाम को केक कटा और एक चोटी सी पार्टी का भी आयोजन किया गया ! पिचले साल मैं अमेरिका में था, इस तरह मैंने अपना जन्म दिन पत्नी, मेरे बड़े बेटे-बहु और दोनों पोतों के साथ मनाया ! आज १८ नवम्बर को मैं ७४ साल का हो गया हूँ, ईश्वर की कृपा है सब तरीके से स्वस्थ हूँ ! जय श्रीराम !

Thursday, November 12, 2009

सचीन तन्दुलकर

सचीन तन्दुलकर भारत का ही नहीं विश्व का सर्व श्रेष्ट क्रिकेट खिलाड़ी ! वन डे में ४५ शतक और ११ नवम्बर २००९ तक १७१७८ रन तथा टेस्ट मचों में ४२ शतक के साथ १२९८३ रन, केवल ३९ रन बनते ही उसके वन डे और टेस्ट matchon की रन संख्या ३०००० हो जाएगी ! सदी का महा नायक अमिताब बच्चन ने भी इस महान खिलाड़ी की तारीफ़ की है ! १६ साल से लगातार टीम इंडिया के लिए खेलते हुए उसे अब २० साल पूरे होने वाले हैं, ३६ साल की उम्र में भी वही लगन, वही लचक वही रनों की भूख ! ऐसे महान खिलाड़ी को लाख लाख नमन !

Sunday, November 8, 2009

छटवां एक दिवसीय क्रिकेट मैच

गोहाटी का क्रिकेट मैदान ८ नवम्बर सुबह के साढे आठ बजे, धोनी ने टास जीता और पहले बैटिंग का निर्णय लिया ! दर्शकों की भारी भीड़ मैच देखने के लिए ! दिग्गज खिलाड़ी एक के बाद एक केवल २७ रनों की संख्या पर ५ बाहर बैठ गए पीच को कोसते हुए और अपने हाथों की भाग्य रेखा के प्रशन चिन्ह पर नजर गडाते हुए ! अभी तक भारत तीन महान खिलाड़ी सेंचुरी बना चुके हैं लेकिन इन्होंने भारत को तो जीत नहीं दिलाई ! अब निकले बाहर धोनी जी तथा नया खिलाड़ी जडेजा, बौल्लें ख़राब होती रही, फ़िर भी यह जोड़ी कछुवे की चाल आगे बढ्ती रही, लेकिन २४ रन के निजी स्कोर पर धोनी जी ने भी मैदान छोड़ दिया यह कहते हुए कि " बड़े बे आबरू होकर क्रिकेट के मैदान से हम निकले" ! हाँ जडेजा और प्रवीण कुमार (दोनों बौलर ) की जोड़ी ने दर्शकों का कुछ मनोरंजन किया, जडेजा ५७ पर और कुमार ५४ पर( नाबाद ) स्कोर को १७० तक खींचने में कामयाब रहे ! भाजी गंभीर और रैना जीरो लेकर लौटे ! आस्ट्रेलिया ने केवल ४ विकेट पर ४१ ओवरों में १७२ रन बनाकर भारतीय खिलाड़ियों की खिली उड़ा दी ! ट्रोफी तो वे ले चुके हैं सातवाँ मैच तो निमित मात्र है अगर धोनी ब्रिगेड उसे जीत भी ले तो कोई विशेष अन्तर पड़ने वाला नहीं है ! हमारी पिचों पर हमें हरा कर आस्ट्रेलिया चला जाएगा और हमारी टीम हाथ मलती रह जाएगी ! अरे घाव तो दर्शकों के लगा है, जो बड़ी रकम का टिकट खरीद कर अपनी टीम पर जीत का लेवल देखना चाहते थे, धोनी और उसके मजे हुए खिलाड़ियों की सियत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला इन्हे तो भारी भरकम रकम मिल ही जाएगी ! जैहिंद भारत माता की जै !

Friday, November 6, 2009

गरीब के घर भगवान्

कहते हैं भगवान् गरीब के घर वास करते हैं ! लेकिन दिखाई नहीं देते धन पतियों को, व्यापारियों करोड़ पतियों को, शासक प्रशासक और मंत्री संतरियों को ! गरीब हमेशा सुखी नमक रोटी खाते हुए, भूखा रहते हुए, धूप और वारिश में कठिन मेहनत करते हुए, सोते जागते हुए प्रभु का नाम लेता रहता है और भगवान वहीं वास करता है जो उनको ज्यादा याद करता है, लेकिन न अपनी गरीबी को रोता है न उससे कुछ मांगता है !
रमता राम एक बहुत ही गरीब किसान के घर पैदा हुआ था, बिल्कुल अकेली संतान ! जिस दिन वह पैदा हुआ था, उस दिन वारिश हो रही थी, उनकी झोपडी जगह जगह से गरीबी के आंसू टपका रही थी ! उसके माता और पिता जी न ज्यादा खुश थे न दुखी थे ! घर में खाने पीने के लिए कुछ नहीं था, क्योंकि तीन चार रोज से लगातार वारीश होने से उसके पिता जी मजदूरी के लिए नहीं जा सके, पैसे नहीं थे, उधार वे लेते नहीं थे, जो कुछ मिल गया प्रभु इच्छा समझ कर संतोष कर लिया करते थे ! रमता राम जैसे ऊपर से उतर कर धरती पर आया, झोपडी में जैसे एक प्रकाश भर गया ! झोपडी से आसमान तो वैसे ही दिखाई देता था, जैसे पहले दिखाई देता था लेकिन अब वह टपक नहीं रहा था ! रमता राम रोया नहीं जैसे उसे पता था की इस परिवार में रोने से कुछ हासिल नहीं होगा, उलटा आँख खोलते ही वह मुस्कराने लगा ! माँ के स्तनों से बिना खाए, पिए ही दूध निकलने लगा ! घर में कुछ नहीं था लेकिन लग रहा था की भरा भरा है ! माँ पिता जी को लगा की उन्होंने कोई स्वादिष्ट भोज किया है और उनकी उदर पूर्ति हो गयी है ! अचानक एक प्रकाश पुंज उस झोपडी में उदित हुआ, एक गंभीर आवाज गूंजी, "तुम्हारी भक्ती से मैं प्रशन्न हूँ, मांगो जो मांगोगे मिलेगा, धन दौलत, मान सम्मान, इज्जत, रुतवा, सब कुछ,"
रमता राम के माता पिता जी शांत होकर बोले, "हे प्रभु सब कुछ तो दिया है तुमने, माँगने के लिए कुछ छोडा ही नहीं, बस इसी तरह मेरी इस झोपडी में वास करें ! ऐ प्रकाश सदा हमारे दिल और दिमाग में विद्यमान रहे, बस यही हमारी मांग है यही इच्छा है !" और सच much
में भगवान वहीं के hokar रह गए aur deen bandhu kalaae !

पांचवां क्रिकेट मैच

हैदराबाद ५ नवम्बर २००९, भारत आस्ट्रेलिया का पांचवां मैच ! आस्ट्रेलिया ने टास् जीता और पहले बैटिंग शुरू की ! भारत के बॉलर और फील्डिंग काफी निराशा जनक रही, हमारे दिग्गज खिलाड़ियों ने कही कैच छोड़े, इसका फायदा उठाते हुए आस्ट्रेलिया की टीम ३५० रन बनाने में कामयाब हो गयी केवल चार विकेट खोकर ! उनके तीन खिलाड़ी ११२, 93 और ५७ बनाने में कामयाब हुए, उनके मार्श ओपनर ने ११२ रन की शानदार पारी खेली! भारत की बैटिंग शुरू हुई, सहवाग और सचिन ने मोरचा संभाला, सहवाग ३० बोलों पर ३८ रन बनाकर औउट हो गया, सचीन और रैना ने भारत के लिए एक मजबूत स्कोर खड़ा किया ! रैना ५९ बोलों में ५९ रन (३चौके और ३ छके ) सचीन ने ३६ साल होने के बावजूद २० साल क्रिकेट खेलने बाद भी भारत के लिए १७५ रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया केवल १४१ बोलों में १९ चौके औए ४ छको के साथ, लेकिन उसके जाते ही भारत की पारी लड़खडा गयी और केवल ३ रनों से हार का सामना करना पड़ा जब की अभी २ बोलें बची थी ! इस मैच में गंभीर, युवराज, धोनी और हरभजन नाकामयाब रहे, इनसे तो नया खिलाड़ी जडेजा २३ रन बनाने वाला अच्छा रहा ! अब भारत पर प्रेसर पड़ गया है आगे के दोनों मैच जीतने होंगे सीरिज अगर जीतनी है ! यह मैच सचीन के नाम रहा, मन आफ थे मैच सचीन रहा ! ग्रैंड फादर के आगे ग्रैंड सन फीके पड़ गए !

Wednesday, November 4, 2009

मधु कोडा एक राज नेता

आजकल मीडिया द्बारा हर न्यूज पेपर की पहली ख़बर मधु कोडा द्बारा अपार सम्पति का संचय करना उसे हवाला गेट से बाहर निकालना, स्वीस बैंक में करोड़ों डॉलर को बेनामी खाते में जमा करना ! ये मधु कोडा नव गठीत प्रदेश झारखंड के मुख्य मंत्री रह चुके हैं ! ये केवल दो साल प्रदेश के मुख्य मंत्री रहे हैं और इन दो सालों में इन्होने तथा इनके मुंह लगे चमचों ने जनता के करोड़ों खून पसीने की कमाई अपने निजी हितों के लिए वार पार करदी ! वे एक निर्दलीय विधायक थे और कांग्रेस के सहयोग से मुख्य मंत्री बने थे ! इसी का फायदा उठाते हुए उन्होंने अरबों रुपयों का घोटाला किया ! इन्क्वारियाँ चल रही है, छापे पड़ रहे हैं, भा ज पा, कांग्रेस मधु कोडा द्बारा किया गया घोटाले का परदा फास करवाने में अपनी अपनी पार्टी की मुख्य भूमिका बता रहे हैं ! कल तक ये पार्टियां सोयी पडी थी, इनके नाक के नीचे से इतना बड़ा खाजाना बाहर जा रहा था और इनको पता भी नहीं चला ! है न हैरत गंज की बात ! पैसे तो गए, कोडा भी अस्पताल में भरती है, ये नेता जब भी बड़े संगीन जुर्मों में पकडे जाते हैं, बीमार पड़ जाते हैं,
भाग दौड़ होगी, मीडिया वाले भी बढ़ चढ़ कर लिखेंगे, टी वी चेनल भी बार बार इन समाचारों को दोहराते रहेंगे, फ़िर सब कुछ शांत हो जाएगा, जनता भी भूल जाएगी और कोडा जे अस्पताल में पड़े पड़े ऐश करते रहेंगे !

Tuesday, November 3, 2009

प्रधान मंत्री की सुरक्षा

हमारे देश की विडम्बना तो देखिये की जब जनता द्बारा चुना हुआ, जनता का प्रतिनिधि जब सांसद, मंत्री प्रधान मंत्री बन जाता है, तो उसकी सुरक्षा जनता के पैसों से होने लगती है ! कभी कभी यह सुरक्षा आम आदमी की मौत का कारण भी बन जाती है ! टाईम्स आफ इंडिया ४ नवम्बर २००९, पहला पेज जो सुमित वर्मा ३२ साल की मौत का समाचार देते हुए लिखता है, कि प्रधान मंत्री की सुरक्षा पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने आखरी साँस लेने वाले सुनील को पी जी आई के अन्दर नहीं जाने दिया की वहां प्रधान मंत्री की रक्षा को खतरा हो सकता है ! एक वी आई पी की कार जिस मार्ग से भी जाती है जाम लग जाता है और पता नहीं कितने मरीज ऐसे अवसरों पर समय पर अस्पताल न पहुँच पाने से असमय ही काल के गाल में समां जाते हैं, लेकिन इन शासक प्रशासकों की सियत पर कोई असर नहीं पङता है ! क्या हमारे देश में जो की आज भी देव भूमि के नाम से जाना जाता है, सुरक्षा कर्मियों की ज्यादती पर अंकुश लग पाएगा, और आम आदमी इस तरह के हादसों से पायेगा ?

पाकिस्तान और आतंकवाद

पाकिस्तान के पास अपने देश को स्वावलंबी और आत्म निर्भर बनाने का समय था, अमेरिका से मदद मिल रही थी, पैसों की मदद, हथियारों की मदद, तकनीकी मदद, सेना को आधुनिक बनाने की मदद लेकिन पाकिस्तान इस मदद को भारत के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने के लिए, भारत में अपने देश के नामी गरामी गुंडों को आतंकवादी बना कर भेज कर वहां की जनता में दहशत गर्दी पैदा कराने के लिए इस्तेमाल करने लगा ! सेना आतंकवाद को बढावा देने में उनकी मदद करती रही और आज उनके पाले ये आतंकवादी तालिवान या अलकायदा के रूप में अब पाकिस्तान का ही सर दर्द बन गए हैं ! जैसी करनी वैसी भरनी ! अब पाकिस्तान मानसिक तौर पर इतना घबरा गया है की उसको मालूम भी नहीं पङता है की वह क्या कह रहा है ! हाँ इसका दोष भी भारत के सर मढ़ रहा है ! हमारा देश सदा से शांती प्रेमी रहा है, लड़ाई पकिस्तान करता था, जीत हमारी होती थी ! लेकिन हम जीती हुई जमीन उन्हें वापिस दे देते थे, लेकिन अपनी जमीन न चीन से वापिस ले सके न पकिस्तान से कश्मीर को छुडा सके ! बड़ी संख्या में पाकिस्तानी व् बंगला देशी यहाँ बस कर आतंकवादियों को शरण दे रहे हैं लेकिन हम उनको निकाल बाहर नहीं कर सकते, क्योंकि हम तो शान्ति प्रिय हैं, हमारा दिल बहुत बड़ा है, हम भले ही अपने देश की जनता को खाना न दे सके लेकिन विदेशी को महिमान समझ कर उसकी पूजा करते हैं, खाना खिलाते हैं, मकान दिलाते हैं, लेकिन उन्हें वापिस उनके देश को नहीं भेज सकते, यह कैसी विडम्बना है ?

मोहाली का मैच (चौथा एक दिवसीय )

दो नवम्बर २००९ मोहाली का मैदान,
कैप्टेन धोनी ने किया फील्डिंग का ऐलान,
फील्डिंग का ऐलान, आस्ट्रेलिया ने रंग जमाया,
धुनाधर बैटिंग करके २५० रन बनाया !
भारत की टीम सारी की सारी २२६ पर सिमिट गयी,
कही बार हुआ है ऐसा, कोई नई बात नहीं !
सचीन के ४० बने, हर भजन इकतीस,
सहवाग १८ गेंद बन गए रन फ़िर तीस !
बन गए रन फ़िर तीस, धोनी २६ बना पाया,
युवराज जैसे दिग्गज मैदान में टिक नहीं पाया !
रावत बोले धोनी भाई पहले बैटिंग करनी थी,
बैट बौल की यह लड़ाई सोच समझ कर लड़नी थी !

Saturday, October 31, 2009

दूसरा क्रिकेट मैच

दिल्ली कोटला मैदान, दिल्ली के खेल प्रेमियों की भीड़, ब्लैक में टिकेट बेचने वालों की मौज, सुरक्षा में पुलिस की फौज, ३१ अक्टूबर २००९ का दिन, साथ ही गुरु पर्व और कुछ सर फिरे लोंगों का जम घट, सडकों पर जाम लगा था, वहां कोटला मैदान में दर्शकों का टेम्प्रेचर कभी ऊपर कभी नीचे हो रहा था। आस्ट्रेलिया टीम २२९/५ बनाकर फील्डिंग कर रही थी, सहवाग ११, सचिन ३२ और गंभीर पैवेलियन लौट गए थे, युवराज धोनी अपने बैट का कमाल दिखा रहे थे, दोनों की पार्टनरशिप १४८ रही, युवराज ७८ और धोनी ७१ (आउट नहीं) २३०/, ६ विकेट से भारत की टीम जीत गयी ! आज के खेल समाचार समाप्त हुए, बाकी समाचारों के लिए आज न्यूज पेपर देखें !

Thursday, October 29, 2009

मुझे कुछ और करना है

मुझे अब शोर करना है, मुझे कुछ और करना है,
बस है दिल में यही मेरे, दुश्मन को कमजोर करना है!
मुझे दुश्मन से लड़ना है, न आतंकी से डरना है,
खाली वीरान बागों को, कुदरत के फूलों से भरना है !
वैसे मैं शांत हूँ, पर सजग रहता हूँ,
जुल्म मत सहो, हर भारत वासी से कहता हूँ,
ये दुनिया सहमी सहमी है,
मटमैली टोपी पहनी है,
आओं सभी को जाकरके, हमें यह बात कहानी है !
हम तो हैं सच्चे दिल के, डरते नहीं किसी से,
आतंकी का दिल नहीं है, डरता है हर किसी से,
आओ मिलके कह दो, हमें शोर करना है,
ये देश मेरा भारत, दुश्मन से नहीं डरना है !

धोनी का कमाल

धोनी ने काफी अरसे बाद आस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सेंचुरी बना कर नागपुर का क्रिकेट टेस्ट अपने नाम कर दिया ! पहला टेस्ट मैच बडोदरा में चार रन की हार का बदला नागपुर में आस्ट्रेलिया को ९९ रनों से हरा कर दिया ! जब भी इंडिया किसी बाहरी टीम से पहला मैच हारा है और खेल प्रेमियों ने तथा मीडिया वालों ने इन खिलाड़ियों की खूब खिंचाई की तभी हमारे खिलाड़ी जगे और बाकी बचे मैचों में जीत हासिल की ! पहला मैच टास् आस्ट्रेलिया ने जीता था और पहले बैटिंग करके २९२ रन का स्कोर खड़ा करके भारत को २९३ रन बनाने का न्यूता दिया ! भारत के दिग्गज एक के बाद एक एक करके २०१ पर ७ खिलाड़ी पैवेलियन लौट गए ! फ़िर आए हरभजन और प्रवीण कुमार दोनों ही बोलर, इन्होंने जो धुंवा धार बैटिंग की, हरभजन ४९ और प्रवीण कुमार ४०, स्कोर को २८८ तक पंहुचाया और मात्र चार रनों से हार का सामना करना पड़ा ! दुसरे टेस्ट में भारत ने पहले खेलते हुए स्कोर को ३५४ तक पहंचा दिया, धोनी १२४, गंभीर ७६, रैना ६२, सहवाग ४०। इस मैच को जितानेमें बौलारों की भूमिका भी सराहनीय रही ! जडेदा ने ३ विकेट ली !

Sunday, October 25, 2009

एक लम्बी यात्रा

चला जा रहा हूँ , जीवन यात्रा पर,
मंजिल कहाँ है पता भी नहीं है, या दूर है या फ़िर यहीं है !
न कोई भय न डर, उडता जा रहा हूँ बिना पर !
रात का अँधेरा, करता बसेरा उड़ते पंछी की तरह,
किसी सराय में या किसी डाल पर,
यह सोच कर कहीं सो न जाऊं, स्वपनों में खो न जाऊं!
सबेरे उठना अगले पड़ाव तक चलना,
कितने पड़ाव आयेंगे, मुसकराते फूलों में बैठे भंवरे गुन गुनाएंगे !
नए चहरे मिलेंगे, साथ साथ चलेंगे,
कुछ राहों में बिछुड़ जाएंगे, कभी खुशी कभी गम का आलम बनाएंगे !
यही सोच कर चला जा रहा हूँ आगे ही आगे,
नींद आने से पहले मंजिल तक पहुँचना चाहता हूँ !
इच्छा है नाप लूँ आसमान की ऊंचाई, समुद्र की गहराई,
जानता हूँ चलते चलते शरीर का कौन सा अंग कहाँ गिर जाए,
अनजान वीरान जंगलों में कौन सा हिसक sher बघेरा सामने आ जाए !
सूरज चाँद निकलेंगे, फ़िर अस्त हो जाएंगे, सितारे जगमगाएंगे फ़िर फीके पड़ जाएंगे,
मुस्कराते फूल भी मुरझा जाएंगे,
इन राहों में किसान होंगे, मजदूर होंगे,
नंगे भूखे बच्चे होंगे, अपंग असहाय भिखारी होंगे,
नेता होंगें seth dhanpati honge, vyaapaaree yaa अभिनेता होंगे,
इन सब से मिलकर चलना होगा, जिंदगी की हकीकत को समझाना होगा,
जिन्दगी की सांझ आने से पहले मैं मंजिल तक जाना चाहता हूँ !
मंजिल को पाना चाहता हूँ !

Saturday, October 24, 2009

अरमांन वनाम स्वपन

अरमांन मेरे स्वप्न तेरे साथ साथ चलेंगे ,
इस जग को रोशन करेंगें,
मिटा करके अंधेरे !
कलियाँ खिलेंगी, फूल बनेंगे,
गुलशन में महक और खुशबू भरेंगे,
हलचल मचेगी खिलेगा गुलशन,
मन का मयूर नाचेगा छन
भवंरों की टोली मचाएंगे शोर,
झूलेंगे फूलों में चारों और,
ओस की बुँदे फूलों पे गिरेंगी,
सारी की सारी मोती बनेंगी,
साथ रहेंगे न होंगे अकेले,
aramaann mere svapan tere,
saath saath chalenge,
roshan karenge mitaakar andhere!

Wednesday, October 21, 2009

ये गली के कुत्ते

मन्दिर में अगले दिन कोई बड़ा जश्न मनाया जाने वाला था, आज रात को मन्दिर को सजाया गया था, पूरा मन्दिर रोशनी से जगमगा रहा था ! काम कराने वालों के लिए हलवा पूरी बनी थी, खा पी कर सारे मन्दिर के अन्दर गहरी नींद में सो गए थे ! मन्दिर के बाहर जूठी पतल और कुछ हलवा पूरी बिखरी हुई थी ! गली के सारे कुत्ते इन जूठी पतलों पर झपट पड़े थे और भूक भूक करके शोर भी मचा रहे थे ! मैद्रीर वालों की नींद में खलल पड़ रहा था इसलिए कुछ लोग आकर इन्हें डंडा दिखा कर भगा भी रहे थे लेकिन कुत्ते अपना हक़ कैसे छोड़ते, वे कुछ दूर जाकर फ़िर वहीं आजाते ! मन्दिर के कर्मचारी हार मान कर फ़िर गहरी नीद में सो गए ! इधर कुत्ते भी लड़ झगड़ कर खा पी कर वहीं पतलों के ऊपर सो गए ! रात के एक बजे जब मैदिर की गली में पूरा सन्नाटा हो गया था, पदों के पंछी भी गहरी नींद में सो रहे थे, मन्दिर के गेट के बाहर एक कार आकर रुकी, उसमें से एक आदमी उतरा उसने अपने चारों और नज दौडाई, जब उसे यकीन हो गया की इधर उधर कोई नहीं है, उसने कार से एक बड़ा सा बौक्ष निकाला साथ ही एक बैग कंधें में डाल कर गेट के भीतर चला गया ! इस समय तक चार कुत्ते जग गए थे, उनहोंने बिना शोर किए उसका पीछा किया ! वह बीच पंडाल में जाकर खड़ा होगया ! उसने फ़िर चौरों और नजर दौडाई फ़िर उसने कंधे से थैला उतारा उसमें से कुछ औजार निकाले और उस बौक्ष को वहां दफनाने का उपक्रम कराने लगा ! वह वहां पर खुदाई कर पाटा इससे पहले ही चारों कुतों ने उस पर आक्रमण कर दिया, उसी बुरी तरह काट खाया ! पहले तो वह उनसे लड़ता रहा जब अति हो गयी तो उसने चिल्लाना शुरू कर दिया ! कुत्तों ने उसे बिल्कुल लंगडा बना दिया था ! शोर सुनकर मन्दिर के कारिंदे बाहर आगे, उनहोंने देखा की चार कुत्ते एक अनजान आदमी पर चिपके हु उस काट खा रहे हैं ! उनहोंने कुत्तों को मार भगाया उसे कुत्तों से छुडाया, फ़िर उसके बैग और बोक्ष को देखा, वैसे भी वह अनजान आदमी आतंकवादी लगा रहा था ! वह तो चलने फिरने से लाचार था भाग नहीं सकता था ! मन्दिर के लोगों ने उसी समय पुलिस को बुला लिया ! पुलिस ने उसका बोक्ष देखते ही कहा दिया था की यह तो टाईम बम था तथा बैग में एक पिस्तौल, १० राउंड तार बम फिट कराने के औजार थे ! उसे हिरासत में ले लिया तथा अस्पताल में भारती कर दिया ! उसके बयानों से पता लगा की वह तो एक पाकिस्तान का बड़ा ही खूंखार आतंकवादी था और अगले दिन mandiर में होने वाले समारोह में यह टाईम बम फटने वाला था ! दो तीन दिन के बाद वह आतंकवादी कुत्तों के काटे जख्मों से मर गया लेकिन अपनी सारी करतूतें पुलिस वालों को बता गया ! उसके निशाँ देह पर १० और आतंकवादी भी पकडे गए ! कहने को गली के कुत्ते, जो रोटी के बदले अपने लोगों से डंडा खाते हैं, दुद्कारे जाते हैं उनहोंने एक बहुत बड़े हादसे को बच्चा दिया नहीं तो हजारों लोगों के इस समारोह की क्या परिणिति होती सोच कर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं !

द्वारका नगरी

द्वारका नाम से एक नगरी यहाँ दिल्ली में बसाई गयी है, आज इस नगरी की जन संख्या १० लाख की फिगर को पार कर गयी है ! दिल्ली सरकार ने इसको एशिया की सबसे बड़ी सिटी में तब्दील करने की कोशीश की है और इसकी सीमा और बढ़ते हुए मल्टी स्टोरी बिल्डिंग को देख कर लगता है की द्वारका सच मुच में एशिया की सबसे बडी और भारत की एक आदर्श सिटी बन जाएगी ! सबसे बड़ा आकर्षण तो इन्द्रा गांघी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा यहाँ से बहुत नजदीक है तथा आधी से ज्यादा द्वारका मेट्रो लाइन से जुड़ गयी है ! अभी काम बहुत बाकी है जैसे, डिगरी कालेज
हास्पिटल, बस अड्डे रास्ट्रीय स्तर के स्पोर्ट्स स्टेडियम, साफ़ सुथरी सड़कें, पानी की उचित व्यवस्था, सडकों के किनारे लगे कचरे के ढेर, रेडी और ठेले वाले जो सडकों के किनारे चाय, सब्जी, फल बेचते हैं उन्हें सही स्थान पर पहुंचाना, मार्केट में पार्किंग की व्यवस्था करना ! अगर देखा जाए तो इस द्वारका नगरी को एक सांसद और तीन विधायकों की जरूरत है जो अपने वोटों को लेने के लिए इस द्वारका की सही देख भाल कर सकेंगे !
आज हालत ये है की यहाँ के लिए कोइ सफाई कर्मचारी तक नहीं है अगर है तो वे कहाँ सफाई करते हैं ? मैं द्वारका टाईम्स के कैमरा मैन और रिपोर्ट्स से अनुरोध करता हूँ की वे १० सेक्टर और ६ सेक्टर की मार्केट को ६ बजे शाम के बाद देखें, गोलोक धाम मंदिर जाने वाली सारी सडकों को आकर देखें ! उन्हें स्वयं ही पता चल जाएगा की यह द्वारका सही में वही द्वारका है जिसका सरकार ने, दिल्ली वासियों ने या फिर उन तमाम लोगों ने जो इसके नाम के आकर्षण से यहाँ आकर बस गए ने कभी स्वपना देखा था ?

Sunday, October 18, 2009

चीन और भारत

भारत आजाद हुआ, देश के प्रधान मंत्री श्री जवाहरलाल जी ने फरमाया इक हम तो शांती प्रिय लोग हैं, विश्व में हमारा कोई दुश्मन नहीं है ! चाऊ इन लाई भारत आए पञ्च शील समझौते पर दोनों देशों के हस्ताक्षर हुए हिंदू चीनी भाई भाई का नारा बुलंद हुआ और १९६२ में चीन की सेना ने हिंदू चीनी भाई भाई कहते कहते देश के पूर्वी भाग पर आक्रमण कर दिया ! भारत की भूमि हथिया ली और हम खड़े खड़े देखते रहे ! आख़िर पुराने हथियारों से अम्युनेसों की कमी, कब तक रोक सकते थे हमारे जवान दुश्मनों को ! नतीजा चीन ने हमारी जमीन हड़प ली और हम कुछ भी नहीं कर सके ! आज वह पूर्वांचल और उत्तराखंड को अपना बता रहा है और हम शांती का झंडा दिखा रहे हैं या फ़िर सफ़ेद कबूतरों के गलों में शांती की तख्ती लटका कर उड़ा रहे हैं ! कभी यू एन ओ में जा रहे हैं कभी अमेरिका कभी रूस से गुहार कर रहे हैं और चीन हमारी मजबूरी पर हंस रहा है, मुस्करा रहा , अपनी सेना को आगे बढ़ा रहा है और हमारी सीमाओं के अन्दर आकर
पत्थरों पर चीन लिख कर चला जाता है ! वाह ! कितना शांती प्रिया देश है मेरा ? देश के सजग नागरिको हमें और सजग होने की जरूरत है !

दिवाली

दिवाली दिलों को जोड़ने वाली दीपो का त्यौहार है ! कहते हैं त्रेता में जब भगवान राम चन्द्र जी १४ साल के बाद अयोध्या लौट ही ही ही रहे थे तो अयोध्या वासियों ने भगवान् राम चन्द्र जी के स्वागत के लिए पूरी अयोध्या को दीप माला से सजा दिया था ! मार्ग के दोनों तरफ़ जग मग करते दीपो की पंक्तियाँ सजाई गयी थी, रास्तों में थे बिरंगे फूल बिछाए गए थे ! भगवान राम जब जंगल गए थे तो संन्यासियों का भेष बना कर गए थे ! पावों में एक मात्र खडाऊ थे उन्हें भी भरत जी अपने सर पर रख कर वापिस ले आए थे ! वे उस दिन नंगे पाँव ही अयोध्या आ रहे थे ! उस दिन अमावस्या थी और चारों ओर अँधेरा था और इस अन्धकार को झिलमिलाती रोशनी में परिवर्तित करन के लिए अयोध्या वासियों ने दीपकों की रोशनी का वह शमा बाँधा की इन्द्र लोक की शोभा भी फीकी पड़ गयी ! उस जगमगाती रोशनी में भगवान् राम भार्या जानकी और छोटा भ्राता लक्षमण के साथ अयोध्या लौटे थे ! वे सारे देश वासियों से गले मिले थे ! सारे गिलवे शिकवे दूर हुए हंसी खुशी का नया दौर शुरू हुआ था ! और भारतीय संस्कृति में यह दिन दीपावली के नाम से प्रसिद्द हुआ !
दीपावली हंसी खुशी दिलों का मेल और दीपो की जगमग जगमग करती दीपो की रोशनी का नाम है ! १५ अगस्त १९४७ में भारत आजाद हुआ और आज भी इस दिन लालकिला और राष्ट्रपति भवन दीप मालाओं से सजाया जाता है ! फ़िर ये बम पटाके बीच में कौन ले आया ! इन बम पटाकों से कुछ लोग तो खुश हो लेते हैं लेकिन इसके दूषित प्रयावरण से देश की जनता को जो स्वास्थ्य संबन्धी हानि होती है उसका खामियाजा तो आम जनता को ही भोगना पङता है ! आज इन बम पटाकों के डर से आम आदमी राष्ट्रपति भवन की जगमगाती दिवाली को देखने की हिम्मत नईं जुटा पाता है ! क्या सरकार इन बम पटाकों पर रोक लगा पाएगी और दीपावली के त्यौहार की हंसी खुशी दिल दिलों के मेल को लौटा पाएगी ?
हरेन्द्र सिंह रावत

Thursday, October 15, 2009

मेरे मन की दिवाली

मेरे मन की दिवाली में
लक्ष्मी स्नेह बरसाती है ,
और मेरी पूजा की थाली
स्वयं जगमगाती है !
मैं देख देख हर्षाता हूँ ,
मंद मंद मुस्कराता हूँ ,
प्रेम की गंगा बह जाए
हर दिल की खिड़की खुल जाए
इसी लिए हर दिवाली पर
हैपी दिवाली कहता हूँ ,
दरवाजे पर रहता हूँ
कब लक्ष्मी आ जाए,
और सोने की मोहरों दे जाए,
लक्ष्मी आती १२ बजे,
मुझे नींद आजाती है,
सर पर मेरे हाथ फेर कर
और दिल में बस जाती है !
हैप्पी दिवाली - हरेन्द्र सिंह रावत