Sunday, December 27, 2009
पते की बात
हर किसी अनजान से बातें कभी न करना !
अगर कभी बातें करते हो, भेद न अपना बतलाना,
उसकी मीठी बातों में भूल से ना आना !
जो ज्यादा मीठा होता है वह अपना नाश करवाता है,
मीठी बोली बोलने से ही तोता पिंजरे में आता है !
जो सदा अकल से बच्चा है सीधा साधा अच्छा है ,
दुनिया के बाजार में नया नया और कच्चा है ,
ऐसे ही इंसान को हर कोई उल्लू बनाता है,
उसे कोल्हू का बैल बना स्वयं मजे से खाता है !
जो चोर उच्चके हैं बदमास, लूट मचाते बारों मॉस,
ये समाज के काले कौवे कभी न होता इनका नाश !
दिलों में काले नाग बसाए कुटिल हंसी चेहरों पे लाए,
सफ़ेद पोश सर पर टोपी जनता के नेता कहलाते,
करोड़ों का घोटाला करके, इमानदार अपने को बतलाएं !
गरीब इन से लड़ न पाए, खून का घूँट पीकर रह जाए,
फिर भी इन शैतानों की जैकारा करता जाए !
Friday, December 25, 2009
बड़े लोगो के बड़े अफ़राध और छोटी सजा
चलो यह तो इंसानों का कोर्ट था, इससे बड़ा कोर्ट तो अभी बाकी है नीले छतरी वाले का कोर्ट ! उसका डंडा तो बहुत गहरी मार करता है ! मुझे कबीर दास जी का यह दोहा याद आया "माटी कहे कुमार से तू क्या रोंधे मोय, इक दिन ऐसा आएगा मैं रुन्धुंगी तोय ! " अब तो पूरी जनता को रुची के कातिल को लम्बी सजा देने के लिए सडकों पर उतर जाना चाहिए !
चौथा एक दिवसीय मैच
Tuesday, December 22, 2009
क्रिकेट
Sunday, December 20, 2009
पृथ्वी जैसा एक नया गृह
मंहगाई मार गयी
करों का भार ऊपर से सरकार ड़ाल गयी, हड़ताल करके भी भय्या विपक्ष हार गयी,
रोटी कपड़ा मकान अब ख़्वाब बन गए, नून तेल लकड़ी देखो कैसे तन गये,
मंत्री संतरी देश के मजे में सो रहे, लाखों बच्चे ठण्ड और भूखों हैं रो रहे ,
दिन दहाड़े सडकों पे लूट हो रही, असहाय जिंदगानियां सूट हो रही !
सुरक्षा ये महिलावों की ये कर ना पा रहे , महिला आरक्षण बिल संसद में ला रहे,
आतंकियों का खौफ अलग लुटेरे बढ़ रहे, पतिनिधि जनता के हवा में उड़ रहे,
शांती अहिंसा रुष्ट हो सीमा से पार गयी, भारत की जनता को भय्या मंहगाई मार गयी !!
परिचय
मासूम बच्चों की मुस्कान हूँ खुशी दे जहाँ को मैं वह जाम हूँ!
दरिया में बहता हुआ नीर हूँ, दुखी आत्मा की मैं पीर हूँ,
झरने में समाया हुआ गीत हूँ, जवान दिल में धडके मैं वह प्रीत हूँ,
नील गगन सा मैं एक ख़्वाब हूँ, प्यासे के मन में बसा आब हूँ,
धरती पे कुदरत का रूप हूँ, नीचे उतरती हुई धूप हूँ,
हूँ बादल का टुकड़ा उड़ाया हुआ मैं खुशबू हूँ फूलों समाया हुआ !
वेवश अंधे की लाठी हूँ मैं, फूलों भरी नील घाटी हूँ मैं,
कुदरत का रंगीन चस्मा हूँ मैं अचरज भरा एक करिश्मा हूँ मैं,
फूलों में भंवरे की गुन गुन हूँ मैं महफ़िल में बजती हुई धुन हूँ मैं,
वसंती हवावों में सन्देश हूँ, मेरा देश जीते मैं वह रेस हूँ,
आतंकियों का महाकाल हूँ, भारत मेरा देश मैं ढाल हूँ,
गरीबों के दिल में बसा राम हूँ, मुरली मनोहर धनश्याम हूँ,
शहीदों का हूँ गीत गाया हुआ मैं खुशबू हूँ फूलों समाया हुआ !
गंगा की बहती हुई धार हूँ, नाविक के हाथों की पतवार हूँ,
रण में लड़े वो रणधीर हूँ दुश्मन को काटे मैं शमशीर हूँ,
किसी बेसहारे की किस्मत हूँ मैं, जो प्रकाश दे वो दीपक हूँ मैं,
राणा शिवाजी या गांधी हूँ मैं, मिटादे दुश्मन को आंधी हूँ मैं,
डरता जिसे पाक वह नाग हूँ जला दे जो दुश्मन को मैं आग हूँ,
ये खजाना है कुदरत का बिखराया हुआ, मैं खुशबू हूँ फूलों समाया हुआ !
Wednesday, December 16, 2009
कुदरत का जलवा
कब धरती हलचल मचा दे, कब तूफ़ान आजाए,
कब ठोकर खाता पत्थर मंदिर में आ जाए,
घिस घिस करके एक दिन स्वयं मूर्ती बन जाए,
कब रंक के सर पर छत्र सजे कब इंद्र जमीन पे आ जाए,
सिकंदर चला था विश्व विजय को कितनी जनता मारी,
कितने देश बर्वाद किए बेघर हुए नर नारी,
मौत ने उसको भी नहीं छोड़ा, घर तक जा न पाया,
किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए,
कब धरती हलचल मचाए कब तूफ़ान आजाए ! १
चौहान वंश के पृथ्वी राज ने गौरी को मार भगाया,
जयचंद ने गद्दारी की दामाद अपना मरवाया,
दिया साथ तुर्कों का उसने अपना वंश मिटाया !
इतिहास में बदनाम हुआ कौम का दुश्मन कहलाया।
ऊंचे ऊंचे रजवाड़े भी पता न कब ढह जाएँ,
किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए,
कब धरती हल चल मचा दे कब तूफ़ान आजाए ! २
अकबर को क्या कभी पता था की औरंगजेब भी आएगा,
बसे बसाए मुग़ल वंश को जहन्नुम में पहुंचाएगा,
ये कुदरत का खेल है प्यारे, क्या से क्या कर जाए,
किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए,
कब धरती हलचल मचादे कब तूफ़ान आजाए ! ३
कहाँ गया हिटलर मुसोलिनी, कहाँ नेपोलियन की शान
कहाँ गए मारीच खरदूषण रावण सम बलवान ,
कहाँ है डिक्टेटर ईराक का वो सद्दाम हुसैन,
कहाँ तैमूर चंगेज खान छीना सबका चैन,
वो नादिरशाह अब्दाली लुटेरे थे खूनी शैतान,
लाखों निर्दोषों की इन दुष्टों ने ले ली जान,
यम दूतों ने इनको नहीं छोड़ा मौत से बच ना पाए,
किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए ! ४
सबसे बड़ा वह डंडे वाला जिसको कहते हैं भगवान,
कभी आता कृष्ण बनकर कभी वो बन जाता है राम !
उसका डंडा जब पर जाए अफाराधी बच ना पाए,
किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए ५
आज के जालिम नेता भी कितने दिन जी पाएंगे,
एक दिन यमराज के दर पे ये भी देखे जाएंगे !
आतंकवादी अपने कर्मों के बोझ से दब जाएंगे,
मरना चाहेंगे जालिम फिर भी मरना पाएंगे,
दुनिया की इस आपा धापी में कौन कहाँ रह जाए,
किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए,
कब धरती हलचल मचादे कब तूफ़ान आ जाए !! 6
मुझको अपना गीत दे दो
जब बुलाओगे मुझे लौट के मैं आउंगा,
ये चमन ये वादियाँ, रोकती मुझको यहाँ,
और झरनों की झंकारें, कह रही जाते कहाँ ?
मेरा मन फिर डोलता, मैं नहीं कुछ बोलता,
और गीतों के मधुर स्वर, कौन है मुंह खोलता ?
ये शमा अब कह रहा, टिमटिमाता जाउंगा,
मुझको अपना गीत दे दो, मैं मगन हो गाऊँगा !
फूलों की घाटी मुस्कराती, और कुदरत गुण गुनाती,
भंवरों के पीछे भागता हूँ, चाल अपनी नापता हूँ,
फिर पवन पल्लव हिलाता, जैसे है पंखा झुलाता,
है कोइ मुझको बुलाता, सामने फिर भी न आता,
सोचता हूँ एक दिन मैं ढूंढ उसको लाउंगा,
मुझको अपना गीत दे दो, मैं मगन हो गाऊँगा !!
Tuesday, December 15, 2009
नए राज्यों की मांग
पहला वन डे क्रिकेट मैच
Tuesday, December 8, 2009
विदाई 0४/०७/2009
तुम्हे तो जाना है लंबे सफर में, मुझे यहीं रहना है,
कह दो तुम अब दिल की बातें जो कुछ तुमको कहना है !
पता नहीं कब दिन आए वो जब हम फ़िर बतियाएंगे,
गिलवा शिकवा आपस में मिल एक दूजे को बताएंगे !
जब आएगी रिमझिम वारीश, बच्चे शोर मचाएंगे,
गरमी से परेशान सब भीगने बाहर आएँगे,
बैठ अकेला एक किनारे मैं यादों की खिड़की खोलूंगा,
साथ साथ बीते हर पल हंसते हंसते रो दूंगा !
क्या सच मुच ऐसे ही एक दिन सभी जुदा होते हैं,
चलो अब चलते हैं, जुदा होते हैं, थोड़ा सा हंसकर चक्षु भिगा लेते हैं !
रोज सबेरे ब्रह्म मुहर्त में बजेगी मन्दिर की घंटी,
याद आएगी प्रिये तुम्हारी, जैसे लहरें समुद्र की !
दिन गिनता हूँ तुम आओगी सात समुद्र पार से,
करूंगा स्वागत अर्धांगिनी का गुलदस्ता और हार से,
जुदाई के दिन कट जाएंगे सुबह का सूरज निकलेगा,
होगा मिलन हम दोनों का फ़िर मन मयूर फ़िर हर्षेगा !
ये विडम्बना है जीवन की मिल के जुदा होते हैं,
चलो अब चलते हैं जुदा होते हैं, थोड़ा सा हंसकर चक्षु भिगा लेते हैं !
Monday, December 7, 2009
६ दिसंबर 2009
यह दिन मेरे परिवार के लिए भी वरदान सावित हुआ ! मेरे दोनों बेटे राजेश और ब्रिजेश उत्तराखंड के कोटद्वार में रुरल रेनेवेवल उर्जा सौल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड नाम से फायर ब्रिक्स बना रहे हैं जो ईंट भटों में जलने वाला कोयले की जगह ले रहा है ! होटलों रेस्त्रोरेंटों में भी इसकी खपत हो रही है और गैस की बचत कर रहा है ! इसको जलाने के लिए स्मोकलेस चूल्हे का निर्माण भी किया गया है जो वातावरण में फैलाते हुए प्रदूषण पर कंट्रोल कराने में मददगार सावित हो रहा है ! कोपेहेगन में होने वाली विश्व के तमाम देशों की मीटिंग में विश्व प्रयावरण का मुद्दा अहम् मुद्दा होगा ! भारत भी इस मीटिंग में भाग ले रहा है ! हिन्दुस्तान टाईम्स ऊर्जा सौल्यूशंस और प्रदूषण कंट्रोल करने वाले समबधित व्यक्तियों से समपर्क कर रहा है और उनके इंटर व्यू को अपने अखवार में स्थान दे रहा है ! इस संधर्व में ६ दिसंबर के हिन्दुस्तान अंक में "हॉट शोट्स " नाम से पेज ११ पर मेरे पुत्र ब्रिजेश रावत की पोटो और इंटर व्यू छपा है !
Sunday, December 6, 2009
तीसरा टेस्ट मैच
भारत और श्री लंका के बीच तीसरा और आखरी टेस्ट मैच मुम्बई में २ दिसंबर से ६ दिसंबर तक खेला गया इसमें भारत ने एह्री लंका को एक पारी और २४ रनों से शिकत दी ! इस तरह भारत विश्व में टेस्ट मैच श्रृंखला में नंबर वन बन गया है ! सहवाग को मैं आफ दी मैच और मैं आफ दी सीरीज का खिताफ दिया गया, उसने २५४ बोलों में २९३ रन बनाए और केवल ७ रनों से तीसरी ट्रिपल सेंचुरी बनाने से चूक गया ! पहले श्री लंका ने पारी शुरू की और उसके सभी बैटमैन ३९३ रनों पर सीमिट गए ! जबाब में भारत ने ७२६ पर ९ पर पारी समाप्त घोषित करदी और श्री लंका को जीत के लिए ३३४ रन बनाने की चुनौती दी ! (सहवाग ३९३, धोनी १०० नाबाद, द्राविड ७४, सचीन ५३, लक्षण ६२, युवराज २३)। श्री लंका की दूसरी पारी ३०९ रनों पर सीमिट गयी !(श्री लंका कैप्टेन संकारा १३७ रन बना पाया ) ! पहली पारी में हरभजन ने ४ विकेट लिए, और दूसरे में दो लिए, ज़हीर खान ने पहली पारी में एक विकेट लिया जब की दूसरे में ५ लिए ! मैच की कुछ झलकियाँ ! सचीन केवल ३० रनों से पीछे रह गए अपने टेस्ट के १३००० रन पूरे कराने के लिए ! धोनी तीन सेंचुरी बनाने वाला पहला भारतीय विकेट कीपर ! तथा अपने कैप्टेन सिप के तौर पर १० मैचो में ७ में जीत पाई और तीन डराव किए ! अगर सहवाग ७ रन और बना पाटा तो विश्व का प्रथम बैटमैन बन जाता तीन ट्रिपल सेंचुरी बनाने वाला ! अभी तक ब्रेडमैन और लारा आगे हैं, लारा ने ३७५ और ४०० रन बनाए थे, एक दिन में २८४ रन बनाने वाला विश्व का तीसरा क्रीकेटीयर, पहला ब्रेडमैन ३०९, १९३० में, हैमंड २९५, १९३३ मँ, सहवाग के नाम अब ६ दुहरा शतक हो गए हैं जब की राहुल पाँच, ब्रेडमैन १२, लारा ९ और वाल्ली हैमंड ७ दुहरा शतक बना चुके थे ! टेस्ट रैंकिंग भारत १२४ अंकों के साथ पहला, डी। अफ्रीका 122 दूसरा,आस्ट्रेलिया ११६ तीसरा, श्रीलंका ११५ चौथा, इंग्लैण्ड १०५ पांचवां, पाकिस्तान ८४ छटा, न्यूजीलैंड ८० सातवाँ, वेस्ट इंडीज ७६, आठवाँ, बंगलादेश केवल १३ नवां ! श्रीलंका का बौलर मुर्लिथारण अभी तक टेस्ट मैचों में ७९२ विकेट ले चुका है !
Sunday, November 29, 2009
२००९ की ईद प् बिकने वाला एक विशेष बकरा
Saturday, November 28, 2009
भारत श्रीलंका दूसरा टेस्ट मैच
भारत श्रीलंका दूसरा टेस्ट मैच जो कानपुर में २४-२८ नवम्बर को खेला गया था भारत ने एक पारी और १४४ रनों से अपनी झोली में ड़ाल दिया ! इस तरह भारत क्रिकेट टेस्ट में १०० जीत हासिल करके विश्व का छट्टा देश बन गया है ! आस्ट्रेलिया ने ७१३ मैच खेले ३३२ मैच जीते, इंगलैंड ने ८९१ मैच खेले ३०१ जीते, वेस्ट इंडीज ने ४५९ मैच खेले १५२ जीते, साउथ अफ्रीका ३४४ मैच खेले १२० मैच जीते, पकिस्तान ने ३४० मैच खेले १०३ जीते और ९१ में हार का सामना करना पड़ा ! भारत ने कुल ४३२ मैच खेले और १०० मैच जीते तथा १३६ में हार दर्ज की ! भारत ने पहले बल्लेवाजी शुरू की और ६४२ रन बनाकर पूरी टीम आउट हो गयी (सहवाग १३१, गंभीर १६७, राहुल द्राविड १४४, लक्षमण ६३ तथा युवराज ६७) ! श्रीलंका २२९ और २६९ (टी समरवीरा ७८ नावाद ) इस जीत में श्रीसंत के ६ विकेट ने उसे मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया ! अब भारत ऐ सी सी रैंक में साऊथ अफीका के साथ नंबर वन हो गया है !
आज के ताजा समाचार
प्रगति मैदान में विश्व व्यापार मेला लगा है ! दिल्ली मित्रो रेल ने अब तक १०० करोड़ यात्रियों मित्रो की सैर करा दी है ! २५ दिसंबर २००२ से शूरू हुई थी केवल ८.५ किलो मीटर से और आज यह ९० किलोमीटर तक बढ़ गयी है तथा ९ लाख यात्रियों को रोज सैर कराती है ! ९ सेक्टर द्वारका से चलने वाली मित्रो ट्रेन इंद्र प्रस्थ तक थी अब सीधे नोएडा तक पहुंचाई गयी है ! लिब्रहान की रिपोर्ट ने बाबरी मस्जिद के दबे हुए पन्नो को फ़िर से हर अखबार की सुर्खियाँ बना दिया है ! अमिताब बच्चन कहते हैं की पिछले वर्ष (२६ नवम्बर २००८) के मुम्बई आतंकवादी हमलों का एक मात्र जीवित हत्यारा आमीर अजमल कसाव देश में सबसे सुरक्षित और सेहत बंद व्यक्ति है ! ऊसके रख रखाव पर सरकार रोज करदाताओं की कड़ी मेहनत के लाखों रुपये खर्च कर रही है ! झारखंड का पूर्व मुख्या मंत्री मधु कोड़ा अरबों रुपयों की सम्पति जमा करने के आरोप में जांच एजेंसी के सामने जाने से कतरा रहा है और सरकार ऊस कैद नहीं कर रही है क्योंकि वह अफाराधी तालाब की बहुत बड़ी मछली है ! आज इतना ही !
Sunday, November 22, 2009
भारत - श्री लंका पहला टेस्ट मैच
सहवाग १६ + ५१
गंभीर १ + ११४
राहुल द्राविड १७७ + ३८
सचीन ४ + १०० (४३ टेस्ट सेंचुरी तथा ४५ वन डे सेंचुरी ) पूरे ३० हजार रन बनने वाला पहला विश्व खिलाड़ी !
लक्षमन ० + ५१
युवराज ६८ नहीं खेला
धोनी ११० नहीं खेला
श्री लंका
महीला जयवार्देने २७५
प्रशाना जयवार्देने १५४ आउट नहीं
दिलशान ११२ मैच ड्राव रहा ! पीच बैट्स मैं के लिए थी बौलरों को इस पिच से कोई मदद नहीं मिली !
Saturday, November 21, 2009
चाणक्या का नीतिशास्त्र
शेर से एक गुण - पूरी ताकत से आक्रमण करना ! वह चाहे हाथी पर या खरगोश पर हमला करता है पूरी ताकत से
से करता है !
बगुला से एक गुण _ध्यान, एक टांग पर खडा एक तक मच्छली पर नजर !
गधा से तीन गुण - संतोष, स्वामी भक्ती, बिना ना नुकुर किए भोझ ढोना !
मुर्गे से 4 गुण - समय पर उठना, ताकत से लड़ना, पीछे हटना नहीं, दूसरे के हिस्से का खाना नहीं अपना किसी को देना नहीं !
कौवा से पाँच गुण -प्यार छिप कर करना, बुरे दिनों के लिए बचत करना, चौकना रहना, हर किसी पर विशवास नहीं करना !
कुत्ते से ६ गुण - स्व्वामी भक्ती, संतोष, चौकना, मालिक के दुश्मन पर हमला करना, अल्प निंद्रा और
घ्राण शक्ती !
निर्झर
अपनी धुन में छन छन करता,
वैरागी बैठा निर्झर नीचे,
लिखता एक सुंदर सी कविता,
जब निर्झर पर्वत से गिरता,
नीचे आ धरती से मिलता,
और खडा एक वृक्ष देवदार,
मस्त मस्त हो करके हिलता !
आती फ़िर पक्षियों के टोली,
एक ही भाषा सबने बोली,
और कहते इंसानों से,
क्यों चलती भाषा पर गोली?
ये निर्झर ठंडक पानी देता,
बदले में कुछ भी नहीं लेता,
जाति धर्म न भाषा पूछे,
ना खुशी न किसी से रूठे
इंसानों की तरह यह निर्झर,
कभी न करती वाडे झूठे !!
Thursday, November 19, 2009
१८ नवम्बर 2009
Thursday, November 12, 2009
सचीन तन्दुलकर
Sunday, November 8, 2009
छटवां एक दिवसीय क्रिकेट मैच
Friday, November 6, 2009
गरीब के घर भगवान्
रमता राम एक बहुत ही गरीब किसान के घर पैदा हुआ था, बिल्कुल अकेली संतान ! जिस दिन वह पैदा हुआ था, उस दिन वारिश हो रही थी, उनकी झोपडी जगह जगह से गरीबी के आंसू टपका रही थी ! उसके माता और पिता जी न ज्यादा खुश थे न दुखी थे ! घर में खाने पीने के लिए कुछ नहीं था, क्योंकि तीन चार रोज से लगातार वारीश होने से उसके पिता जी मजदूरी के लिए नहीं जा सके, पैसे नहीं थे, उधार वे लेते नहीं थे, जो कुछ मिल गया प्रभु इच्छा समझ कर संतोष कर लिया करते थे ! रमता राम जैसे ऊपर से उतर कर धरती पर आया, झोपडी में जैसे एक प्रकाश भर गया ! झोपडी से आसमान तो वैसे ही दिखाई देता था, जैसे पहले दिखाई देता था लेकिन अब वह टपक नहीं रहा था ! रमता राम रोया नहीं जैसे उसे पता था की इस परिवार में रोने से कुछ हासिल नहीं होगा, उलटा आँख खोलते ही वह मुस्कराने लगा ! माँ के स्तनों से बिना खाए, पिए ही दूध निकलने लगा ! घर में कुछ नहीं था लेकिन लग रहा था की भरा भरा है ! माँ पिता जी को लगा की उन्होंने कोई स्वादिष्ट भोज किया है और उनकी उदर पूर्ति हो गयी है ! अचानक एक प्रकाश पुंज उस झोपडी में उदित हुआ, एक गंभीर आवाज गूंजी, "तुम्हारी भक्ती से मैं प्रशन्न हूँ, मांगो जो मांगोगे मिलेगा, धन दौलत, मान सम्मान, इज्जत, रुतवा, सब कुछ,"
रमता राम के माता पिता जी शांत होकर बोले, "हे प्रभु सब कुछ तो दिया है तुमने, माँगने के लिए कुछ छोडा ही नहीं, बस इसी तरह मेरी इस झोपडी में वास करें ! ऐ प्रकाश सदा हमारे दिल और दिमाग में विद्यमान रहे, बस यही हमारी मांग है यही इच्छा है !" और सच much
में भगवान वहीं के hokar रह गए aur deen bandhu kalaae !
पांचवां क्रिकेट मैच
Wednesday, November 4, 2009
मधु कोडा एक राज नेता
भाग दौड़ होगी, मीडिया वाले भी बढ़ चढ़ कर लिखेंगे, टी वी चेनल भी बार बार इन समाचारों को दोहराते रहेंगे, फ़िर सब कुछ शांत हो जाएगा, जनता भी भूल जाएगी और कोडा जे अस्पताल में पड़े पड़े ऐश करते रहेंगे !
Tuesday, November 3, 2009
प्रधान मंत्री की सुरक्षा
पाकिस्तान और आतंकवाद
मोहाली का मैच (चौथा एक दिवसीय )
कैप्टेन धोनी ने किया फील्डिंग का ऐलान,
फील्डिंग का ऐलान, आस्ट्रेलिया ने रंग जमाया,
धुनाधर बैटिंग करके २५० रन बनाया !
भारत की टीम सारी की सारी २२६ पर सिमिट गयी,
कही बार हुआ है ऐसा, कोई नई बात नहीं !
सचीन के ४० बने, हर भजन इकतीस,
सहवाग १८ गेंद बन गए रन फ़िर तीस !
बन गए रन फ़िर तीस, धोनी २६ बना पाया,
युवराज जैसे दिग्गज मैदान में टिक नहीं पाया !
रावत बोले धोनी भाई पहले बैटिंग करनी थी,
बैट बौल की यह लड़ाई सोच समझ कर लड़नी थी !
Saturday, October 31, 2009
दूसरा क्रिकेट मैच
Thursday, October 29, 2009
मुझे कुछ और करना है
बस है दिल में यही मेरे, दुश्मन को कमजोर करना है!
मुझे दुश्मन से लड़ना है, न आतंकी से डरना है,
खाली वीरान बागों को, कुदरत के फूलों से भरना है !
वैसे मैं शांत हूँ, पर सजग रहता हूँ,
जुल्म मत सहो, हर भारत वासी से कहता हूँ,
ये दुनिया सहमी सहमी है,
मटमैली टोपी पहनी है,
आओं सभी को जाकरके, हमें यह बात कहानी है !
हम तो हैं सच्चे दिल के, डरते नहीं किसी से,
आतंकी का दिल नहीं है, डरता है हर किसी से,
आओ मिलके कह दो, हमें शोर करना है,
ये देश मेरा भारत, दुश्मन से नहीं डरना है !
धोनी का कमाल
Sunday, October 25, 2009
एक लम्बी यात्रा
मंजिल कहाँ है पता भी नहीं है, या दूर है या फ़िर यहीं है !
न कोई भय न डर, उडता जा रहा हूँ बिना पर !
रात का अँधेरा, करता बसेरा उड़ते पंछी की तरह,
किसी सराय में या किसी डाल पर,
यह सोच कर कहीं सो न जाऊं, स्वपनों में खो न जाऊं!
सबेरे उठना अगले पड़ाव तक चलना,
कितने पड़ाव आयेंगे, मुसकराते फूलों में बैठे भंवरे गुन गुनाएंगे !
नए चहरे मिलेंगे, साथ साथ चलेंगे,
कुछ राहों में बिछुड़ जाएंगे, कभी खुशी कभी गम का आलम बनाएंगे !
यही सोच कर चला जा रहा हूँ आगे ही आगे,
नींद आने से पहले मंजिल तक पहुँचना चाहता हूँ !
इच्छा है नाप लूँ आसमान की ऊंचाई, समुद्र की गहराई,
जानता हूँ चलते चलते शरीर का कौन सा अंग कहाँ गिर जाए,
अनजान वीरान जंगलों में कौन सा हिसक sher बघेरा सामने आ जाए !
सूरज चाँद निकलेंगे, फ़िर अस्त हो जाएंगे, सितारे जगमगाएंगे फ़िर फीके पड़ जाएंगे,
मुस्कराते फूल भी मुरझा जाएंगे,
इन राहों में किसान होंगे, मजदूर होंगे,
नंगे भूखे बच्चे होंगे, अपंग असहाय भिखारी होंगे,
नेता होंगें seth dhanpati honge, vyaapaaree yaa अभिनेता होंगे,
इन सब से मिलकर चलना होगा, जिंदगी की हकीकत को समझाना होगा,
जिन्दगी की सांझ आने से पहले मैं मंजिल तक जाना चाहता हूँ !
मंजिल को पाना चाहता हूँ !
Saturday, October 24, 2009
अरमांन वनाम स्वपन
इस जग को रोशन करेंगें,
मिटा करके अंधेरे !
कलियाँ खिलेंगी, फूल बनेंगे,
गुलशन में महक और खुशबू भरेंगे,
हलचल मचेगी खिलेगा गुलशन,
मन का मयूर नाचेगा छन
भवंरों की टोली मचाएंगे शोर,
झूलेंगे फूलों में चारों और,
ओस की बुँदे फूलों पे गिरेंगी,
सारी की सारी मोती बनेंगी,
साथ रहेंगे न होंगे अकेले,
aramaann mere svapan tere,
saath saath chalenge,
roshan karenge mitaakar andhere!
Wednesday, October 21, 2009
ये गली के कुत्ते
द्वारका नगरी
हास्पिटल, बस अड्डे रास्ट्रीय स्तर के स्पोर्ट्स स्टेडियम, साफ़ सुथरी सड़कें, पानी की उचित व्यवस्था, सडकों के किनारे लगे कचरे के ढेर, रेडी और ठेले वाले जो सडकों के किनारे चाय, सब्जी, फल बेचते हैं उन्हें सही स्थान पर पहुंचाना, मार्केट में पार्किंग की व्यवस्था करना ! अगर देखा जाए तो इस द्वारका नगरी को एक सांसद और तीन विधायकों की जरूरत है जो अपने वोटों को लेने के लिए इस द्वारका की सही देख भाल कर सकेंगे !
आज हालत ये है की यहाँ के लिए कोइ सफाई कर्मचारी तक नहीं है अगर है तो वे कहाँ सफाई करते हैं ? मैं द्वारका टाईम्स के कैमरा मैन और रिपोर्ट्स से अनुरोध करता हूँ की वे १० सेक्टर और ६ सेक्टर की मार्केट को ६ बजे शाम के बाद देखें, गोलोक धाम मंदिर जाने वाली सारी सडकों को आकर देखें ! उन्हें स्वयं ही पता चल जाएगा की यह द्वारका सही में वही द्वारका है जिसका सरकार ने, दिल्ली वासियों ने या फिर उन तमाम लोगों ने जो इसके नाम के आकर्षण से यहाँ आकर बस गए ने कभी स्वपना देखा था ?
Sunday, October 18, 2009
चीन और भारत
पत्थरों पर चीन लिख कर चला जाता है ! वाह ! कितना शांती प्रिया देश है मेरा ? देश के सजग नागरिको हमें और सजग होने की जरूरत है !
दिवाली
दीपावली हंसी खुशी दिलों का मेल और दीपो की जगमग जगमग करती दीपो की रोशनी का नाम है ! १५ अगस्त १९४७ में भारत आजाद हुआ और आज भी इस दिन लालकिला और राष्ट्रपति भवन दीप मालाओं से सजाया जाता है ! फ़िर ये बम पटाके बीच में कौन ले आया ! इन बम पटाकों से कुछ लोग तो खुश हो लेते हैं लेकिन इसके दूषित प्रयावरण से देश की जनता को जो स्वास्थ्य संबन्धी हानि होती है उसका खामियाजा तो आम जनता को ही भोगना पङता है ! आज इन बम पटाकों के डर से आम आदमी राष्ट्रपति भवन की जगमगाती दिवाली को देखने की हिम्मत नईं जुटा पाता है ! क्या सरकार इन बम पटाकों पर रोक लगा पाएगी और दीपावली के त्यौहार की हंसी खुशी दिल दिलों के मेल को लौटा पाएगी ?
हरेन्द्र सिंह रावत
Thursday, October 15, 2009
मेरे मन की दिवाली
लक्ष्मी स्नेह बरसाती है ,
और मेरी पूजा की थाली
स्वयं जगमगाती है !
मैं देख देख हर्षाता हूँ ,
मंद मंद मुस्कराता हूँ ,
प्रेम की गंगा बह जाए
हर दिल की खिड़की खुल जाए
इसी लिए हर दिवाली पर
हैपी दिवाली कहता हूँ ,
दरवाजे पर रहता हूँ
कब लक्ष्मी आ जाए,
और सोने की मोहरों दे जाए,
लक्ष्मी आती १२ बजे,
मुझे नींद आजाती है,
सर पर मेरे हाथ फेर कर
और दिल में बस जाती है !
हैप्पी दिवाली - हरेन्द्र सिंह रावत