जिन्दगी की इस भाग दौड़ में कभी मौक़ा ही नहीं मिला, अपने बारे में सोचने का ! पता ही नहीं चला की कब बचपन आया, कब खुली हवा में पार्क में जाकर दौड़े भागे, गललियों में गिल्ली डंडा खेले, क्रिकेट की बॉल फेंक कर कितनों की खिड़की के शीशे फोड़े, कितने अंकलों की डाट डपट खाई होगी ! नाजुक कंधा बस्ता भारी के बोझ तले, टीचर के होम वर्क से बड़े हुए, स्कूल कालेज की मस्ती, विकास और मंहगाई की आंधी ने दिखाई हर एक को उसकी माली
हस्ती ! कालेज से निकलते ही नौकरी की तलाश ! शादी फिर बच्चे ! रात देर तक घर पहुंचना, फिर सुबह सबेरे जल्दी उठकर वही भाग दौड़, बच्चों को तैयार करके स्कूल भेजना, बस से नहीं तो स्वयं अपनी कार, मोटर साईकिल, साईकिल या फिर रिक्सा से ! खुद तैयार होकर आफिस के लिए निकलना ! रास्ता ठीक मिल गया तो बिलकुल समय पर दफ्तर में हाजिरी लग जाएगी और अगर जो अमूमन होता ही रहता है, किसी नेता ने जलूस निकाल लिया, कोइ मंत्री परिवार के साथ विदेश यात्रा पर जा रहा है, किसी ब्यूरो क्रिएट या नेता के लड़की या लडके की शादी है और पूरे रोड को सुबह से ही जाम कर दिया गया है, किसी धार्मिक संस्था ने झांकी निकाल ली और सड़क जाम करदी तो ऑफिस से गैरहाजिरी तो होगी ही, साथ ही अपने बॉस की घुड़की सुनने को मिलेगी वह अलग ! जहाँ मिंया बीबी दोनों ही सर्विस पर चले जाते हैं, उनको माई (मेड) चौबीस घंटे के लिए रखनी पड़ती है, ताकी जब बच्चे स्कूल से आएं तो उन्हें वह संभाल सके, अगर माई शरीफ मिल गयी जो आज के ज़माने में मिलनी मुश्किल ही नहीं असंभव भी है, तो आप दफ्तर में मन लगाकर काम कर सकेंगे नहीं तो मन तो घर पर रहेगा फिर जो भी काम करोगे गलत होगा और फिर बॉस की वह सब कुछ सुननी पड़ेगी जिसकी आपने कभी अपेक्षा भी नहीं की होगी ! अब आपके पास दो ही रास्ते बचते हैं या तो बॉस के मुंह पर खरी खोटी सुनाकर अपनी दिल की भड़ास मिटाकर रिजाइन कर दो या फिर निरी गाय बन कर चुप चाप उसकी सुनते रहो, मन ही मन मुस्कराते रहो, बॉस जब थक जाएगा अपने आप चुप हो जाएगा ! यारो वह भी पंच तत्व का इसी धरती का जीव है हमारी तरह ! रात को हारे थके घर आए, किसी रिश्तेदार के लडके का कार्ड आपका इंतज़ार करते मिलेगा ! जाना पडेगा पूरे परिवार के साथ बुलाया है, बच्चे तो खुश हैं लेकिन अगर रिश्तेदार आपकी ससुराल की तरफ का निकला तो बीबी भी खुश पर आपका मुंह लटक जाएगा ! अगर आपका रिश्तेदार निकला तो बी बी का मुंह सूजा सूजा लगेगा ! जेब तो दोनों तरफ से आपकी ही कटनी है और रात खराब होगी सो अलग ! दफ्तर में बोनस मिला, आपने कही दिन पहले ही इस बोनस की राशि का सही सदुपयोग करने की योजना बनाई थी, उसी दिन बच्चों के बैग में होम वर्क की डायरी में स्कूल का एक अतिआवश्यक नोटिस मिला, लिखा था, "इस महीने की पहली तारीख से हर बच्चे की फीस में ५० फी सड़ी इजाफा किया गया है, बिना किसी हो हल्ला के जमा करा दें नहीं तो अपने बच्चे के लिए कोई और स्कूल ढूंढ लें" ! इसी तरह जिन्दगी के नरम गरम थपेड़ों को झेलते हुए समय कब निकल गया, पता भी नहीं चला और ६० साल की उम्र होते ही आपका रिटायरमेंट का दिन आ गया ! शरीर थका थका सा है, लगता है आप ७० पार कर गए हैं !
अब पीछे झाँक कर देखिये इन साठ सालों में आपने इस शरीर को पुष्ट करने में कितना दिन या महीना लगाया ! शरीर अब थक गया है, कही रोग शरीर में अड्डा जमा चुके हैं ! हर दिन डाक्टर की क्लीनिक में जाना पड़ता है, वह भी हैरान है की इतने सारे रोग, इलाज करूं तो शुरू कहाँ से करूं ? फिर वह कोई न कोई गोली देकर पीछा छुड़ा देता है, आपको आराम आ रहा है या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है !
आपकी पड़ोस में जो सज्जन रहते हैं, वे पहले सेना में थे, २० साल की सर्विस होते ही ३८ साल में उन्हें रिटायर कर दिया गया था ! बड़ी भाग दौड़ की एक क्लास फॉर की सर्विस मिली ! उसको भी बच्चों को पढ़ाना था, पेंशन भी कम थी, जो अब वेतन भता मिल रहा था वह भी कम था, उन्हें भी रिश्तेदारियों में शादी-विवाह, जन्म दिन या अन्य समारोहों में भाग लेने जाना पड़ता था ! लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी ! सूरज उदय होने से पहले ये दोनों मिया बीबी उठते, हाथ देखते यह मन्त्र पढ़ते हुए, "कराग्रे लक्ष्मी बसती, कर मध्ये सरस्वती, कर मूले स्थितो बष्णु प्रभाते कर दर्शने" ! दैनिक क्रियाओं से रुक्सत होकर आधा घंटा व्यायाम - योगा करते, एक मील की सैर करके आते, तरो ताजा होकर बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करते, उन्हें स्कूल भेज कर स्वयं भी आफिस ड्यूटी पर चला जाता ! हर किसी से हंस कर बातें करता ! वक्त बेवक्त हर किसी की मदद को हमेशा आगे रहता ! बीबी घर में पास पड़ोस के बच्चों को इकट्ठा करके उन्हें बच्चों के खेल खिलाती, उनका मंनोरंजन करती ! छुट्टी के दिन महिलाओं को दश्कारी की ट्रेनिंग देती जो उसने अपने पति के साथ फ़ौज में रहते हुए सीखी थी ! इस तरह दोनों मियाँ बीबी मिल जुलकर गृहस्थी की गाडी को बिना किसी परेशानी के आगे खींचते चले गए ! आज उनके बच्चे भी स्वस्थ हैं बड़े हो गए हैं, और नौकरी करके माँ बाप का सहारा बन गए हैं ! अब ये सज्जन भी रिटायर हो गए हैं, पर चहरे पर वहीं चिरपरिचित मुस्कान, वही ताजगी, वही फूर्ती, कोई रोग नहीं, ६० पूरे हो चुके हैं लेकिन पचास के लगते हैं ! कारण समय की पावंदी, जल्दी सोना, जल्दी उठना ! सूरज के उदय होने से पहले की लालिमा के दर्शन करना ! अनुशासन, व्यायाम-योग नियमित तौर पर बिना नागा के करना ! वे इस युक्ती पर विश्वास करते हैं की पहले शरीर को थकाओ और फिर आराम करो, मजा आएगा ! वे कालोनी में काफी लोक प्रिय हैं ! कालोनी के हर राग रंग में हमेशा आगे रहते हैं ! क्या यह सब फ़ौजी ट्रेनिंग का कमाल है या कुछ और ? उनका कहना था आप अगर केवल आधा घंटा भी रोज इस शरीर को पुष्ट करने में लगाएंगे तो महीने में १५ घंटे ही लगे और साल में १८० घंटे, यानी ज्यादा से ज्यादा ८ दिन ! क्या जिस शरीर से आपने जिन्दगी की इतनी भारी गाडी खींचनी है, उसके इंजन में आप ८ दिन का ग्रीसिलिन भी नहीं लगा सकते ? बस केवल ८ दिन और जिन्दगी भर की मुस्कान !
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Tuesday, September 7, 2010
Friday, July 9, 2010
काश्मीर में अलगाव संगठन सक्रीय
काश्मीर में अलगाव वादी संगठन कितनी घृणित राजनीति का खेल खेल रही है और केंद्र में कांग्रेस सरकार आँखे मूंदे यह सब कुछ देख कर भी अनदेखी कर रही है ! ये कैसी तुष्टी करण की राजनीति है की एक विशेष धर्म के मानने वालों को अल्प संख्यक का जामा पहिना कर उनके द्वारा किये गए जघन्य से जघन्य अपराधों पर भी पर्दा दाल दिया जाता है और उन्हें और भी निरपराध, निहत्थे लोगों की ह्त्या करने का अवसर देने के लिए खुला छोड़ दिया जाता है ! कटने शर्मनाक काम को अंजाम दे रहे हैं ये काश्मीर के अलगाव वादी नेता ! अपने साथ रैली में मिला कर क़ानून व्यवस्था को धता दिखा कर अराजक फैला कर , सुरक्षा कर्मियों को विविश कर देते हैं गोली चलाने के लिए और अपने ही समर्थकों को मरवा देते हैं उनको जो इन्हें अपना माई बाप समझते हैं ! हमारी खुफिया एजेंसी केन्द्रीय सरकार को कही बार आगाह कर चुकी है की काश्मीर में अलगाव वादी संगठन सुरक्षा एजेंसियों को बदनाम करने के लिए षडयंत्र रच रही है लेकिन प्रधान मंत्री और सोनिया जी कुछ भी सूनने को तैयार नहीं है, पता नहीं ये कौन सी बड़ी दुर्घटना का इंतज़ार कर रहे हैं ! अलगाव वादियों को खुश करने के लिए सहायता का पैकेग बढ़ा दिया जाता है और अलगाव वादी आतंकवादियों के साथ मिलकर इस राशि से खतरनाक हथियार खरीदते हैं, सुरक्षा बलों का मनोबल तोड़ने के लिए ! देश के शासको प्रशासको अब भी समय है जाग जाओ और इन अलगाव वादी और आतंकवादी संगठनों को समाप्त कर दो !
Tuesday, June 22, 2010
अमेरिका रहस्यों से भरा
नयी दुनिया, कोलंबस की खोज ! सन १४९२ ई० तक दुनिया के नक़्शे पर अमेरिका का नाम नहीं था और आज हकीकत ये है की अमेरिका विश्व की तमाम शक्तियों का केंद्र बिन्दु है ! संयुक्त राष्ट्र संघ हो या सुरक्षा परिषद्, अमेरिका सबका लीडर है ! यहाँ का इतिहास कहता है की अमेरिका के मूल इंडियन थे ! गहराई से अध्यन करने पर पता चलता है की "ऐस एज " एक ऐसा युग था जब सारा संसार बर्फ से ढका हुआ था, लेकिन इंसान उस बर्फीले युग में भी था ! वह खाना बदोष था और जंगली जानवरों को मार कर खाता था ! इनका कोई स्थाई घर नहीं था, एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहते थे ! अमेरिकन इतिहासकार कहते हैं की अमेरिका के पूर्वज एशिया के पश्चिम दक्षिण से शिकार की टोह लेते लेते रूस के कोर्याक रेंज, चुकची पहाड़ियों को पार करते हुए, अमेरिका के अलास्का प्रदेश तक पहुँच गए ! चुक्चे सागर जो चुकची पहाड़ियों और अलास्का के बीच में पड़ता है बर्फ से ढका था ! उस समय वाइसन (जंगली भैंसा) बड़ी मात्र में पाए जाते थे और ये लोग शिकारी बन कर इनके पीछे पीछे अमेरिका के उत्तरी किनारे तक पहुँच गए थे ! जब शिकार मिलना मुश्किल होगया तो ये लोग वापिस एशिया की ओर लौट पड़े तब तक बर्फ पिघल चुकी थी और समुद्र की गहराई रुकावट बन गयी ! इस तरह वे लोग अमेरिका के होकर रह गए ! फिर वे लोग दक्षिण की ओर बढ़ने लगे तथा जंगली फल फूलों से अपनी आजीविका चलाने लगे ! फिर इन लोगों ने खेती करना शुरू किया ! खेती में सबसे पहले उन लोगों ने मकई की फसल शुरू की ! जब १४९२ में कोलंबस अमेरिका आया, उसने समझा की वह इंडिया (भारत) आगया है ! इस कारण भी यहाँ के मूल वासियों को इंडियन कहा जाता है ! अपने यात्रा वर्णन में उसने लिखा है की "यहाँ के लोग बड़े बड़े खेतों में मकई नाम की फसल उगाते हैं" ! उसके बाद पूरे यूरोप के लोग यहाँ बसने लगे ! कहते हैं कोलंबस की यात्रा के वक्त तक अमेरिका के लोगों की जनसंख्या अस्सी लाख थी ! योरोप से आने वाले अपने साथ भयानक बीमारी लेकर आये थे, जिसने यहाँ के निवासियों के लिए कब्र स्थान बना दिया ! कुछ लोगों को आने वालों ने मरवा दिया और उनके खेतों पर कब्जा कर दिया ! आज हालत यह है की पूरे अमेरिका में एक लाख भी मूल निवासी नहीं होंगे ! धीरे धीरे अमेरिका में यूरोप से बड़ी संख्या में लोग आने लगे, फ़्रांस से, स्पेन से, पुर्तगाल से, इटली, जर्मनी से, स्वीटजरलैंड से तथा ब्रिटेन से ! ब्रिटेन ने तो आते ही अपने बाहुबल से धीरे धीरे सारे अमेरिका को अपने किंग के ताज अधीन कर दिया ! अफ्रीका से स्वयं अमेरिका से मूल इंडियनों से उनकी जमीने हड़प कर उन्हें गुलाम बनाया गया और तम्बाकू की फसल उगाई गयी ! व्यापार पर, आर्थिक नीतियों पर, आयात निर्यात पर, शासन के तीनों अंगों पर न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायक पर इंगलैंड के राजा का पूरा नियंत्रण था ! इंगलैंड के तानाशाही रवैये से यहाँ स्थायी तौर पर रहने वालो को नागँवार लगा ! इन लोगों में करीब सभी देशों के लोग थे जिसमें इंगलैंड के लोग भी शामिल थे! इन सभी स्थायी तौर पर बसने वाले विदेशी नस्ल के अमेरिकनों ने एक झंडे के नीचे इकठे होकर जार्ज वासिंगटन के नेतृत्व में इंगलैंड के खिलाफ जेहाद छेड़ दिया ! ४ जौलाय १७७६
एक विराट सम्मलेन में अमेरिका की स्वतंत्रा की घोषणा की गयी ! इंगलैंड ने अपनी सेना के तीनों अंगों को इनके खिलाफ अमेरिका भेज दिया, काफी खून खराबा हुआ, ऐन वक्त पर फ़्रांस ने इन स्वतंत्रा प्रेमियों की मदद के लिए अपनी सेना भेज दी, सन १७८१ में एक निर्यायक युद्ध में ब्रिटेन की सेना हार गयी और अमेरिका एक स्वतंत्र देश बन कर उभरा ! और आज अपनी मेहनत, सूजबुझ, नयी नयी तकनीकी के बल बूते पर अमेरिका विश्व का लीडर बन गया ! यहाँ का हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी बड़ी इमानदारी से निभाता है ! बाहर से आने वाला भी अमेरिकेन बन कर एक सुधरा हुआ नागरिक जैसे ही व्यवहार करता है ! दोनों विश्व युद्धों में अमेरिका की भूमिका निर्णायक रही ! संयुक्त राष्ट्र की स्थापना अमेरिका की देन है ! विज्ञान के क्षेत्र में अमेरिका ने अन्तरिक्ष पर भी विजय पा ली है ! चंद्रमा में की सतह पर चंद्रयान पहुंचा दिया, अन्तरिक्ष में वैज्ञानिकों को भेज दिया, मंगल, शुक्र और शनि की परिधि में जाकर इन ग्रहों की जानकारी हासिल करने की पहल की ! जिस देश ने आँख दिखाई उसको उसकी हैसियत दिखा दी ! पाकिस्तान जो इतना उछल कूद मचा रहा है केवल अमेरिका के बल बूते पर उसके द्वारा दी गयी भिक्षा पर ! जिस दिन अमेरिका ने भिक्षा देना बंद किया उसी दिन पाकिस्तान और उसका आतंकवाद भूमिसात हो जाएगा ! इंतज़ार है हम भारतियों को उस दिन का !
एक विराट सम्मलेन में अमेरिका की स्वतंत्रा की घोषणा की गयी ! इंगलैंड ने अपनी सेना के तीनों अंगों को इनके खिलाफ अमेरिका भेज दिया, काफी खून खराबा हुआ, ऐन वक्त पर फ़्रांस ने इन स्वतंत्रा प्रेमियों की मदद के लिए अपनी सेना भेज दी, सन १७८१ में एक निर्यायक युद्ध में ब्रिटेन की सेना हार गयी और अमेरिका एक स्वतंत्र देश बन कर उभरा ! और आज अपनी मेहनत, सूजबुझ, नयी नयी तकनीकी के बल बूते पर अमेरिका विश्व का लीडर बन गया ! यहाँ का हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी बड़ी इमानदारी से निभाता है ! बाहर से आने वाला भी अमेरिकेन बन कर एक सुधरा हुआ नागरिक जैसे ही व्यवहार करता है ! दोनों विश्व युद्धों में अमेरिका की भूमिका निर्णायक रही ! संयुक्त राष्ट्र की स्थापना अमेरिका की देन है ! विज्ञान के क्षेत्र में अमेरिका ने अन्तरिक्ष पर भी विजय पा ली है ! चंद्रमा में की सतह पर चंद्रयान पहुंचा दिया, अन्तरिक्ष में वैज्ञानिकों को भेज दिया, मंगल, शुक्र और शनि की परिधि में जाकर इन ग्रहों की जानकारी हासिल करने की पहल की ! जिस देश ने आँख दिखाई उसको उसकी हैसियत दिखा दी ! पाकिस्तान जो इतना उछल कूद मचा रहा है केवल अमेरिका के बल बूते पर उसके द्वारा दी गयी भिक्षा पर ! जिस दिन अमेरिका ने भिक्षा देना बंद किया उसी दिन पाकिस्तान और उसका आतंकवाद भूमिसात हो जाएगा ! इंतज़ार है हम भारतियों को उस दिन का !
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