८ अप्रेल को पहला ऐ पी एल मैच शुरू हुआ था चेन्नई सुपर किंग और नाईट राईडर कोल्कता के साथ और इस मैच को चेन्नई ने मात्र २ रनों से जीत कर अपनी विजय यात्रा शुरू की ! कुल दश टीमें थी और प्रत्येक टीम ने १४ १४ मैच खेले ! कुछ मैच बड़े रोमांचकारी भी थे और कुछ ऐसे भी थे जो दर्शकों के दिल और दिमाग पर छा गया ! पांच टीमे सुपर फाईनल के लिए जी तोड़ परिश्रम करने लगे ! प्रथम स्थान पर १९ पॉइंट पाकर रोयल चैलेंजर्स बंगलौर, सुसरे पर चेन्नई तीसरे पर कोल्कता और चौथा मुम्बई इंडिया ! पंजाब (कैप्टेन गिल क्रिष्ट ) ने अपनर आखरी मैचों को कुछ रंग दिखाए थे लेकिन सारे रंग फीके पड़ गए ! २४ मई को पहला क्वालिफायर मैच पहली और दूसरी टीमों के बीच हुआ ! इसमें चेन्नई ने बंगलौर को हराकर अपनी फाईनल की सीट पक्की कर ली थी ! फिर बंगलौर को तीसरी - चौथी टीम के विजेता मुम्बई से २७ मई को भिड़ना पड़ा इस मैच में क्रिष्ट गेल छाया रहा और उसने ८९ रन ठोककर बंगलौर की जीत मुम्बई के ऊपर पक्की कर दी ! टीम ने १८५ रन २० ओवरों में बनाकर मुम्बई को १८६ रनों का लक्ष्य दे डाला लेकिन मुम्बई इंडिया मात्र ११२ रनों पर ही सीमित गयी !
२८ मई का महा संग्राम हुआ फिर रोयल चेलेंजर्स और चेन्नई सुपर किंग के बीच ! मैच चेन्नई के क्रिकेट मैदान में ही खेला गया ! कैप्टेन महेंद्रसिंह धोनी ने टास जीता और पहले बल्ले बाजी का निर्णय लिया ! चेन्नई का पहला विकेट १५९ पर एम हस्सी का गिरा, उसका निजी स्कोर था ६३, दूसरा १८८ पर मुरली विजय का विकेट गिरा उसके अपने ९५ रन थे जो उसने मात्र ५२ बोलों पर बनाए ! चेन्नई ने २० ओवरों में २०५/5 रन बनाए और बंगलौर को २०६ रन बनाने का न्योता दिया ! सारे दर्शक बड़ी बेसब्री से क्रिष्ट गेल के बले से निकलने वाले छक्कों का इन्तजार कर रहे थे लेकिन ये क्या गेल तो जीरो बनाकर पैविलियन में वापस लौट गए और डक पीछे पीछे ! विराट कोहली भी ३५ रन बना कर पविलियन लौट गए सस्ते में ही ! पूरी तीन मात्र १४७ पर सीमित गयी और २०१० के डेले पी एल विजेता चेन्नई ने २०११ का फाईनल जीत कर चेम्पियन बनने का गौरव हासिल किया ! चलो ऐ पी एल का बुखार जो ८ अप्रेल २०११ से शुरू हुआ था २८ मई को चेन्नई में ही समाप्त हुआ ! मैंन आफ द मैच का पुरस्कार मुरली विजय को मिला !
Saturday, May 28, 2011
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