Friday, August 12, 2011

क्या भारत विश्व में अपना अस्तित्व बनाए रख सकेगा ?

जिस तरह देश के शासक प्रशासक नेता, नौकरशाह और सरकारी कर्मचारी घोटाला, भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी के दल दल में फंसे पड़े हैं, प्रदेशों के मुख्य मंत्री और मुख्या सचीव सरकार के खजाने, सरकारी जमीन पर अपना खूनी पंजा गदा रहे हैं, दिनं दहाड़े नारियों की अस्मत लूटी जा रही है, महानगरों और बड़े बड़े कस्बों में क़ानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है, किसान और मजदूरों को अशिक्षा और महंगाई के बोझ तले दबाया जा रहा है ! अमीर ऊंचा उठ रहा है, इतना ऊंचा की उसे नीचे जीवित इंसान भेड बकरी नजर आने लगी हैं ! नेता सरकारी खजाने के ताले तोड़ कर अपना और अपने रिश्तेदारों का घर भर रहे हैं, विदेशी बैंकों में बेनामी खातों में अरबों रुपये जमा कर देश के करोड़ों गरीबों को भूख के अग्नि कुण्ड में धकेल रहे हैं और स्वप्न देख रहे हैं भारत को विष गुरु होने का ! एक ऐसा युग तो था जब भारत विश्व गुरु था, सब संपदाओं से संपन था ! राम राज्य की महक सदियों तक देश के कोने कोने में महकती रही ! तुर्क आए, अफागाम आए, मंगोल आए, मुग़ल आए, अंग्रेज आए देश को उजाड़ा गया, संस्कृति और सभ्यता के स्तम्भ तोड़े गए, खडी फसलें जला डाली गयी, धार्मिक, र्राजनैतिक, नैतिक, आयुर्वेदिक ग्रन्थ जला डाले गए, लाखों असहाय निरपराध लोगों को काल के गाल में डाला गया ! देश को फिर से इन दुष्टों के चंगुल से छुडाने के लिए लाखों देश भक्तों ने अपने को देश पर कुर्वान कर दिया ! द्देश आजाद हुआ लेकिन जिन काले अंग्रेजों ने अंग्रेजों का साथ दिया था और शोभासिंह जैसे देश के गद्दारों ने अपने ही स्वतन्त्र सेनानी भगतसिंह जैसे देश भक्तों को अंग्रेजों द्वारा फांसी पर चढ़वाया था उन्हीं जैसे गद्दार काले अंग्रेजों ने फिर से सता पर अधिकार जमा लिया ! इमानदार लोगों को दर दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर कर दिया ! देश में एक तरफ सांसद, मंत्री खजाने से पांच पांच लाख वेतन भाता, यात्रा, बोनस टेलीफोन सजा सजाया बंगला लेने के बावजूद भ्रष्टाचार का सहारा ले रहे हैं, द्दूसरी ओर मजदूर, किसान परिवार सहित महंगाई, अशिक्षा और भूखमरी की मार से बचने किये खुद कसी कर रहे हैं ! पेट खाली है, प्यास लगी है पानी नहीं है फिर भी मजबूर इंसान आसाभारी आँखों से आसमान की ओर निहार रहा है इस आशा और विस्वास के साथ की दिन फिरेंगे और हमारे भी दिन आएँगे बच्चे पेट भर खाना खाएंगे ! उधर हमारे प्रधान मंत्री, गृह मंत्री, वितमंत्री रक्षा मंत्री देश वासियों को अगले बीस सालों में देश को विश्व गुरु बनाने का स्वप्न दिखा रहे हैं !

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