Thursday, September 22, 2011

अमेरिका में

इस साल मैं अपनी पत्नी के साथ जौलाय के महीने में यहाँ अमेरिका गया था ! यहाँ का मौसम ठीक था ! दिल्ली से गर्मी के तपते हुए माहोल से हम यहाँ आए ! ज्यादा ठण्ड ज्यादा गर्मी ! लेकिन समुद्र की नजदीकी होने के कारण यहाँ अचानक मौसम में तबदीली होती रहती है ! अभी ठंडी ठंडी हवाएं चलती रहेंगी की अचानक हवाएं बंद हो जाएगी और उमस सी होने लगेगी ! फिर आसमान बादलों से ढक जाएगा हल्की हल्की बुँदे गिरने लगेंगी, और कभी जोर की वारीश जाएगी ! अगस्त के महीने में हरिकेन (समुद्री तूफ़ान) ने सारे अमेरिका को हिला दिया ! न्यू यार्क ((मैनहटन ), न्यू जर्सी और कुछ समुद्र के किनारे बसे प्रदेशों में बहुत नुकशान हुआ ! कही पुल समुद्र की लहरों में समा गए ! रेलवे सबस्टेशन बंद हो गए ! कही इलाकों में बिजली गुल रही ! हमारा इलाका तो सुरक्षित रहा फिर भी २६ अगस्त से २८ अगस्त तक बेचैनी बनी रही ! दोस्तों के फोन पर फोन आते रहे और कही दोस्तों को हम भी उनकी कुशलता के बारे में पूचाते रहे ! यहाँ हिन्दुस्तानी परिवार काफी मात्रा में हैं और ऐसे मौकों में एक दूसरी की मदद के लिए तैयार रहते हैं !
यहाँ मकान के पीछे एक छोटा सा लान है ! मखमली घास से ढका हुआ ! बीच बीच में छोटे छोटे पौधे और फूलों से
लदी झुकी डालियाँ ! यहीं अपने मकान के पश्चिम में एक तुलसी का पौधा है ! उसे नियमित तौर पर पानी दिया जाता है ! साथ ही एक बेल टमाटर की और एक बेल लौकी की भी है ! टमाटर आजकल खूब लग रहे हैं ! साथ ही लौकी की बेल पर फूल गए हैं और मैं रोज इन फूलों को देखता जाता हूँ इस उम्मीद पर की शायद लौकी का नन्ना सा फल कब फूल से बाहर निकल कर आये और जब तक हम यहाँ हैं उस दिन तक अपनी लम्बाई हमें दिखा दे ! सितम्बर धीरे धीरे अपने अंतिम चरण में कदम बाधा रहा है ! एक दिन अगस्त के प्रथम हफ्ते में हम लोग वाशिंगटन
डी सी गए थे ! यह प्रदेश न्यू जर्सी के दक्षिण में पड़ता है और अमेरिका की राजधानी है ! सारी संपदाओं से भरपूर अमेरिकी राष्ट्रपति का भवन व्हाईट हाउस को भी देखने का अवसर मिला !

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