Thursday, October 6, 2011

विजयादशमी 2011

आज ६ अक्टूबर है और यहाँ अमेरिका में शाम के ५ बज कर ३० मिनिट हो गए हैं ! भारत में इस समय रात के ३ बजे होंगे और तारीख ७ हो गयी होगी ! वहां रावण कुम्भकरण और मेघनाथ के पुतले जले होंगे ! रामलीला ग्राउंड में बहुत बड़ा समारोह हुआ होगा ! उस समारोह में केन्द्रीय सरकार के बड़े भरकम मंत्री, प्रधान मंत्री, सारे नौकरशाह वहां उस रावण दहन देखने गए होंगे, असुरों पर सुरों की विजय का, झूठों पर सत्य की विजय, दुष्टों पर संतों की विजय का नजारा देखा होगा और अत्याचारी, पापाचारी, शैतान, लुटेरा, सीता हरण करने वाले असुरों का सम्राट लंका पति रावण के दहन के समय का फटते हुए, पटाके और उठती हुई भंयकर आग की लपटों में जलता हुआ भरष्टाचार, को खुली आँखों से देखा होगा ! उसमें केंद्र सरकार का गृहमंत्री जिसने उसी रामलीला मैदान में चंद महीनों पहिले निहत्ये , शान्ति प्रिय जनता, संतों, नारियों पर रात को सोते हुए पुलिस द्वारा डंडे बरसाए थे ! इस नज़ारे को देखते हुए उसे अपने किये कर्मों पर पश्चाताप तो जरूर हुआ होगा ! जिनका अरबों का पैसा देश की गरीब जनता के खून पशीने की कमाई बेनामी विदेशी बैंकों में जमा है, जो भ्रष्टाचार के दल दल में फंसे पड़े हैं और जो उनको बचाने की कोशीश कर रहे हैं उन शैतानों का जिस्म उस धधकती हुई अग्नि से जली नहीं होगी, जरूर जली होगी लेकिन उन्हें तो अभी और पाप करने हैं और जब पाप का घड़ा भर जाएगा, ये उस घड़े को सिर में रखकर नरक के कुण्ड में गिर जाएंगे ! जाए विजयादशमी के दिन रावण को बचाने कोइ नहीं आया उसी तरह आज के पापिओं को भी बचाने कोइ नहीं आएगा और ये अपने पापों की अग्नि में जल जाएंगे ! यही शिक्षा मिलती है विजयदशमी के दिन रावण के पुतले को जलाने से !
यहाँ भी बहुत बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग हैं और वे भी यहाँ इस त्यौहार को बड़ी धूम धाम से मनाते हैं ! जय श्री राम !!

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