Monday, December 13, 2010

ज़रा इधर भी नजर डालिए

डेढ़ अरब खर्च और केवल दस घंटे काम
संसद का शीतकालीन सत्र २३ दिन के बाद समात्प होगया बिना कुछ काम किए ! काम क्यों नहीं हुआ क्योंकि की केन्द्रीय सरकार के एक मंत्री ने (ए राजा ) अपने मंत्रालय में १.७५ लाख करोड़ का २जी स्पेक्ट्रम घोटाला किया, विपक्ष ने जे पी सी द्वारा इस घोटाले की जाँच करने के लिए सरकार पर दबाव डाला, क्यों की सरकार के कही वरिष्ट नेता, नौकरसाह इस दलाली में फंसे पड़े हैं, जेपीसी इन्क्वारी से सरकार की रही सही साख पर आंच आ सकती है, और कही मंत्री भी जेपीसी की जांच के दायरे में आसकते हैं , तो सरकार ने साफ़ कह दिया है "क्यों की घोटाले की पूरी जिमेदारी ए राजा की थी, ये अरबों रुपयों का घोटाला करके सरकार से अलग होगया है तो अब जेपीसी इन्क्वारी करवाने का कोई औचत्य नहीं है "! विपक्ष जेपीसी की इन्क्वारी करवाने पर डटा रहा, २३ दिन नोक झोंक होती रही, एक दूसरे के ऊपर तोहमत लगती रही, सरकारी माईक, कुर्सियां टूटती रही, स्पीकर सांसदों को शांत करती रही समय भागता रहा ! डेढ़ अरब रुपया इन सांसदों के वेतन भता, लंच, डिनर, चाय नास्ते में खर्च हुआ और काम एक ढेले का भी नहीं हुआ ! एक मजदूर अगर एक दिन दो घंटे काम न करे तो उसकी मजदूरी काटी जाती है फिर ये जनता के प्रितिनिधि जनता के पैसो पर ऐस करने वालों के वेतन भत्ते इन २३ दिनों का क्यों नहीं काटा जा सकता ! जनता का विश्वास प्राप्त करने के लिए इन सांसदों को स्वेच्छा से अपना वेतन भता इन २३ दिनों का वापिस सरकारी खजाने मेंजमा करा देना चाहिए ! श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पहल करनी चाहिए, फिर देखो सारे कांग्रेसी और उनके देखा देखी विपक्ष भी अपने वेतन भते को सरकारी ख़जाने में जमा करा देंगे ! तभी तो जनता इन्हें दुबारा चुनेगी ! एक मजे की बात, भारतीय संसद में पिछली बार ९९ करोडपति सांसद थे जबकि अबके वे बढ़ कर ३०६ हो गए ! गरीब गरीबी रेखा के और नीचे चले गए ! नारा है गरीबी हटाओ देश को उठाओ (न की सांसदों को उठाओ) !
भ्रष्टाचार - सन १९४७ से पहले भारत के हर वर्ग और हर हैसियत (रजवाड़ों को छोड़ कर) के लोग एक झंडे तले इकट्ठे होकर देश की आजादी के लिए लड़े थे, कितनों ने कुर्वानियाँ दीं, कितने स्वतंत्र सेनानी वेघर हुए, कितने अपाहिज हुए, कितनी मांओं ने अपने लाल खोये, कितनी नारियों के सुहाग उजड़े और तब जाकर आजादी मिली ! लेकिन फिर वही राजे महाराजे, व्यापारी वर्ग सता के गलियारों में छा गए ! कल के डकैत, आज नेता बन गए, जनता का खून पशीने का पैसा आयकर के रूप में सरकार ने लिया और इन नेताओं ने वही पैसा भ्रष्टाचार की गंदी नाली में डाल दिया ! केंद्र सतर्कता आयोग के शीर्ष पर कांग्रेस सरकार ने जानबूझ कर एक ऐसे शक्श को बिठाया जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप न्यायालयों में विचाराधीन हैं, किसने उसका नाम सुझाया, किसकी सह पर उसको इतने महत्त्व पूर्ण कुर्सी पर बिठाया गया ? जनता सब जानती है ! सविधान रक्षा के चार पहिये, कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका इन तीनों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं, सुप्रीमकोर्ट ने हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जजों पर भाई भतीजावाद से प्रभावित होने की बात कही है ! केन्द्रीय मंत्री जी गंभीर आरोपों में घिरे हुए हैं ! प्रधान मंत्री जानते बुझते हुए चुप बैठे रहे ! चौथा पहिया मीडिया भी कहीं न कहीं इस दल दल के नजदीक पहुँचने लगा है ! अब जनता जनार्दन को ही आगे आकर इस भ्रष्टाचार को जल मूल नष्ट करने का आन्दोलन करना पडेगा !
नारी का सम्मान हमारी परम्परा और संस्कृति का एक हिस्सा है ! लेकिन आज रोज नारियों के प्रति दुष्ट प्रवृति के लोगों का क्रूरता भरा आचरण, असभ्य व्यवहार नारी सुरक्षा के लिए एक समस्या बन गया है ! नारी माँ है, बहिन है, दादी है, बेटी है, पत्नी है ! सारे विश्व के लोग इन रिश्तों को निभाते हैं फिर जो पापी दुष्ट प्रवृति के लोंगहैं क्या उनके घरों में उनकी माँ बहिन बेटी नहीं होती ! फिर इंसान और जंगली जानवरों में अंतर क्या है ! देहरादून में अपने को साफ्ट वियर इंजिनियर कहने वाले ने अपनी पत्नी को मार कर उसके मृत शरीर के टूकडे टूकडे करके फ्रीज में रख दिए और फिर एक एक को दूर जंगल में डालता रहा ! क्या इस तरह के आततायी को इंसान कहें या राक्षस ?
आज नारी सुरक्षा एक समस्या बन गयी है जहां दूसरी तरफ हम कहते हैं आज नारी हर क्षेत्र में आदमी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही है ! आज की मुलाक़ात बस इतनी ! जय हिंद !

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