जनता को अब खुद फैसला करना होगा की आने वाले विधान सभा तथा लोक सभा चुनाव में किसको दिल्ली की तथा केंद्र की सता सौंपनी है ! मौजूदा सरकार को तो कतई नहीं ! डी एम के केंद्र में कांग्रेस के साथ मिली जुली सरकार में सामिल है, डी एम के के ए राजा ने अरबों रुपयों का घोटाला करके कांग्रेस की ६३ साल की जमी जमाई कुर्सी हिला दी ! सी बी ऐ सारे सपूतों के साथ उसे जेल में भेजने के लिए तैयार है लेकिन मन मोहन सरकार शायद कांग्रेस हाई कमांड के आदेश का इंतजार कर रही है ! मन मोहन सिंह जी ने अभी तक कोई भी फैसला अपने आप नहीं लिया, लेकिन कुर्सी सबको प्यारी होती है, और जब तक रिमोट उनको हिलाता रहेगा, वे कुर्सी पर जमे रहेंगे ! उधर जब सी बी ऐ ने राजा के सारे कार्यालयों, रिश्तेदारों, दोस्तों पर सिकंजा कसना शुरू कर दिया तो तमिल नाडू के मुख्य मंत्री करुना निधि उनके पत्नी और पुत्री भी संदेह के घेरे में आ गए ! अगर सरकार उन पर कारवाही करती है तो वे केन्द्रीय सरकार से अपना सम्बन्ध तोड़ देंगे ! ऐसे शैतानों से पीछा छुडाना ही बेहतर है, जो कल होना है उसे आज होने दो ! २३ दिन शरद कालीन संसद का सत्र चला डेढ़ अरब खर्च हुआ काम ढेले भर का भी नहीं हुआ ! ऐसी संसद को तो भंग कर देना चाहिए होने दो मध्यवधि चुनाव ! २ जी स्पक्त्रम ने कही बड़ी हस्तियों को बेनकाब कर दिया है ! हम गर्व करते हैं अपने न्यायालय पर की कम से कम जब राजनीति करने वाले निम्न स्तर की राजनीति पर उतर आते हैं तो सुप्रीम कोर्ट जनता को इन स्वार्थी राजनेताओं से बचाने आगे आ जाते हैं ! लेकिन न्यायपालिका के दो महारथी अपनी स्किन बचाने के लिए एक दूसरे के मथे दोष भरा मटका फोड़ रहे हैं ! फिर बताइए आम आदमी का क्या होगा ?
क़ानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है, दिल्ली में रोज एक घटना नारी सील हरण की घटती जा रही है, चोरी, डकैती, लूट, चेन खिंच कर भाग जाना, ह्त्या, अपहरण की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं ! सरकारी दफ्तरों में फाईलें गम हो जाती है, घोटाले के सबूत मिटाने की कोशीश की जाती है ! जिनके ऊपर पहले ही भ्रष्टाचार की आरोप लगे हुए हैं उन्हें सी वी सी का चीफ बना दिया जाता है !
एक खबर के मुताबिक़ प्रधान मंत्री मन मोहन सिंह, चिदंबरम व करूणानिधि लिटे के निशाने पर हैं ! लिटे के मददगार खुद करूणानिधि हैं, उनको किस बात की चिंता है ! फिर देश के सारे मंत्री/संतरी/नौकरशाहों और नेताओं ने अपनी पांच/सात पीढी तक के लिए धन जमा करके रखा है, चाहे घर के अन्दर सोंना /चांदी/हीरा /मोती दबा कर रख दिया हो, असीमित जमीन, जायजाद, कोठी बंगले, खरीद कर या फिर स्वीस बैंकों में बेनामी खाते खोल कर जमा कर दिया हो ! ये सरकार विदेशी बैंकों से अपने देश का पैसा वापिस क्यों नहीं ला रही है ? क्योंकि सरकार चलाने वालों का खुद का बहुत सारा पैसा वहां जमा है ! एक सर्वे के मुताबिक़ अकेले भारत के नेताओं व्यापारियों का स्वीस बैंक में इतना सारा पैसा है की अगर वह वापिस लाया जाय और हर एक नागरिक को बांटा जाय तो देश का हर किसान, हर मजदूर, हर वह आदमी जो आज एक समय की रोटी के लिए मोहताज है कम से कम इज्जत की दो टाईम की रोटी अपने परिवार के साथ अगले १०० सालों तक खा सकता है ! लेकिन ये हमारे नेता नहीं चाहते हैं की देश से गरीबी सदा के लिए विदा हो जाय ! प्रधान मंत्री कहते हैं "हम कहते हैं और दुनिया सुनती है" ! अगर सुनती है तो फिर पाकिस्तानी को उसकी आतंकवादी हरकतों के लिए प्रताड़ित क्यों नहीं करता है !
हमारे प्रधान मंत्री चीन गए थे, बैरंग लौट कर आये, चीन के प्रधान मंत्री वेंन जियाबाओ भारत आये, बड़ी उम्मीद थी उनसे की वे पाकिस्तान को उसकी आतंकवादी हरकतों के लिए कुछ कहेंगे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा,
यूं एन ओ सुरक्षा परिषद् की स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन करेगा, लेकिन चीन का प्रधान मंत्री यहाँ पर भी मौन रहा ! वीजा पर भी कोइ ठोस बातें नहीं हुई केवल १०० बिलियन डालर के बिजिनिस पर सहमति बन पाई !
भारत की क्रिकेट टीम आजकल साउथ अफ्रिका गयी हुई है ! १६ दिसम्बर को पहला टेस्ट मैच था, वारीश की वजह से खेल देर से शुरू हुआ ! खेल ख़तम होने पर भारत १३६/९ पर था ! सहवाग ० पर सचीन ३६ पर और हरभजन २७ पर, धोनी ३३ पर अभी क्रीज पर हैं बाकी सार दिग्गज सस्ते में ही निपट गए ! साऊथ अफ्रिका के स्टेंन ने ३ और मोकल ने ४ विक्केट लेकर भारत के नंबर वन की जगह हिला दी है !
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