मेरे मन की दिवाली में
लक्ष्मी स्नेह बरसाती है ,
और मेरी पूजा की थाली
स्वयं जगमगाती है !
मैं देख देख हर्षाता हूँ ,
मंद मंद मुस्कराता हूँ ,
प्रेम की गंगा बह जाए
हर दिल की खिड़की खुल जाए
इसी लिए हर दिवाली पर
हैपी दिवाली कहता हूँ ,
दरवाजे पर रहता हूँ
कब लक्ष्मी आ जाए,
और सोने की मोहरों दे जाए,
लक्ष्मी आती १२ बजे,
मुझे नींद आजाती है,
सर पर मेरे हाथ फेर कर
और दिल में बस जाती है !
हैप्पी दिवाली - हरेन्द्र सिंह रावत
Thursday, October 15, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment