Saturday, October 24, 2009

अरमांन वनाम स्वपन

अरमांन मेरे स्वप्न तेरे साथ साथ चलेंगे ,
इस जग को रोशन करेंगें,
मिटा करके अंधेरे !
कलियाँ खिलेंगी, फूल बनेंगे,
गुलशन में महक और खुशबू भरेंगे,
हलचल मचेगी खिलेगा गुलशन,
मन का मयूर नाचेगा छन
भवंरों की टोली मचाएंगे शोर,
झूलेंगे फूलों में चारों और,
ओस की बुँदे फूलों पे गिरेंगी,
सारी की सारी मोती बनेंगी,
साथ रहेंगे न होंगे अकेले,
aramaann mere svapan tere,
saath saath chalenge,
roshan karenge mitaakar andhere!

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