द्वारका नाम से एक नगरी यहाँ दिल्ली में बसाई गयी है, आज इस नगरी की जन संख्या १० लाख की फिगर को पार कर गयी है ! दिल्ली सरकार ने इसको एशिया की सबसे बड़ी सिटी में तब्दील करने की कोशीश की है और इसकी सीमा और बढ़ते हुए मल्टी स्टोरी बिल्डिंग को देख कर लगता है की द्वारका सच मुच में एशिया की सबसे बडी और भारत की एक आदर्श सिटी बन जाएगी ! सबसे बड़ा आकर्षण तो इन्द्रा गांघी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा यहाँ से बहुत नजदीक है तथा आधी से ज्यादा द्वारका मेट्रो लाइन से जुड़ गयी है ! अभी काम बहुत बाकी है जैसे, डिगरी कालेज
हास्पिटल, बस अड्डे रास्ट्रीय स्तर के स्पोर्ट्स स्टेडियम, साफ़ सुथरी सड़कें, पानी की उचित व्यवस्था, सडकों के किनारे लगे कचरे के ढेर, रेडी और ठेले वाले जो सडकों के किनारे चाय, सब्जी, फल बेचते हैं उन्हें सही स्थान पर पहुंचाना, मार्केट में पार्किंग की व्यवस्था करना ! अगर देखा जाए तो इस द्वारका नगरी को एक सांसद और तीन विधायकों की जरूरत है जो अपने वोटों को लेने के लिए इस द्वारका की सही देख भाल कर सकेंगे !
आज हालत ये है की यहाँ के लिए कोइ सफाई कर्मचारी तक नहीं है अगर है तो वे कहाँ सफाई करते हैं ? मैं द्वारका टाईम्स के कैमरा मैन और रिपोर्ट्स से अनुरोध करता हूँ की वे १० सेक्टर और ६ सेक्टर की मार्केट को ६ बजे शाम के बाद देखें, गोलोक धाम मंदिर जाने वाली सारी सडकों को आकर देखें ! उन्हें स्वयं ही पता चल जाएगा की यह द्वारका सही में वही द्वारका है जिसका सरकार ने, दिल्ली वासियों ने या फिर उन तमाम लोगों ने जो इसके नाम के आकर्षण से यहाँ आकर बस गए ने कभी स्वपना देखा था ?
Wednesday, October 21, 2009
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