Tuesday, November 3, 2009

पाकिस्तान और आतंकवाद

पाकिस्तान के पास अपने देश को स्वावलंबी और आत्म निर्भर बनाने का समय था, अमेरिका से मदद मिल रही थी, पैसों की मदद, हथियारों की मदद, तकनीकी मदद, सेना को आधुनिक बनाने की मदद लेकिन पाकिस्तान इस मदद को भारत के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने के लिए, भारत में अपने देश के नामी गरामी गुंडों को आतंकवादी बना कर भेज कर वहां की जनता में दहशत गर्दी पैदा कराने के लिए इस्तेमाल करने लगा ! सेना आतंकवाद को बढावा देने में उनकी मदद करती रही और आज उनके पाले ये आतंकवादी तालिवान या अलकायदा के रूप में अब पाकिस्तान का ही सर दर्द बन गए हैं ! जैसी करनी वैसी भरनी ! अब पाकिस्तान मानसिक तौर पर इतना घबरा गया है की उसको मालूम भी नहीं पङता है की वह क्या कह रहा है ! हाँ इसका दोष भी भारत के सर मढ़ रहा है ! हमारा देश सदा से शांती प्रेमी रहा है, लड़ाई पकिस्तान करता था, जीत हमारी होती थी ! लेकिन हम जीती हुई जमीन उन्हें वापिस दे देते थे, लेकिन अपनी जमीन न चीन से वापिस ले सके न पकिस्तान से कश्मीर को छुडा सके ! बड़ी संख्या में पाकिस्तानी व् बंगला देशी यहाँ बस कर आतंकवादियों को शरण दे रहे हैं लेकिन हम उनको निकाल बाहर नहीं कर सकते, क्योंकि हम तो शान्ति प्रिय हैं, हमारा दिल बहुत बड़ा है, हम भले ही अपने देश की जनता को खाना न दे सके लेकिन विदेशी को महिमान समझ कर उसकी पूजा करते हैं, खाना खिलाते हैं, मकान दिलाते हैं, लेकिन उन्हें वापिस उनके देश को नहीं भेज सकते, यह कैसी विडम्बना है ?

2 comments:

  1. bilkul sahi farmaa rahe hain aap
    http://jyotishkishore.blogspot.com

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  2. Agar Bharat main koyee bisphot hota hai to Bahrat Pakistan ko doshi thahrata hai aur agar Pakistan main koyee bisphot hota hai to Pakistan bharat ko doshi thahrata hai.. Ye sab to politics hain aur kuchch nahin.

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