Tuesday, November 3, 2009
प्रधान मंत्री की सुरक्षा
हमारे देश की विडम्बना तो देखिये की जब जनता द्बारा चुना हुआ, जनता का प्रतिनिधि जब सांसद, मंत्री प्रधान मंत्री बन जाता है, तो उसकी सुरक्षा जनता के पैसों से होने लगती है ! कभी कभी यह सुरक्षा आम आदमी की मौत का कारण भी बन जाती है ! टाईम्स आफ इंडिया ४ नवम्बर २००९, पहला पेज जो सुमित वर्मा ३२ साल की मौत का समाचार देते हुए लिखता है, कि प्रधान मंत्री की सुरक्षा पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने आखरी साँस लेने वाले सुनील को पी जी आई के अन्दर नहीं जाने दिया की वहां प्रधान मंत्री की रक्षा को खतरा हो सकता है ! एक वी आई पी की कार जिस मार्ग से भी जाती है जाम लग जाता है और पता नहीं कितने मरीज ऐसे अवसरों पर समय पर अस्पताल न पहुँच पाने से असमय ही काल के गाल में समां जाते हैं, लेकिन इन शासक प्रशासकों की सियत पर कोई असर नहीं पङता है ! क्या हमारे देश में जो की आज भी देव भूमि के नाम से जाना जाता है, सुरक्षा कर्मियों की ज्यादती पर अंकुश लग पाएगा, और आम आदमी इस तरह के हादसों से पायेगा ?
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