Monday, March 15, 2010

वह पहली महिला थी जिसने सबसे पहले २२९ रन बनाए एक दिवसीय क्रिकेट मैच में

यह आस्ट्रेलिया की बेलिंडा क्लार्क थी जिसने विश्व स्तर पर पहली बार १६ दिसंबर १९९९ को भारत की जमीन पर डेनमार्क की टीम के खिलाफ एक दिवसीय क्रिकेट मैच में २२९ रन बनाकर एक नया रिकार्ड बनाया था । क्योंकि वह एक नारी थी और पुरुष प्रधान विश्व में मीडिया ने भी उसे कोंई तवज्जो नहीं दी । झूलन गोस्वामी को आईसीसी ने सर्व श्रेष्ठ खिलाड़ियों की सूची में शामिल किया था और सम्मानित किया था । यह यह उस वक्त की बात है जब वह महिला गेंद्वाजों की सूची में शिखर पर थी। न मीडिया में नाम आया न टी वी कबरेज ही था । शायद बहुत से खेल प्रेमी तो महिला क्रिकेट मैच में दिलचस्पी लेते ही नहीं होंगे । फिर इनके नाम कैसे जान पाएंगे । महिलाएं पुरुष की संगिनी है, पत्नी है, माँ है बहिन है, बेटी है, उसकी भविष्य की चिता करता है लेकिन जब वह किसी भी क्षेत्र में आगे आती है तो इस पुरुष प्रधान समाज को मिर्च लगने लगती हैं । नारी रानी बन जाती है, राष्ट्रपति बन जाती है, प्रधान मंत्री बन जाती है, आज तो हवाई जहाज से लेकर वैज्ञानिक, इंजिनीयर भी बनने लगे हैं, लेकिन फिर भी उसे अवला, असुरक्षित ही समझा जाता है । बात कुछ हद तक सही है, कितनी नारिया हैं जो शक्तिशाली किरण वेदी की तरह बहादुर दिलेर, और स्व रक्षा कर सकती हैं ? इस समाज ने तो किरण वेदी तक को नकार दिया, योग्य होते हुए भी दिल्ली का पुलिस कमीशनर न बनाकर । जो नारी सक्षम हैं वे तो आज भी अपनी पहिचान बनाए हुए हैं, बाकी ३३% आरक्षण मिलने के बावजूद अपने पुरुष पति की ही अंगुली पकड़ कर चलेंगी।

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