आज सुबह सुबह जैसे न्यूज़ पेपर के प्रथम पृष्ट पर नजर पडी, "मावोवादियों द्वारा ८० सी आर पी एफ के जवानो का नर संहार" दिल हिलाने वाली खबर। देश के अन्दर नक्सल पंथी, बोडो, जे के लाईब्रेसन फ़ोर्स, मावोवादी, और भी बहुत सी देश की मिट्टी से पलने वाले रेंगने वाले कीड़े, देश को ही दीमक की तरह चाट रहे हैं , पुलिस, बी एस एफ, से आर पी एफ के जावानों को निशाना बना रहें है, और केंद्र की या प्रदेशीय सरकारें उनके मंत्रियों की फ़ौज, शासक प्रशासकों के साथ दो मिनिट मौन रख कर अपने जिम्मेदारियों की इतश्री कर लेते हैं ! ज्यादा से ज्यादा हवाई जहाज से उस स्थान का मायना करने चले जाएंगे । केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम भी तो गए हैं ! कांग्रेस का एक चौथी श्रेणी का सदस्य भी सुरक्षा गार्ड का अधिकारी बन जाता है, देश में बढ़ती हुई पार्टियां और उनके पदाधिकारियों के लिए सुरक्षा का इंतजाम, भूत पूर्व मंत्री, गांधी परिवार के हर सदस्य की सुरक्षा, जनता की गाढी कमाई से मुहयया करवाया जाता है ! अगर सुरक्षा कर्मी सरकार की ढुलमुल नीति से यों ही मरते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब इन नेताओं को सुरक्षा कर्मी नहीं मिल पाएंगे, कौन अपनी जान जोखिम में डालेंगे ! ये क्या पॉलिसी है की "लड़ो लेकिन गोली मत चलाओ, उनको गोली चलाने दो, फाइटर इस्तेमाल किए जानेगे लेकिन, नक्शल, मावोवादियों के ऊपर हमला करने के लिए नहीं केवल उनके ठिकानों को देखने के लिए, इस बीच वे अगर गोली चलादे उस फायटर विमान पर तो बचने की कोशीश करें पर गोली न चलाए " ! सरकार में कौन हैं वे नेता जिनका हाथ इन मावोवादी, नक्शाल्पन्थी संगठनों के ऊपर है ? बकरे की मान कब तक खैर मनाएगी, एक दिन गरदन छुरी
के नीचे जरूर आएगी !
आखिर सोनिया मिर्ज़ा की शादी शोयब मालिक से होनी निश्चित हो ही गयी है चाहे, बाल ठाकरे, चिल्लाए, चाहे राज ठाकरे चिलाये ! इस शादी से देश के नेता, कानूनविद, देश प्रेमी चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का है, खुश नहीं है लेकिन उनकी जवान बंद है, वे अपनी मन की बात नहीं कह सकते ! कम से कम बाल और राज ठाकरे में तो दम है यह कहने के लिए ! मंत्री चुप हैं की कहीं पाकिस्तान खफा न हो जाए ? अरे पाकिस्तान खुश कब हुआ ? उसे तो तो एक टेनिस खिलाड़ी मिल रहा है ! सोनिया के देश प्रेम को क्या हुआ ? कल तक वह भारत के तिरंगे झंडे के नीचे खादी होकर भारत माता की जय कहती थी और कल पाकिस्तान की जय कहेगी, क्या उसकी आत्मा गंवारा करेगी ?
पूरे पेपर हिन्दुस्तान टाईम्स में मुझे मेरी पसंद की केवल एक ही खबर मिली वह है, "गाजियाबाद से केवल २० किलो मीटर की दूरी पर एक चौरा नाम का गाँव है जिसकी महिला प्रधान है श्रीमती आशा देवी हैं, वे केवल आठवीं पास हैं लेकिन बड़ी सूझ बूझ, जागरूक ,, सामाजिक कार्यों में दक्ष,
गाँव में छोटे बड़े सब में इज्जत पाने वाली एक सर्व गुण सम्पन्न महिला प्रधान है ! उन्होंने शादी विवाह में कम से कम खर्चे से शादी करने का नया तरीका निकाला है जो गाँव वालों को पसंद आया ! उन्होंने शराब पीना बंद दिया है ! दहेज़ लेना और देना बंद कर दिया है ! लड़की वालों पर ज्यादा बोझ न पड़े इस लिए ज्यादा कीमती उपहार भी शादी में नहीं दिए जाएंगे ! वह गाँव को एक आदर्श गाँव बनाना चाहती है और उसमें वह काफी सफल भी हो गयी है !
Tuesday, April 6, 2010
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