Friday, April 9, 2010
क्या पुलिस अपना काम इमानदारी से कर रही है ?
नहीं, कहने को ये आम आदमी की सुख दुःख की सहयोगी है लेकिन ये बड़े loगोन के इशारों पर नाचने वाली कठपुतली हैं ! किसे बड़े नेता के लडके ने कोई ह्त्या कर दी तो ये उसको बचाने की कवायद में लग जाएंगे ! एक बी एम डब्ल्यू ने एक बुजुर्ग की जान ले ली बजाय ये पुलिस के लोग उस जख्मी को अस्पताल पहुंचाते, अफराधी को बचाने के लिए उसे गाडी में ड़ाल कर थाणे ले गए ! अगर उस जख्मी को समय पर अस्पताल पहुंचा दिया होता तो उनकी जान बच सकती थी ! अब अपने कार्य को सही बताने के लिए पुलिस के आला कमान भी झूठ बोलने में पीछे नहीं हैं ! अरे पुलिसियों डरो उस नीली छतरी वाले से और उसके डंडे के कहर से जिस दिन पडेगा ये बड़े नेता व्यापारी नजर नहीं आएँगे न पाप से कमाया हुआ पैसा ही काम आएगा ! जनता के खून पशीने से कमाया हुआ धन से आप लोगों को वेतन भता मिलता है न की इन नेताओं की जेब से ! अरे भारत की जनता तो इतनी महान है की खुद भूखी रहकर भी नेताओं, पुलिसवालों, लुटेरों, वकीलों डाक्टरों और साधू सन्यासियों के भारी भरकम पेटों को भरती है ! और बदले में उन्हें क्या मिलता है, डर, दैशत, प्रताड़ना, बेइज्जती, बिना कसूर के झूठा केस ! फिर भी जी रहा है ये सच्चा देश का नागरिक !
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