Monday, May 17, 2010

मई का महिना

मई का महीना हर साल गर्मी की एक नयी डिग्री लेकर आता है, दिल्ली की बढ़ली हुई जनसंख्या में पानी बिजली की बुरी खबर दे जाता है, हरियाणा सरकार ने दिल्ली का पानी रोक दिया, बिजली की खपत ज्यादा होने से तथा वी वी आई पी /वी आई पी , केंद्र सरकार के वरिष्ट व् कनिष्ट अधिकारियों के लिए बिजली की बचत करने के लिए आम आदमी की बिजली में कटौती ! जमीन के पानी का स्तर काफी नीचे चला गया है, जब पानी नहीं बिजली नहीं तो बाहर से न्योते पर बुलाए पार्टियों के वोट बैंक कहाँ जाएंगे, नेता के बंगलों में, भीतर वातानुकूल नेता बाहर आ नहीं सकते, वोटर को भीतर बुला नहीं सकते, दरवान से संदेसा भिजवा देते हैं, "नेता जी ने कहा है बस एक दो दिन की बात है, टेहरी डांम से पानी छूटने ही वाला है वह आप ही लोगों के लिए तो है, बस दो या तीन दिन ज्यादा से ज्यादा हप्ता या महीना, फिर पानी की बौछारें, फुहारें, जितना चाहो पानी मिलेगा ! खूब नहाओ अपने पालतू कुते बिल्लियों को नहलाओ, सुराही या घड़ा भरो और जी भर कर पियो !" सब्ज बाजार दिखा दिया लोली पोप या मीठी गोली खिला दी, पानी-बिजली मिले न मिले नेताओं के वोट पके हो गए !@ बड़े बड़े लोगों के बगीचे फूल फल रहे हैं, फुहारे चल रहे हैं, उनके माली और माली परिवार भी इन फुहारों में डरते डरते भीग जाते हैं, सड़क के बाहर खड़े हुए लोग हवा में लहराते हुए बूंदों में ही खोजाते हैं ! चलो इंद्र देवता ने कृपा करदी तो जल्दी ही मानसून आ जाएंगे, मन को बहला लेते हैं ! पानी नहीं बिजली नहीं चारों और गन्दगी बढ़ गयी ! फिर भी भारत का दिल है दिल्ली डटे रहेंगे, दिली से सटे रहेंगे कभी तो लहर आएगी, आम आदमी को पानी बिजली जीने का हक़ दिलाएगी !

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