Thursday, May 20, 2010
हम आगे जा रहे हैं या पीछे
हमारा देश धर्मनिरपेक्ष, प्रजा का प्रजा द्वारा प्रजा के लिए, प्रजातांत्रिक, गणराज्य है ! यहाँ हमारा अपना सविधान है, हरेक को जीने का अधिकार है, बोलने, लिखने, भाषण देने का अधिकार है, जम्मू कश्मीर के अलावा देश के किसी हिस्से में जमीन खरीदने, बसने बसाने का अधिकार है ! चोर डकैत आतंकवादी नक्शल पंथी, मावोवादी, वोडो, पाकिस्तानी, बंगला देशी और बहुत से असामाजिक तत्व कुछ भी करें जब तक पकडे न जाँय उन्हें घुमने फिरने का आधिकारहै, सरे आम, आम जनता से उसकी कार, जमा पूंजी चेन स्नेचिंग करने की पूरी छूट है! वरिष्ट नागरिकों को बेरहमी से मार कर उनकी जमा पूंजी को ठिकाने लगाने की पूरी छूट है ! देश में पुलिस है, सुरक्षा गार्ड है, सैनिक तथा अर्ध सैनिक बल हैं, लेकिन इनका काम नेता, अभिनेताओं, शासक, प्रशासकों की जान की हिफाजत करना है, आम आदमी की नहीं ! कमाल की बात तो यह है की सविधान में सरकार को आम जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गयी है, लेकिन इनका तर्क है की अगर कोई नेता, भ्रष्ट है, अफ़राधी है, सरकारी खजाने से चोरी करता है, तो क़ानून तो बाद में फैसला करेगा, पहले जनता फैसला कर देगी, ताकी न्यायालय तथा पुलिस इन हत्यारे, अफ़राधों में लिप्त नेताओं को सजा सूना सके, उनकी सुरक्षा जरूरी हो जाती है ! उन्हें स्पेशल सुरक्षा दी जाती है, जेल में स्पेशल सुविधाएं मुहिया कराई जाती है, प्रजातंत्र की सारी सुविधाएं देश के कर्णधारों को है न की आम आदमी को, बिलकुल सविधान के प्रतिकूल ! इन नेताओं ने संविधान की परिभाषा अपने हितों को ध्यान में रख कर संविधान विशेष-यज्ञों से करवाई है ! फिर भी देश चल रहा है, मावोवादी निर्दोष सुरक्षा कर्मियों तथा सिविलियनों को मार रहे हैं, सरकार आँख खोलती है फिर चिर निद्रा के आगोश में चली जाती है छोड़ कर आम जनता को ईश्वर के भरोशे !! जयहिंद !!!
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