Wednesday, May 26, 2010
रुचिका को मरने के बाद न्याय मिला
एक बार फिर मीडिया ने एक दुर्दांत इंसान रूपी शैतान को फिर से हीरो बना दिया ! हरियाणा के भूतपूर्व ड़ी आई जी एस पी एस रा ठोर जिसने २० साल पहले अपनी लड़की के बराबर की १४ साल की रुचिका गिरहोत्रा को सताया था, तब यह दुष्ट सुरक्षा कर्मियों की एक सबसे ऊंची कुर्सी पर बैठा था, वह समझता था की ऊपर केवल नीली छतरी वाला है और नीचे धरती पर केवल मैं ही मैं हूँ ! एक वेचारी बे माँ की नादान लड़की, किससे अपना दुखड़ा कहती, ले देके एक सहेली अराधना थी उसी को इस भेडिये की कार गुजारी रो रो कर सुनाई ! सहेली भी असहाय लेकिन जीवट और संघर्ष करने वाली थी अन्याय के खिलाफ ! दिलेर थी, उसने पुलिस में रिपोर्ट लिखाने की कोशीश की, लेकिन पूरी पुलिस तो उसकी जेब में थी, जिसे गुहार लगाई वह रा ठो र का ही आदमी निकला ! लेकिन वह भी अपने नाम की अराधना थी, पुलिस वालों के जुल्म सहे, उनके परिवार वालों को धमकी दी गयी ! रुचिका के भाई को झूठे केस में फंसाया गया, इन पर दबाव बनाया गया की केस वापिस ले लें नहीं तो सारों को जेल में सडा दिए जाओगे ! ओ हो, इंसान इतना गिर सकता है, इतना आतताई निर्दयी और शैतान बन सकता है यह इस केस में देखने को मिला ! धरती पर चलने फिरने वाला दो पावों और दो हाथ का प्राणी हाथ पैर मार सकता है, ऊपर वाले के के डंडे के आगे तो वह एक निर्बल प्राणी है, २० साल बीत गए, रा ठो र अब पुलिस का पेंशनर बन गया, तस्वीर बदल गयी, इस भेडिये की असलियत सबके सामने आगई दूध का दूध और पानी का पाने हुआ ! रुचिका यह सब देखने के लिए नहीं रही लेकिन अब उसकी आत्मा को स्वर्ग में शांती मिलेगी ! और रा ठोर जैसा शैतान नरक गामी होगा !
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