योग एक जीने की कला है ! मैं उस योग की बात नहीं कर रहा हूँ, जो बड़े बड़े योगी, ऋषि, मुनि, ज्ञानी, ध्यानी लोगों द्वारा अपनाया जाता है ! मैं केवल आम लोगों द्वारा अपनाया हुआ योग की बात कर हूँ, जिससे आम आदमी भी समय का पावंद होते हुए, बाबा रामदेव द्वारा चलाए गए इस अभियान का हिस्सा बन जांय ! बचपन मस्ती का नाम है लेकिन आज तो हालत यह है की बच्चा डेढ़ या ज्यादा से ज्यादा दो साल का हुआ की उसे स्कूल में भरती कर दिया जाता है ! एक बस्ता उसके कंधे पर बांध दिया जाता है ! नाजुक कंधे बस्ता भारी ! ३ - ४ घंटे वह वहां रहता है, माँ बाप को काम पर जाना होता है ! घरों में काम वाली बच्चों को देखने के लिए रखी जाती है, बच्चों को कब खाना खिलाना है, कब पानी पिलाना है, कब उन्हें पार्क में भेजना है, ये सब काम वाली के ऊपर छोड़ दिया जाता है ! मासूम बच्चे अपना बचपन ऐसे माहोल में बिताते हैं ! जो संस्कार उन्हें माँ बाप से मिलने चाहिए, उसे वे वंचित रह जाते हैं ! आज तो आलम यह है कुछ बच्चों को अपने दादा जी का भी नाम मालूम नहीं है ! हमारी सभ्यता संस्कृति जिसपर हम अभिमान करते हैं धीरे धीरे हमसे जुदा हो रही है ! इस भारतीय संस्कृति, सभ्यता का नाम है योग, जहां हम आचार, व्यवहार, यम, नियम, अस्तेय, अपरिग्रह संतोष और स्वाध्याय से साक्षात्कार होते हैं !
वैसे भी दिन भर की भाग दौड़, शाम को हारे थके घर आये, बच्चे चिपक जाएंगे, फिर समय ऐसे ही निकल जाता है, पता भी नहीं लगता शरीर का कौन सा अंग आपसे दगा करने लग गया है, जब पता चलता है बहुत देर हो जाती है ! डाक्टर का बिल भरते चलो, दवा से ज़रा सा आराम मिला फिर वही हालात ! आज इस मशीनी युग में हर कोई किसी न किसी रोग से पीड़ित है, बूढ़े ही नहीं, जवान और बच्चे भी ! दिमागी टेंशन, हाई ब्लड प्रेशर, सुगर, कब्जियत, पेशाब में रुकावट, गुर्दों की खराबी, कमर में दर्द, गर्दन का दर्द, गले में खराबी, कमजोरी, भूख न लगना, ऐसे ही बहुत सारी बीमारियाँ ! आज गुरु रामदेव जी जो अभियान चला रहे हैं वह सब आम जनता को इन कष्टों से छुटकारा देने के लिए है ! टी वी पर प्रोग्राम आते हैं, योग गुरु श्री तिवारी जी भी जी टी वी पर अपना प्रोग्राम देते हैं ! उठिए जागिए, समय रहते आपके पास पड़ोस में पार्कों में किसी न किसी संस्था द्वारा योग की क्लासें चलाई जा रही हैं ! आधा घंटा भी आप रोज योगा - व्यायाम करेंगे, रोग स्वयं ही आपसे किनारा करने लगेगा ! बुढापा आपके नजदीक भी नहीं आएगा ! यहाँ आपको योगासन, प्राणायाम, नेत्र सुरक्षा व्यायाम की शिक्षा दी जाती है ! अरे आज तो विदेशों में भी भारतीय योग संस्थान, पतंजलि योग संस्थान द्वारा योगा क्लासें चलाई जा रही हैं, उठिए देखिए और इसमें शामिल हो जाइए ! "ओउम"
Saturday, September 4, 2010
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