Wednesday, December 16, 2009

कुदरत का जलवा

किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए,

कब धरती हलचल मचा दे, कब तूफ़ान आजाए,

कब ठोकर खाता पत्थर मंदिर में आ जाए,

घिस घिस करके एक दिन स्वयं मूर्ती बन जाए,

कब रंक के सर पर छत्र सजे कब इंद्र जमीन पे आ जाए,

सिकंदर चला था विश्व विजय को कितनी जनता मारी,

कितने देश बर्वाद किए बेघर हुए नर नारी,

मौत ने उसको भी नहीं छोड़ा, घर तक जा न पाया,

किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए,

कब धरती हलचल मचाए कब तूफ़ान आजाए ! १

चौहान वंश के पृथ्वी राज ने गौरी को मार भगाया,

जयचंद ने गद्दारी की दामाद अपना मरवाया,

दिया साथ तुर्कों का उसने अपना वंश मिटाया !

इतिहास में बदनाम हुआ कौम का दुश्मन कहलाया।

ऊंचे ऊंचे रजवाड़े भी पता न कब ढह जाएँ,

किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए,
कब धरती हल चल मचा दे कब तूफ़ान आजाए ! २
अकबर को क्या कभी पता था की औरंगजेब भी आएगा,
बसे बसाए मुग़ल वंश को जहन्नुम में पहुंचाएगा,
ये कुदरत का खेल है प्यारे, क्या से क्या कर जाए,
किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए,
कब धरती हलचल मचादे कब तूफ़ान आजाए ! ३
कहाँ गया हिटलर मुसोलिनी, कहाँ नेपोलियन की शान
कहाँ गए मारीच खरदूषण रावण सम बलवान ,
कहाँ है डिक्टेटर ईराक का वो सद्दाम हुसैन,
कहाँ तैमूर चंगेज खान छीना सबका चैन,
वो नादिरशाह अब्दाली लुटेरे थे खूनी शैतान,
लाखों निर्दोषों की इन दुष्टों ने ले ली जान,
यम दूतों ने इनको नहीं छोड़ा मौत से बच ना पाए,
किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए ! ४
सबसे बड़ा वह डंडे वाला जिसको कहते हैं भगवान,
कभी आता कृष्ण बनकर कभी वो बन जाता है राम !
उसका डंडा जब पर जाए अफाराधी बच ना पाए,
किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए ५
आज के जालिम नेता भी कितने दिन जी पाएंगे,
एक दिन यमराज के दर पे ये भी देखे जाएंगे !
आतंकवादी अपने कर्मों के बोझ से दब जाएंगे,
मरना चाहेंगे जालिम फिर भी मरना पाएंगे,
दुनिया की इस आपा धापी में कौन कहाँ रह जाए,
किसको पता है कुछ मिनटों में क्या से क्या हो जाए,
कब धरती हलचल मचादे कब तूफ़ान आ जाए !! 6

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