Friday, December 25, 2009

बड़े लोगो के बड़े अफ़राध और छोटी सजा

हरयाना पुलिस के भूत पूर्व डारेक्टर जनरल एस पी एस राठोर ने अपने पद और पावर का नाजायज फायदा उठा कर १४ साल की बिना माँ की लड़की रुचिका के साथ बदसलूकी की उसे तथा उसके परिवार वालों को सताया, १८ साल तक केश चला और नतीजा छ महीने की सजा और एक हजार रुपया जुर्माना ! उस लड़की ने अपने परिवार के सदस्यों को इस जालिम से बचाने के लिए खुद कसी करदी ! हमारे देश का क़ानून सबके लिए बराबर है, फिर इस शख्स को इतने जघन्य अफ़राध करने के लिए क्या यह सजा कम नहीं है ? साथ ही उसे जमानत भी मिल गयी !
चलो यह तो इंसानों का कोर्ट था, इससे बड़ा कोर्ट तो अभी बाकी है नीले छतरी वाले का कोर्ट ! उसका डंडा तो बहुत गहरी मार करता है ! मुझे कबीर दास जी का यह दोहा याद आया "माटी कहे कुमार से तू क्या रोंधे मोय, इक दिन ऐसा आएगा मैं रुन्धुंगी तोय ! " अब तो पूरी जनता को रुची के कातिल को लम्बी सजा देने के लिए सडकों पर उतर जाना चाहिए !

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