Sunday, December 20, 2009

परिचय

मैं खुशबू हूँ फूलों समाया हुआ, शीतल पवन हूँ झुलाया हुआ,
मासूम बच्चों की मुस्कान हूँ खुशी दे जहाँ को मैं वह जाम हूँ!
दरिया में बहता हुआ नीर हूँ, दुखी आत्मा की मैं पीर हूँ,
झरने में समाया हुआ गीत हूँ, जवान दिल में धडके मैं वह प्रीत हूँ,
नील गगन सा मैं एक ख़्वाब हूँ, प्यासे के मन में बसा आब हूँ,
धरती पे कुदरत का रूप हूँ, नीचे उतरती हुई धूप हूँ,
हूँ बादल का टुकड़ा उड़ाया हुआ मैं खुशबू हूँ फूलों समाया हुआ !
वेवश अंधे की लाठी हूँ मैं, फूलों भरी नील घाटी हूँ मैं,
कुदरत का रंगीन चस्मा हूँ मैं अचरज भरा एक करिश्मा हूँ मैं,
फूलों में भंवरे की गुन गुन हूँ मैं महफ़िल में बजती हुई धुन हूँ मैं,
वसंती हवावों में सन्देश हूँ, मेरा देश जीते मैं वह रेस हूँ,
आतंकियों का महाकाल हूँ, भारत मेरा देश मैं ढाल हूँ,
गरीबों के दिल में बसा राम हूँ, मुरली मनोहर धनश्याम हूँ,
शहीदों का हूँ गीत गाया हुआ मैं खुशबू हूँ फूलों समाया हुआ !
गंगा की बहती हुई धार हूँ, नाविक के हाथों की पतवार हूँ,
रण में लड़े वो रणधीर हूँ दुश्मन को काटे मैं शमशीर हूँ,
किसी बेसहारे की किस्मत हूँ मैं, जो प्रकाश दे वो दीपक हूँ मैं,
राणा शिवाजी या गांधी हूँ मैं, मिटादे दुश्मन को आंधी हूँ मैं,
डरता जिसे पाक वह नाग हूँ जला दे जो दुश्मन को मैं आग हूँ,
ये खजाना है कुदरत का बिखराया हुआ, मैं खुशबू हूँ फूलों समाया हुआ !


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