एक पते की बात बताऊँ, राहों में सँभल के चलना,
हर किसी अनजान से बातें कभी न करना !
अगर कभी बातें करते हो, भेद न अपना बतलाना,
उसकी मीठी बातों में भूल से ना आना !
जो ज्यादा मीठा होता है वह अपना नाश करवाता है,
मीठी बोली बोलने से ही तोता पिंजरे में आता है !
जो सदा अकल से बच्चा है सीधा साधा अच्छा है ,
दुनिया के बाजार में नया नया और कच्चा है ,
ऐसे ही इंसान को हर कोई उल्लू बनाता है,
उसे कोल्हू का बैल बना स्वयं मजे से खाता है !
जो चोर उच्चके हैं बदमास, लूट मचाते बारों मॉस,
ये समाज के काले कौवे कभी न होता इनका नाश !
दिलों में काले नाग बसाए कुटिल हंसी चेहरों पे लाए,
सफ़ेद पोश सर पर टोपी जनता के नेता कहलाते,
करोड़ों का घोटाला करके, इमानदार अपने को बतलाएं !
गरीब इन से लड़ न पाए, खून का घूँट पीकर रह जाए,
फिर भी इन शैतानों की जैकारा करता जाए !
Sunday, December 27, 2009
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main aapki vicharo se shat pratishat sahmat hu aur main bhi aawaj utha raha hun apne blog madhyam se nyay pranali ke dosho par likh raha hu. Hamesh se rashuk wale log kuchh bhi crime karke aajad ghum rahe apne prajatantrik mulk me, prajatantra ka isase dukhad pahlu aur kya ho sakta hai. aur aise ek nahi saikdo cases insaf ka intejar kar rahe hain aur mujrim aajad ghum rahe hain sabse pahle jamanat apne desh se band honi chahiye kam se kam is tarh ke apradhiyo ke liye.
ReplyDeleteashok