प्रयावरण के आगे दुनिया देखो हार गयी, भारत की जनता को भय्या मंहगाई मार गयी !
करों का भार ऊपर से सरकार ड़ाल गयी, हड़ताल करके भी भय्या विपक्ष हार गयी,
रोटी कपड़ा मकान अब ख़्वाब बन गए, नून तेल लकड़ी देखो कैसे तन गये,
मंत्री संतरी देश के मजे में सो रहे, लाखों बच्चे ठण्ड और भूखों हैं रो रहे ,
दिन दहाड़े सडकों पे लूट हो रही, असहाय जिंदगानियां सूट हो रही !
सुरक्षा ये महिलावों की ये कर ना पा रहे , महिला आरक्षण बिल संसद में ला रहे,
आतंकियों का खौफ अलग लुटेरे बढ़ रहे, पतिनिधि जनता के हवा में उड़ रहे,
शांती अहिंसा रुष्ट हो सीमा से पार गयी, भारत की जनता को भय्या मंहगाई मार गयी !!
Sunday, December 20, 2009
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