Friday, February 26, 2010

सुखी कौन है ?

सुखी वह है जो अपने मेहनत की कमाई से अपने परिवार और बच्चों को पालता है, अपने बृद्ध माता पिटा की सेवा करता है । अपनी कमाई में से साधू संतों की झोली में भी डालता है । भूखे प्यासे को समय पर खाना पानी देकर उसकी जान बचा देता है । जहां नौकरी करता है वहां मालिक और घर में परिवार का वफादार बन कर रहता है । सच्चाई और ईमानदारी से कमाए हुए धन में वरकत आती है । उस परम पिता परमात्मा को हमेशा याद रखें। ऐसे घरों में रूपए पैसे कम भी हों, घर के लोग साधारण लेकिन स्वच्छ कपडे पहिनते हैं । बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हों, पर प्राईवेट स्कूल में पढ़ने वालों के सामने अपने को हीन भावना से ग्रस्त न होने दें। परिवार को एक जुट में बाँध कर रखें । कोंई भी नय्या काम करने से पहले छोटे बड़े सभी की राय लें। कभी कभी काम के बोझ से निजात पाने के लिए सब मिलकर पार्कों में या किसी नजदीकी पर्यटक स्थल पर जा कर बच्चों का मनोरंजन करें। परिवार की हर बात में, हर समस्या का समाधान करने में बुजर्गों की सेवा लें । गृह लक्ष्मी, जब पति हारा थका घर आए तो एक मधुर मुस्कान से उनका स्वागत करे। जिन्दगी में कभी किसी हिस्ट्री सीटर या अफाराध जगत से सम्बन्ध रखने वाले व्यक्ति से दूरी बना कर रखें चाहे वह अपना रिश्तेदार ही क्यों नहो। वच्चों की पढाई लिखाई पर निगरानी जरूर रखें लेकिन उनके मनोबल को बनाए रखने में उनका हौसला अफजाई करें। अंजान व्यक्ति से बच्चों को दूर ही रखें। न किसी अंजान से कभी कोंई गिफ्ट लें। घर में वातावरण को सहज और शांत रखें । कभी कभी परिवार के सभी सदस्यों के साथ खुल कर हँसे । ऐसा परिवार सदा से सुखी रहता है ।
ज्यादा पैसे वाला, बड़ी नाक वाला, रिश्वखोर, जमाखोर, चोर डकैत, हेरा फेरी करने वाला, सरकारी जमीन जबरन हथियाने वाला, कभी सुखी नहीं रहता । आज ही एक समाचार पेपरों में आया है की बिहार के एक विधायक ने जिसके पिता बिहार विधान सभा में मंत्री हैं, ने अपनी पत्नी और च महीने की पुत्री को मार कर स्वंम आत्म ह्त्या कर दी । जिस घर में असीमित धन अनैतिक तरीके आता है, उस घर की सुख शान्ति छु मंतर हो जाती है। वहां क्लेश, झगडा, मारपीटऔर तनाव पूर्ण मौहोल बना रहता है । ऊपर से सी बी ऐ का छापा कभी भी इस परिवार की काली कमाई को बाजार में नुमायास लगा दे ।

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