Tuesday, February 16, 2010

हर कदम एक संघर्ष है

कोटद्वार में मैंने कभी एक स्वप्न देखा था की मेरा भी एक दिन इस नगरी में एक घर होगा । एक प्रोपर्टी डीलर पर भरोषा किया और एक लाख पचास हजार रुपये बयाने के तौर पर दे दिए। लेकिन विडम्बना तो देखिये न प्लाट मिला न ही दिया हुआ बयाना वापिस मिला । हाँ उसने दो चेक दे दिए थे जो बौंस होगये थे । मैंने उससे बात करने की काफी कोशीश की लेकिन उसने कोइ जबाब नहीं दिया। लाचार होकर जिन्दगी में पहली बार मैंने किसी के ऊपर केस किया, आई पी सी ४२० के तहत । ११ फरवरी को मेरा बयान था, इसलिए मैं १० तारीख को ही सुबह की बस से कोटद्वार के लिए रवाना हो गया था । दो बजे मैं कोटद्वार पहुँच गया था । ११ तारीख को कोर्ट में हाजिरी दी, १२ तारीख को महाशिव रात्री थी, उधर दिल्ली से मेरी पत्नी, ब्रिजेश, बिंदु, दोनों बच्चे अर्शिया और आर्नव भी कोटद्वार पहुँच गए थे, कोटद्वार से टैक्सी ली, शोभा, श्रेया और उसके पापा के साथ हम सब हरिद्वार कुम्भ नहाने के लिए गए। साढे नौ बजे हमने स्नान कर लिया था, १० बजे से नागा साधुओं तथा अखाड़े के साधू महात्माओं का साही स्नान था। बड़ी संख्या में लोगों ने इन सन्यासियों के दर्शन किये। स्नान करने के उपरान्त हम लोग फिर चंडी मांई के दर्शन करने गए । शाम को लालढांग होते हुए वापिस कोटद्वार आये और १४ फरवरी को वापिस दिल्ली आगये । कुम्भ स्नान का अपना ही विशेष महत्त्व होता है और हमारी कुम्भ स्नान करने की अभिलाषा पूर्ण हो गयी । कोटद्वार में सिद्ध बली मंदिर में गए। मंदिर में बिरला ग्रुप ने इस ऐतिहासिक मदिर की काया पलट ही कर दी, आज यह मंदिर प्रयाटकों का आकर्षण का केंद्र बन गया है ।

1 comment:

  1. aapne kumbh nahane ka awsar paya aap sachmuch ek bhagyashali byakti hai main bhi 15 March ko kumbh jo ki tisra snan hai jana chahta hu aasha hai ishwar yah awsar denge
    ashok

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