Tuesday, February 23, 2010

रेलवे बजट

ममता बनर्जी (दीदी) का अगला बजट २०१०/२०११ का आने वाला है । बजट की विशेता ' क़ि पश्चिमी बंगाल की हर गली में रेल लाइन बिछाई जाएगी । बंगालियों को ज्यादा से ज्यादा रेलवे में नौकरी दी जाएगी, वहां की जनता को बजट द्वारा ऐसी घुट्टी पिलाई जाएगी क़ि आगामी आने वाले चुनाव में मतदाता केवल दीदी की पार्टी को ही चुनाव जिताए और दीदी ममता को पश्चिमी बंगाल की मुख्या मंत्री सीट पर बिठाएं । इससे पहले लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार, पासवान तीनों ही बिहार के रेल मंत्री थे और तीनों ने पूरे बिहार में रेल की पटरी बिछवा दी, उन पर चाहे रेल गाडी चल रही है या नहीं, इसकी चिता नहीं । पटरी बिछी होंगी तो कभी न कभी गाडी तो चलेगी ही । ये लोग रेल मिनिस्टर को सारे भारत का मिनिस्टर न समझते हुए केवल अपने प्रदेश का मंत्री समझने लगते हैं । अंधा बांटे रेवड़ी अपने अपने को दे। ठीक यही लोकोक्ती इन रेल मंत्रियों पर भी लागू होती है । हाँ ये जवान से नहीं कहते क़ि वे केवल बिहार के हैं या पश्चिमी बंगाल के हैं ! ये लोग बाल ठाकरे और राज ठाकरे से क्या कम हैं, फर्क इतना है क़ि बाल-राज ठाकरे अपने को मराठी कहते हैं, ये जवान से तो नहीं कहते पर आत्मा से यही कहते हैं । फिर देश के लिए पूरे भारत की एक अरब चालीस करोड़ जनता के बारें कौन सोचेगा ? यह एक विचार करने वाला प्रश्न है । जिस प्रदेश का कोइ कैबनिट मंत्री नहीं होगा, उसका फिर ऊपर वाला ही होगा ।

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