मीडिया में बने रहने के
लिए, अपनी फिल्म को हाई
लाइट करने के लिए बड़े बड़े फ़िल्मी दुनिया की हस्तियाँ कैसे कैसे
हतकंडे अपनाते
हैं! जनता को बेवकूफ बनाने के लिए और अपना चमड़े का सिक्का चलाने के लिए शाहरुख खान जैसे एक्टर भी ऐसे स्टैंड अपना लेते हैं ! जब फिल्म "मेरा नाम है" फिल्म के शौकीनों के दिल और दिमाग में छा चुकी थी फिर यह बे वजह का तूफ़ान खड़े करने का क्या मतलब था ? मीडिया में यह सवाल उठाना की 'पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ियों को ऐ पी एल में लिया जाना चाहिए था, अपना नाम देश के तमाम अखबार की सुर्ख़ियों में फोटो के साथ छपवाने का था बस ! अब सवाल उठाता है कि अगर पाकिस्तान के खिलाड़ियों से इतना ही लगाव था तो शाहरुख खान ने उन्हें अपनी टीम में लेने के लिए बोली क्यों नहीं लगाई? भारत की जनता इतनी भोली भाली है की इन एक्टरों के हत्कंडों को नहीं समझ पाती है, भाउक हो जाते है और शाहरुख जैसे लोग अपने चाहने वालों को गम राह कर के मीडिया में छा जाते हैं ! चलो शुक्र है तूफ़ान थम गया !
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