Saturday, February 27, 2010
नेशनल बजट २०१०-11
परनव मुकर्जी, भारत के वित मंत्री ने २५ फरवरी को संसद में २०१०-११ का बजट पेश कर दिया । खाश बात पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा दिए गए । दवाइयों के दाम बढ़ जाएंगे । खाद्य सामग्री के दाम पहले ही ऊंचे चढ़े हुए हैं, शायद यह बजट इसमें कुछ और इजाफा कर दे। हाँ आयकर की सीमा 1.६ लाख से 5 लाख तक १० % टैक्श देना होगा जिसकी लिमिट अभी तक ३ लाख तक थी । वित मंत्री महोदय ने नन्ने बच्चे के डायपर भी नहीं छोड़े । अब मांवों को डायपर के लिए कुछ अधिक रकम खर्च करनी पड़ेगी । आम आदमी से हट कर यह बजट बड़े बड़े रईसों के लिए फायदेबंद है । आजादी के बाद हमारे वित मंत्रियों ने हर बजट में गरीब और अमीरों के बीच की खाई घटाने के बजाय बढाई है,और आज आलम ये है कि अमीर आसमान की ऊंचाइयों में पहुँच गया है और गरीब पहले कम से कम जमीन के ऊपर था अब जमीन में धंसने लगा है । हर बजट गरीबी रेखा से नीचे जाने वाले की संख्या में इजाफा करता जा रहा है । हर वित मंत्री अपने बजट भाषण में गरीबों की दशा सुधारने की बातें करता है लेकिन गरीबों की दशा सुधरने के बजाय और बिगड़ जाती है । बजट चाहे वो ममता बनर्जी का रेल बजट हो चाहे परनव दादा का राष्ट्रीय बजट हो देश के करोड़ों अनपढ़ लोगों को लोलीपोप देकर अपनी पार्टी का वोट बैंक बनाने की कवायद है ।
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