Wednesday, August 18, 2010

मेरी कहानी (तेइसवां भाग)

कैलेण्डर की तारीख बदलती गयी, १९९९ हट गया, नए साल के साथ ही २००० ईस्वी यानी इक्कीसवीं सदी ने धरती पर अपने कोमल चरण टिकाए, डरते डरते, क्यों की विश्व इस सदी के आते आते तक इंसान के खुराफाती कार्यों से, इरादों से, आईटम-परमाणु बमों से, विध्वंशक कार्यों से काफी जर्जर हो चुका था ! जंगल कट चुके थे, कृषि भूमि सिमिट कर मल्टी स्टोरीज बिल्डिंगों में तब्दील हो गयी थी ! प्रदूषण का भयानक राक्षस अपनी विषैली शांसों से धरती और आसमान को निगलने जा रहा था ! धरती की पवित्र पावनी नदियाँ गंधे नालों में तब्दील हो चुकी थी ! २००० को आना था सो आ गया ! पाकिस्तान के साथ फिर अटल जी ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया, कारगिल की चोट खाने के बाद भी ! लेकिन ढ़ाक के तीन पात, पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आसकता ! फ़ौजी शासक जनरल परवेज मुशर्रफ स्वयंभू राष्ट्रपति बनते ही अपनी जन्म भूमि के दर्शन करने हिन्दुस्तान आया, दिल्ली आया, आगरा का ताजमहल देखा और वापिस पाकिस्तान जा कर वही नफ़रत वाली भाषा में बात करने लगा !
२३ अप्रेल २००० को बड़े बेटे डा० राजेश की शादी हरी नगर वासी श्री शिवसिंह नेगी जी और श्रीमती उमा नेगी की सुपुत्री काजल के साथ की गयी ! शादी बड़े धूम धाम से हुई ! यह परिवार भी पौड़ी गढ़वाल का है ! शिक्षित और सांस्कारिक परिवार है ! अपनी परम्पराएं और सभ्यता से जुडा हुआ है ! परिवार के सारे के सारे अच्छी हैसियत के लोग हैं ! ४ जौलाय २००३ ई० को छोटे बेटे ब्रिजेश की भी शादी कर दी, सागरपुर निवासी श्री कमालसिंह मखलोगा जी की पोती, श्री विजयसिंह मखलोगा जी की सुपुत्री बिन्दू के साथ ! यह परिवार टेहरी गढ़वाल का है ! इतिहास कहता है की मखलोगा जाति के लोग कभी रावलपिन्डी के पुंडीर शासक थे ! मुसलमानों की आवोजाही से इनके पूर्वज वहां से निकल कर टेहरी गढ़वाल में आकर बस गए ! टेहरी राज परिवार से भी इनके सम्बन्ध हैं !
२६ अक्टूबर २००३ ई० को मेरा बड़ा पोता राजेश का पहला पुत्र आत्रेय का जन्म हुआ यूटाह अमेरिका में ! ७ अप्रेल २००५ ई० को मेरी पोती छोटा बेटा ब्रिजेश की लड़की का जन्म हुआ द्वारका दिल्ली में !
८ जून २००७ ई ० को मेरा दूसरा पोता राजेश का दूसरा बेटा वेदान्त का जन्म हुआ न्यू यार्क (मेलविल) में
१६ फरवरी २००९ ई० को मेरा तीसरा पोता ब्रिजेश का पुत्र आर्नव का जन्म हुआ द्वारका दिल्ली में !
२००३ ई० को पहली बार मैं अपनी पत्नी के साथ अमेरिका गया था ! मेरा बड़ा बेटा राजेश उस समय यूटाह (अमेरिका के पश्चिम कोस्ट) में रहता था ! ५ सितम्बर २००३ को दिल्ली एयर पोर्ट से एशियाना एयर लाईन्स से सियोल (साउथ कोरिया) होते हुए लास एंजेल्स एयर पोर्ट पर उतरे, वहां से अमेरिकन एयर लाईन्स से यूटाह पंहुचे ! हवाई यात्रा का पहला अवसर मिला था, यात्रा का भरपूर आनंद लिया ! एक ऐसी पहाडी प्रदेश जिसका पूरा पानी यहाँ की साल्ट लेक (झील) में जमा होता है ! यह लेक बहुत बड़ी झील है और यहाँ के स्थानीय लोग इसके पानी को क्यारियों में जमा करके नमक बनाते है ! यहाँ देखने के लिए बहुत कुछ है ! यहाँ के लोग ईसाई हैं लेकिन ये ईसा मसीह की जगह उनके बाद के गुरु को मानते हैं और इन्हें मारमोन कहा जाता है ! यहाँ हर चार साल बाद विंटर ओलम्पिक का आयोजन किया जाता है ! हैकिंग करने के लिए बड़ी बड़ी पहाड़ियां हैं ! सर्दियों में यहाँ पूरा इलाका बर्फ से ढक जाता है ! यहाँ का सबसे बड़ा शहर है साल्ट लेक सिटी है ! इसके नजदीकी प्रदेश हैं, नेवाडा केलिफोर्नियाँ आदि ! नेवाडा पर्वतीय प्रदेश बिलकुल सूखा एरिया है, लेकिन वहां की प्रांतीय सरकार ने इस इलाके में वेंडसर और लास वेगस जैसे आधुनिक सुख सुविधाओं से युक्त शहर बसा दिए हैं ! वेंडसर एक छोटी सिटी है पर इस सूखे रेगिस्तान में धरती पर स्वर्ग का आभास करताहै ! लेकिन लास वेगस तो विश्व प्रसिद्द कैसिनो का जाना माना नाम है ! १०-१२ मल्टी स्टोरीज होटल्स सुख सुविधावों से युक्त, होटलों को जोड़ने के लिए मिनी रेल हैं ! सरकार जनता ने मिलजुल कर इस प्रदेश को बहुत ही आकर्षक और सुन्दर बना दिया है ! सुन्दर सजा सजाया मार्केट जहां संसार के हर देश का सामान मिल जाता है ! बहुत बड़ी लाईब्रेरी जहां सभी भाषाओं में पुस्तकें उपलब्ध हैं ! यहाँ के लोग बड़े मिलनसार और विदेशों से आये हुए लोगों का सम्मान करने वाले हैं ! वहां दो अंग्रेज परिवार वालों ने हमें डिनर पर भी बुलाया था ! एक रिटायर्ड प्रिंसिपल हमें रोज सुबह की सैर करने पर रास्ते में मिलती थी, वापस इंडिया आते वक्त हुए उस लेडी ने मेरी पत्नी को गले लगाया और एक बड़ी सुन्दर स्वेटर निशानी के तौर पर पहिनाई ! हम लोग करीब पांच महीने यहाँ रहे एक दिन भी बोरियत महसूस नहीं हुआ ! २५ जनवरी २००४ ई० को हम लोग वापिस इंडिया चले गए थे ! एक फ़ौजी रिटायर्ड कभी स्वप्न भी नहीं देख सकता अमेरिका जैसे देशों में जाकर घूमने फिरने का !

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