Wednesday, February 17, 2010

आर्नव का पहला जन्म दिन

ब्रिजेश का लाडला मेरा प्यारा पोता आर्नव आज १६ फरवरी को एक साल का होगया है । १६ फरवरी का दिन बड़ा ही शुभ दिन माना गया है ! मंगलवार का दिन, इस साल १६ फरवरी के दिन दिल्ली दिल्ली में करीब ३५ हजार शादियाँ हुई हैं ! हमने केक काट कर परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर आर्नव का पहिला जन्म दिन मनाया ! इस अवसर पर मैंने एक छोटी सी कविता भी बनाई :-
सदा भवानी दायिनी गौरी पुत्र गणेश,
पञ्च देव रक्षा करें ब्रह्मा विष्णु महेश!
ब्रह्मा विष्णु महेश, जन्म दिन आर्नव का आया,
सरदी में भी दिनकर ने अच्छी धूप दिखाया !
दादा कहे सुनों भी बच्चो कुछ ऐसा कर दिखलाओ,
आर्नव हैपी बर्थ डे, कह कर मस्ती मौज मनाओ !
मधुर स्वर कानों में बजने लगे हैं, गगन में सितारे सजने लगे हैं !
गन्धर्वों की टोली होकर मगन स्वरों में स्वरों को मिलाने लगे हैं !
हल चल मची है जल थल में देखो, झरने भी झंकार करने लगे हैं,
बागों में रंगीन फूलों की पंक्ती हिल हिल के आर्नव को बुलाने लगे हैं!
आर्नव का पहला जन्म दिन मनाने, मधुर स्वर में कोयल भी गाने लगी है!
नन्नी सी चिड़िया पेड़ों पे बैठे, स्वर ताल में वे गाने लगी हैं!
हंसों का जोड़ा चुगने को मोती, ताल तालियों में आने लगे हैं,
पंखों को फैला ठुमक ठुमक कर खुशी का इजहार करने लगे हैं।
देने को आशीष आर्नव को दिगपाल भी पुष्प गिराने लगे हैं,
परी लोक के परियों का दल भी महफ़िल को देखो सजाने लगे हैं !
हर फूल में हैं गुण गुनाते भंवरे खुशबू फूलों की फैलाने लगे हैं !
मधुर स्वर कानों में बजने लगे हैं, गगन में सितारे सजने लगे हैं !
१६ फरवरी २०१० दिन है मंगल वार,
एक साल का आर्नव हुआ, आशीष बारम्बार,
आशीष बारम्बार, दादा दादी गोद बिठाएं,
नाना बड़े प्रेम से इसको अपने गले लगाएं !
तुम्ही बता दो प्यारे आर्नव तुम्हे मैं क्या दूं,
जोर से बोलो नन्ने बचो "हैपी बर्थ दे तो यू "!

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