Thursday, August 26, 2010

मेरी कहानी ( छब्बीसवां भाग )

राजेश जनवरी २००४ को एक साल के लिए अमेरिका से इंगलैंड चला गया था ! वहां इंग्लैण्ड काजल की ममी डैडी, मेरी लड़की उर्वशी और ध्योता करण और ध्योती नीतिका भी टूर वीजा पर गए ! वहां इन लोगों ने एक महीने खूब घुमाई की ! जनवरी २००५ में राजेश-काजल आत्रेय के साथ वापिस अमेरिका न्यू योर्क आ गए ! मैं अब के अकेला मार्च के महीने में अमेरिका आया बच्चों के पास ! यहाँ लौंग ऐलैंड, मेलविल में फ्लेट लेकर बच्चे रह रहे थे ! उस समय पूरा इलाका बर्फ से ढका हुआ था ! सीत लहरें चल रही थी ! इलाका साफ़ सुथरा और घूमने के लिए काफी अच्छा था ! कालोनी को घेरते हुए एक पगडंडी बनी थी डेढ़ दो किलो मीटर की, इसी पर सुबह शाम घूमने का लुफ्त उठाता था ! सड़क पार अध्या प्रशाद्सिंह एक हिन्दुस्तानी परिवार रहता है ! ये लोग उत्तर प्रदेश जिला प्रताप गढ़ के ठाकुर हैं ! अचानक इनसे मुलाक़ात हो गयी और फिर इनके साथ बहुत ही अच्छे सम्बन्ध बन गए ! काफी घुमाई की, न्यू यार्क शहर, (मैनहट्टन), जहां २००१ में आतंक वादियों ने दो वर्ड ट्रेड टावर गिराए थे वह स्थान भी देखा ! इम्पायर स्टेट की गगनचुम्बी इमारत के ऊपर चढ़ कर जिसमें न्यू यार्क, समुद्र, जंगल आलीशान इमारतें देखी ! यहीं पर एक लघु पिक्चर भी दिखाई गयी ! जिसमें न्यू योर्क का इतिहास, कही टापुओं को मिलाने के लिए समुद्र के अन्दर सुरंगे, समुद्र के ऊपर विशाल पुल, मल्टी स्टोरीज बिल्डिंगे, स्कूल कालेज, विश्व के लोगों का संगम मैनहट्टन, चाइना टाउन, जौहन हाईट (यह भारतीयों की बस्ती है) ! जगमगाता हुआ मार्केट जहां संसार के हर देश का सामान उपलब्ध है ! टाइम स्क्वायर, और बहुत सी गलियाँ, सारे देशों की अम्बेसीज, संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय, पुराने और आधुनिक चर्च, समुद्र की लहरों से खेलने वाले सैलानी सिटी के हर कोने में सुविधावों से लैश बीच, छोटे बड़े जहाज, मोटर बोट, होटल, रेस्टोरेंट, जैसे सारी दुनिया यही आकर बस गयी हो ! भारतीय लोगों के बड़े बड़े स्टोर "पटेल ब्रदर्स, जेवेलेर्स शाप", जहां हिन्दुस्तानियों के लिए अपने देश की सारी वस्तुवें मौजूद हैं !
यहाँ अमेरिका में भारतीय राजपूतों की एक बड़ी "राजपूत सभा" है ! साल में एक बार सारे अमेरिकन राजपूतों की सालाना मीटिंग होती है, कभी न्यू यार्क में तो कभी दूसरे प्रदेशों में ! इस साल मीटिंग न्यू यार्क में ही थी, शेर बहादुरसिंह जी इसके अध्यक्ष थे, उनहोंने हमें भी इस मीटिंग में सामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा था और हमारे परिवार के सारे सदस्य इस मीटिंग में सामिल हुए थे ! तीन या छ महीने में प्रदेश स्तर पर राजपूत सभा की मीटिंगे होती रहती हैं ! मीटिंग शुरू होने से पहले दुर्गा की पूजा का विधान है और एक बार तो एक मीटिंग में श्री एस बी सिंह के अनुरोध पर मुझे ही पूजा करने का दायित्व निभाना पड़ा ! एक बार हनुमान मंदिर में मैंने कविता पाठ किया और लोगों ने कविता की सराहना की ! बल्की उस कविता की चंद पंक्तियाँ मंदिर कमेटी की मैगजीन में भी छापी गयी !
जौलाय में मेरी पत्नी आ गयी थी और मैं अगस्त में दिल्ली चला गया ! पत्नी भी दिसम्बर में दिल्ली आ गयी थी !
मई २००४ ई० के संसद चुनाव में कोई भी सिंगल पार्टी बहुमत में न आने से कांग्रेस के नेतृत्व में यू पी ए ने केंद्र में सता संभाली और डा० मन मोहनसिंह प्रधान मंत्री बनाए गए ! एक सज्जन, ईमानदार, महान अर्थशास्त्री और योग्य शासक मिला था देश को ! जनता खुश थी ! लेकिन जनता को बाद में पता चला की सता का केंद्र बिंदु तो कहीं और है ! मन मोहन सिंह जी, प्रधान मंत्री हैं पर सता का रिमोट कंट्रोल तो कांग्रेस अध्यक्ष के हाथ में है ! मंहगाई, बेकारी का प्रतिशत बढ़ने लगा, गरीबों की संख्या में इजाफा होने लगा, पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा, सता के गलिहारों में भ्रष्टाचार जोर पकड़ने लगा, लेकिन मन मोहन जी की सज्जनता फिर रंग लाई और २००९ ई ० के संसद के चुनाओं में कांग्रेस की यू पी ए को फिर गद्दी दिला दी ! मन मोहनसिंह जी की दूसरी पारी शुरू हो गयी है प्रधान मंत्री की कुर्सी पर !
अक्टूबर २१, २००७ फिर एक बुरी खबर लेकर आया, मेरा चहेरा भाई अवकाश प्राप्त ले.कर्नल मनोहरसिंह दिल का दौरा पड़ने से स्वर्ग सिधार गया ! एक मुस्कराता हुआ चेहरा, एक हंसने हंसाने वाला भाई अचानक हमारे मध्य से चला गया संसार के सारे बंधनों को तोड़ कर ! वह तो चला गया लेकिन सारे परिवार को दुखी छोड़ गया !

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