इतिहास कहता है की अमेरिका की खोज १४९२ ई० में स्पेन के एक नाविक कोलंबस ने की थी ! लेकिन अमेरिका के इतिहासकार कुछ और ही कहते हैं ! उनका कहना है की अमेरिका की खोज करने वाले इन्डियन थे जिन्होंने ३००००-४०००० हजार साल पहले अमेरिका की खोज की थी ! उससे पहले यहाँ बर्फ ही वर्फ थी ! केवल बर्फ में रहने वाले जीव जंतु ही यहाँ रहते थे !
सन २००३ की सितम्बर में मैं अपनी पत्नी के साथ यूटाह अमेरिका) आया था ! इस बार हमें लास एंजलस के हवाई अड्डे से यूटाह के लिए डोमेस्टिक हवाई जहाज लेना पड़ा था ! यहाँ यूटाह में पूरानी सभ्यता के कही रहस्य छिपे हुए हैं ! एक स्थान पर लिखा था " इन्डियन रियुंड विलेज ", खंडर हुए मकान, मिट्टी के वर्तन, खेती में काम आने वाले औजार, हस्त कला के कुछ नमूने, वहां म्यूजियम में सुरक्षित रखे प्राय हुए थे और देशी विदेशी का आकर्षण का केंद्र बने हुए थे ! राजेश अपनी मम्मी, मुझे और काजल को उस इन्डियन बरबाद हुए गाँव को दिखाने के लिए ले गया था ! मैं एक हिन्दुस्तानी हूँ और जब भी भारतीय सभ्यता और संस्कृति की बात आत्ती है तथा हमारे देश के पूर्वजों द्वारा किये गए कार्यों की समीक्षा विदेशी इतिहास कारों द्वारा की जाती है तो मेरा सीना गर्व से तन जाता है ! यहाँ एक पहाडी है, बाहर से बिलकुल रुखी और बदरंग सी लगती है लेकिन इसके भीतर तीन मील लम्बी सुरंग है जो तीन गुफाओं को जोड़ती है ! इन गुफाओं के अन्दर कुदरत ने जादू का एक अद्भूत चमत्कार दिखाया हुआ है, यहाँ गुफा में जाने के लिए २०-२५ लोगों की टीम में जाना पड़ता है अकेले गुम होने का खतरा है, फिर एक शिखशित गाईड लोगों को अन्दर ले जाता है तथा हर चीज प्रयाटकों को दिखाता है तथा उसकी विशेषताओं की भी जानकारी देता है ! अगर बाहर का तापमान ३१ डिग्री है तो गुफा के अन्दर जीरो से भी नीचे होता है ! गर्म कपडे ले जाने पड़ते हैं ! उस मायावी पर्वत के अन्दर अनेक रंगों में मोम जैसी रासायनिक तरल पदार्थ निकलकर कही प्रकार की आकृतियाँ फार्म करती हैं और बड़ी होती होती फिर स्वयं ही पिघलने लगती है ! एक चौकोर पत्थर के ऊपर एक बड़ा सा दिल के आकार की आकृति फॉर्म होती है पिघलती है और फिर बनाती है ! इसके बारे में गाईड ने बताया की यह एक लड़की का कलेजा है जो किसी समय किसी कबीले के सरदार ने वारीश न होने के कारण पुरोहित के कहने से इंद्र देवता को खुश करने के लिए कबीले के ही सुन्दर नव-जवान लड़की की बलि दे दी थी ! उसका कलेजा निकाल कर इसी पत्थर पर रखा गया था ! असली कलेजा तो समय की आंधी में कहीं नष्ट होगया लेकिन कुदरती उसी पत्थर पर लगातार कलेजे के आकार की आकृति फॉर्म होती है और फिर पिघल जाती है ! यह कहानी भी हमारी भारत के लोक कथाओं से मेल खाती है ! फिर लास एंजलस, लास वेगस, नवादा, केलिफोर्निया भी घुमे वहां भी किसी न किसी रूप में इन्डियन का नाम इतिहास के पन्नो में अंकित है ! केनेथ सी डेविस ने अपनी पुस्तक "डोंट नो मच अबाउट अमेरिकन हिस्ट्री " पेज ११, में लिखा है ओके इन्डियन ने ही वास्तव में पहली बार अमेरिका की खोज की थी ! वे लिखते है की ३००००-४०००० हजार साल पहले जब सारी धरती बर्फ से ढकी थी, सागर भी जमा हुआ था, तो दक्षिण पश्चिम एशिया से इन्डियन शिकार की खोज में निकले थे और पीढी दर पीढी हजारों मील सफ़र करते करते आखीर में अमेरिका पहुँच गए और यहीं के हो कर रह गए ! और भी इतिहास कार इस बात का समर्थन करते हैं ! इन लोगों ने यहाँ अमेरिका को बनाया और उधर भारत में भारत इतना समृद्धशाली हो गया था की पूरे यूरोप वाले भारत का सोना और मशाले लाने के लिए भारत की तरफ भागने लगे ! आपसी दुश्मनी अलगाव बाद ने यूरोप से आने वाले व्यारियों को पूरा देश ही सौंप दिया और अमेरिका, गलती से भारत के धोके में अमेरिका आने वाले कोलंबस यहाँ भी पहुँच गए ! फिर पूरे यूरोप के लोगों ने आकर यहाँ के मूल इंडियनों को जिनकी आबादी उस समय करीब अस्सी लाख के लगभग थी मारा, उनकी हत्याएं की उनकी जमीन, धन दौलत सारा लूट लिया गया और स्वयं मालिक बन गए ! अब तो सारी दुनिया के लोग यहाँ बस गए हैं और यहीं के होकर रह गए हैं ! और उधर भारत जो कभी विश्व का आकर्षण का केंद्र था जगत गुरु था आज भी जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहा है ! जाति पांति, धार्मिक मतभेद, उंच नीच, अमीर गरीब की बढ़ती हुई दूरियों ने भारत की प्रगति को अवरुद्ध कर दिया है ! रही सही भारतीय करप्ट और अफ़राधी नेताओं ने अपना वोट बैंक बनाने खातिर देश को काफी पीछे धकेल दिया है !
Thursday, July 1, 2010
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बहुत बडिया लेख है
ReplyDeleteVery good
ReplyDeletei think that it is still secret ,who invented america.
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